प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महीने पहले 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ा था। इनमें से दो नर चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया है। शेष छह चीतों को भी जल्द ही बड़े बाड़ों में छोड़ दिया जाएगा। हालांकि, नया खुलासा हुआ है कि जिस चीते का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आशा' रखा था, वह अब प्रेग्नेंट नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि उसका गर्भपात हो गया है।
आशा की प्रेग्नेंसी को लेकर संशय बना हुआ था। अब यह संशय खत्म हो गया है। उसकी गर्भाधान अवधि यानी गैस्टेशन पीरियड खत्म हो गया है। वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों का कहना है कि चीतों में गर्भ की अवधि 93 दिन की होती है। आशा को पिंजरे में ही 100 से अधिक दिन हो गए हैं। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि आशा अब प्रेग्नेंट नहीं है। हो सकता है कि स्ट्रेस की वजह से उसका गर्भपात हो गया हो या उसने रीएब्जॉर्ब कर लिया हो।
आशा की प्रेग्नेंसी को लेकर संशय बना हुआ था। अब यह संशय खत्म हो गया है। उसकी गर्भाधान अवधि यानी गैस्टेशन पीरियड खत्म हो गया है। वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों का कहना है कि चीतों में गर्भ की अवधि 93 दिन की होती है। आशा को पिंजरे में ही 100 से अधिक दिन हो गए हैं। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि आशा अब प्रेग्नेंट नहीं है। हो सकता है कि स्ट्रेस की वजह से उसका गर्भपात हो गया हो या उसने रीएब्जॉर्ब कर लिया हो।