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Project Cheetah: PM मोदी ने जिस चीते का नाम रखा था 'आशा', उसने किया निराश, जानिए क्या है वजह

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: रवींद्र भजनी Updated Thu, 17 Nov 2022 04:48 PM IST
Project Cheetah: Asha, Cheetah Named By PM Modi, Is Not Expecting, Kuno National Park Updates
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महीने पहले 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ा था। इनमें से दो नर चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया है। शेष छह चीतों को भी जल्द ही बड़े बाड़ों में छोड़ दिया जाएगा। हालांकि, नया खुलासा हुआ है कि जिस चीते का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आशा' रखा था, वह अब प्रेग्नेंट नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि उसका गर्भपात हो गया है। 

आशा की प्रेग्नेंसी को लेकर संशय बना हुआ था। अब यह संशय खत्म हो गया है। उसकी गर्भाधान अवधि यानी गैस्टेशन पीरियड खत्म हो गया है। वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों का कहना है कि चीतों में गर्भ की अवधि 93 दिन की होती है। आशा को पिंजरे में ही 100 से अधिक दिन हो गए हैं। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि आशा अब प्रेग्नेंट नहीं है। हो सकता है कि स्ट्रेस की वजह से उसका गर्भपात हो गया हो या उसने रीएब्जॉर्ब कर लिया हो। 

 
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कहां से आई थी आशा के गर्भवती होने की खबर
दरअसल, जब चीतों को भारत लाया जाना था, तब नामीबिया के चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) ने उनकी जांच की थी। तब सोनोग्राफी में पता चला था कि आशा चीता के गर्भ में भ्रूण आकार ले रहा है। करीब एक महीने से अधिक समय उसे वहीं पिंजरे में रखा गया। इसके बाद इन चीतों को भारत शिफ्ट किया गया। यहां भी आशा फिलहाल क्वारंटाइन बाड़े में ही है। आठ में से सिर्फ दो नर चीतों को ही बड़े बाड़ों में छोड़ा गया है, जिनके नाम फ्रेडी और एंटन बताए जाते हैं।  


 
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किस आधार पर हुआ दावा कि आशा का गर्भपात हो गया
भारत में आने के बाद से आशा चीते की कोई जांच नहीं हुई है। चीतों को किसी तरह की स्ट्रेस न हो, इसके लिए उनके आसपास कोई नहीं जा रहा। एक और दिक्कत यह थी कि कूनो में न तो टेस्टिंग फेसिलिटी है और न ही कोई प्रोटोकॉल।  विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में आशा बच्चों को जन्म दे देगी। पर ऐसा नहीं हुआ। अब विशेषज्ञ कह रहे हैं कि आशा को निगरानी में 100 से अधिक दिन हो गए हैं। चीतों की गर्भाधान की अवधि 93 दिन होती है। इस आधार पर यह कहना सुरक्षित होगा कि आशा चीता अब प्रेग्नेंट नहीं है। 



क्वारंटाइन में बच्चों को जन्म देती तो बाड़े में ही रहता परिवार
एक मीडिया रिपोर्ट में सीसीएफ फाउंडर और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. लॉरी मार्कर के हवाले से कहा गया है कि आशा को जंगल से लाए 100 से अधिक दिन हो गए हैं, इस वजह से यह कहा जा सकता है कि वह अब प्रेग्नेंट नहीं है। यदि उसने क्वारंटाइन बाड़े में बच्चों को जन्म दिया होता तो चीता परिवार को कुछ और महीने वहां रहना होता। तब शावक भी आशा के साथ ही बड़े बाड़े में शिफ्ट होते। हमारा अनुमान है कि परिवहन में आशा जिस स्ट्रेस से गुजरी, उसने ही उसकी गर्भावस्था को खत्म कर दिया और गर्भपात हो गया। 
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