बीती रात बारामुला में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए बीएसएफ के जवान नितिन ने अपनी शहादत देकर एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया । आतंकियों से लोहा लेते नितिन उनके ग्रेनेड से घायल होने के बाद भी लगातार उनपर फायरिंग करते हुए उन्हें रोके रहे । नितिन के साहस के कारण सेना के इस कैंप में घुसने में नाकाम रहे जिसके कारण एक बड़ी आतंकी साजिश नाकाम हो गई । नितिन को गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल ले जाया जा रहा था जिस दौरान वे शहीद हो गए । जानें कैसे नितिन ने अपनी शहादत देकर साहस के बल पर कैसे नाकाम की आतंकियों की साजिश :
बीएसएफ आईजी विकास चंद्रा के अनुसार रात करीब साढ़े दस बजे झेलम के किनारों पर हरकत महसूस हुई । बंकर पर तैनात जवानों ने जब आतंकियों को ललकारा तो जवाब में वहां मौजूद आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी ।
जिसके जवाब में बीएसएफ जवानों ने भी फायरिंग की । फायरिंग के बीच आतंकियों की ओर से बीएसएफ जवानों के बंकर पर ग्रेनेड लांचर की मदद से ग्रेनेड फेंका गया ।
इसके बाद हालात बिगड़ता देख वरूण और नितिन दोनों ने बंकर के बाहर निकलकर आतंकियों का सामना करते हुए फायरिंग शुरू की ।
इस दौरान आतंकियों के द्वारा फेंका गया एक ग्रेनेड नितिन के बिल्कुल पास आकर गिरा । ग्रेनेड के धमाके में नितिन गंभीर रूप से घायल हो गए ।