अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की फिल्मकार श्वेता राय की बनाई हुई एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म ऑस्कर पुरस्कार की रेस में शामिल होने में कामयाब रही है। 'ए पैंडेमिक: अवे फ्रॉम द मदरलैंड' (एक महामारी: मातृभूमि से दूर) नाम की इस फिल्म को दुनिया भर में खूब वाहवाही मिली है और श्वेता ने इस फिल्म की अधितकर जिम्मेदारी खुद उठाई है। पांच डॉक्टरों पर आधारित इस डॉक्यूमेंट्री में उन लम्हों को कैद किया गया है जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा पीड़ित थे, लेकिन इन ‘देवदूतों’ ने अपनी जान जोखिम में डाल मानवता की सेवा की।
श्वेता राय ने 65 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'ए पैंडेमिक- अवे फ्रॉम द मदरलैंड' को इस कोरोना काल में लॉकडाउन के तहत लॉस एंजेलिस स्थित अपने घर में रहकर ही फिल्माया है। दुनिया भर में कोरोना वायरस से बिगड़ी स्थिति अब तक ठीक नहीं है। इस वायरस से डॉक्टरों समेत बहुत से लोगों ने लड़ाई लड़ी लेकिन यह वायरस अब तक काबू में नहीं। श्वेता ने अपनी इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में उन सभी कोरोना वॉरियर्स को हीरो के रूप में दिखाया है जो इस वायरस से लड़ने में अब तक लगे हुए हैं।
अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'ए पैंडेमिक: अवे फ्रॉम द मदरलैंड' के बारे में श्वेता कहती हैं, ‘यह कहानी किसी भी अप्रवासी हेल्थ केयर वर्कर की हो सकती है जो इस जानलेवा वायरस से लड़ रहा हो। इस वायरस ने हर किसी की जिंदगी बदल दी। इस वायरस ने हर किसी को अंदर से तोड़ दिया। एक वक्त तो ऐसा भी रहा जब आवश्यक कार्य में लगे लोगों के अलावा अपने घरों से कोई भी बाहर ही नहीं निकल सकता था। ऐसे में यह डॉक्यूमेंट्री बनाना बहुत मुश्किल था।'
अपनी बात जारी रखते हुए श्वेता कहती हैं, 'जब मैंने अपनी टीम को बताया कि हम इस डॉक्यूमेंट्री को अमेरिका और भारत दोनों में ऑनलाइन ही शूट करेंगे तो मेरे सिनेमैटोग्राफर डेविड बौजा और मेरे वीडियो एडीटर जोश मस्केटीन ने तुरंत हां कह दी। मैंने और डेविड ने मिलकर जूम और व्हाट्सएप कॉल के जरिए डॉक्टरों के साथ इस फिल्म को शूट किया। जोश के लिए यह एक चुनौती रही कि वह इस फिल्म को अलग-अलग साधनों से संपादित करते रहे। कभी-कभी डॉक्टर अपने निजी बातें भी खुद ही शूट कर देते थे।'
श्वेता के मुताबिक डॉक्यूमेंट्री के कुछ दृश्य देखने वालों को झकझोर भी सकते हैं, लेकिन उन्होंने हर उस पल को कैमरे में कैद किया जो लोगों के सामने घट रहा था। इसमें कुछ भी सजावटी नहीं है। सच कभी सजावटी हो भी नहीं सकता। श्वेता अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'ए पैंडेमिक: अवे फ्रॉम द मदरलैंड' को दुनिया के हर दर्शक तक पहुंचाना चाहती हैं और इसके लिए उनके पास काफी प्रस्ताव भी आते रहे हैं।