कृषि कानून रद्द कराने के लिए चल रहे किसान आंदोलन में किसानों को रिश्तों के साथ बांधकर एकजुट किया जा रहा है। हरियाणा को पंजाब का छोटा भाई कहा जाता है और आंदोलन में हरियाणा के किसानों की तरफ से छोटे भाई का फर्ज भी बखूबी निभाए जाने की बात कही जा रही है। खरखौदा की किसान महापंचायत में हरियाणा व पंजाब के साथ यूपी के रिश्ते को बताकर एकजुटता पर जोर दिया गया। इसके साथ ही किसी भी प्रदेश के किसानों का उत्पीड़न नहीं होने देने की बात कही गई। सभी के एक साथ खड़े रहने का आह्वान किया गया। किसान नेताओं ने यह भी साफ कहा कि आज खापों के कारण आंदोलन को मजबूती मिली है तो सर छोटूराम व चौधरी चरण सिंह को असली किसान नेता बताया गया। वहीं अब आंदोलन में दलित वर्ग को जोड़ने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। जिससे इस पर केवल जाट व सिख का आंदोलन होने की छाप नहीं लग सके। भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि इस बार सभी किसान मिलकर गुरु रविदास की जयंती मनाएंगे। इस आंदोलन से ज्यादा से ज्यादा दलित व अन्य समाज को जोड़ा जाएगा।