माघ माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भीष्म द्वादशी के नाम जा जाना जाता है। इस बार भीष्म द्वादशी 24 फरवरी 2021 दिन बुधवार को पड़ रही है। महाभारत में भीष्म पितामह ने कौरवों की ओर से और पांडवों के विरूद्ध युद्ध लड़ा था। वे बहुत ही कुशल और अजय योद्धा थे। भीष्म अकेले ही युद्ध जीतने का सामर्थ्य रखते थे, परंतु वे जानते थे कि वे गलत पक्ष की ओर से युद्ध लड़ रहे हैं, यही कारण था कि उन्होंने स्वयं ही पराजय स्वीकार कर ली। भीष्म पितामाह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। उन्होंने सूर्य के उत्तरायण होने पर अपनी देह का त्याग किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस दिन भीष्म पितामाह ने अपनी देह त्यागी थी, उस दिन माघ मास की अष्टमी तिथि थी, जिसके बाद द्वादशी तिथि को पांडवों ने भीष्म पितामाह की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान संस्कार किए थे। तो चलिए जानते हैं कि इस दिन आप किस तरह से अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।