लखीमपुर खीरी के निघासन में मृतक दो बहनों की मां ने जहां गांव के ही पड़ोसी छोटू को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए उसकी मामले में संलिप्तता बताई है तो वहीं छोटू को लेकर गांव में दो फाड़ हैं। मृतका के पड़ोस वाले लोग छोटू को तो आरोपी, लेकिन छोटू के पड़ोसी मृतका के परिवार को दोषी बता रहे हैं। वहीं पीड़िता के गांव की लड़कियों ने दबी जुबान में बताया कि आरोपियों के गांव के शोहदे व अन्य ने स्कूल जाने वाली लड़कियों का जीना मुहाल कर रखा है।
शुरुआती दौर में तो गांव के लोग कुछ भी बताने से इनकार करते रहे, लेकिन बाद में बताया कि छोटू का पीड़िता के घर के सामने खेत है, जो उसको ससुराल की तरफ से मिला है। इसी नाते वह अक्सर खेत में आता-जाता था, जहां उसने मक्का की फसल उगाई थी, लेकिन उसको घटना में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।
छोटू की मां ने बताया कि उसके चार बेटे हैं, जिसमें तीन बाहर मजदूरी करते हैं। उसके पास छोटू और उसकी दिव्यांग पत्नी रहती थी। बताया कि आरोपियों के गांव के शोहदों से पीड़ित परिवार डरता है, इसलिए छोटू को फंसाया है।
उधर, दबी जबान में गांव की लड़कियों ने बताया कि वह जिला पंचायत इंटर कॉलेज में पढ़ती हैं। जब वह स्कूल जाती हैं तो आरोपियों के गांव से निघासन के लिए निकलते हुए वहां के लोग अभद्रता करते हैं, लेकिन डर के मारे वह कुछ नहीं बोलती हैं। हालांकि, बच्चियों ने पांचों आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया।
उधर, एक गांव से गिरफ्तार पांचों आरोपियों जुनैद, सुहेल, हफीजुर्रहमान उर्फ मंझिलका, करीमुद्दीन और आरिफ के परिजनों का कहना है कि यह सभी युवक बाहर मजदूरी करने जाते थे। दो सितंबर को बिसवां मेले के लिए हैदराबाद से आए थे। उन पर कभी चारित्रिक दोष नहीं लगा।