शरीर को बेहतर ढंग से काम करते रहने के लिए कई प्रकार के विटामिन्स, खनिजों और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता होती है। इनमें होने वाली कमी के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है। शरीर के लिए आवश्यक ज्यादातर पोषक तत्व हमें भोजन के माध्यम से आसानी से प्राप्त हो जाते हैं, हालांकि यदि आहार की पौष्टिकता ठीक नहीं है तो इन तत्वों की कमी का भी जोखिम हो सकता है। इस लेख में हम शरीर में विटामिन बी6 की कमी और शरीर पर इसके होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
अधिकांश लोगों को अपने आहार से शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में बी6 मिल जाता है, हालांकि यदि आपमें अन्य बी कॉम्प्लेक्स की कमी है तो विटामिन बी6 की भी कमी होने का जोखिम हो सकता है। लिवर, किडनी, पाचन या ऑटोइम्यून बीमारी वाले लोगों के साथ-साथ धूम्रपान-शराब का अधिक सेवन करने वालों, मोटापे के शिकार लोगों और गर्भवती महिलाओं में विटामिन बी6 की कमी अधिक देखी गई है।
विटामिन B6 में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसका मतलब है कि यह हृदय रोग और कैंसर जैसी क्रोनिक स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है। आइए जानते हैं कि इस विटामिन की शरीर में कमी हो जाने के किस प्रकार के लक्षण हो सकते हैं?
अधिकांश लोगों को अपने आहार से शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में बी6 मिल जाता है, हालांकि यदि आपमें अन्य बी कॉम्प्लेक्स की कमी है तो विटामिन बी6 की भी कमी होने का जोखिम हो सकता है। लिवर, किडनी, पाचन या ऑटोइम्यून बीमारी वाले लोगों के साथ-साथ धूम्रपान-शराब का अधिक सेवन करने वालों, मोटापे के शिकार लोगों और गर्भवती महिलाओं में विटामिन बी6 की कमी अधिक देखी गई है।
विटामिन B6 में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसका मतलब है कि यह हृदय रोग और कैंसर जैसी क्रोनिक स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है। आइए जानते हैं कि इस विटामिन की शरीर में कमी हो जाने के किस प्रकार के लक्षण हो सकते हैं?