भारतीय सिनेमा के शानदार अभिनेता आर माधवन भारत के उन कुछ गिने-चुने अभिनेताओं में से एक हैं जिन्होंने जिस भाषा में काम किया, उसी भाषा के दर्शकों में अपनी छाप छोड़ी। वैसे तो आर माधवन को हिंदी और तमिल भाषा में विशेष रूप से काम करने के लिए जाना जाता है। लेकिन, जब उन्हें कन्नड़, मलयालम, तेलुगू और अंग्रेजी फिल्मों में भी काम करने का मौका मिला तो भी वह पीछे नहीं हटे। और वहां भी उन्होंने वैसा ही जलवा बिखेरा। चार फिल्मफेयर अवॉर्ड और तमिलनाडु राज्य का फिल्म अवॉर्ड भी जीत चुके माधवन इन दिनों अपनी अगली फिल्म रॉकेट्री पर काम कर रहे हैं, जो मशहूर इसरो साइंटिस्ट नंबी नारायणन की बायोपिक है। इस फिल्म के वह निर्देशक भी हैं।
आज मना रहे जन्मदिन
1 जून 1970 को झारखंड के जमशेदपुर में उनका जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम रंगनाथन माधवन है जिसमें 'रंगनाथन' उनके पिता का नाम है। माधवन ने मुंबई के के सी कॉलेज से पब्लिक स्पीकिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे बतौर सिक्षक काम करने लगे। फिल्मों में आने से पहले माधवन ने कई टीवी सीरीयल्स में काम किया। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्मों में किए किरदार के बारे में बताते हैं।
किरदार : माधव शास्त्री
फिल्म : रहना है तेरे दिल में (2001)
माधवन ने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में गेस्ट अपीयरेंस देने से की थी। लेकिन, उनकी जिस फिल्म को हिंदी सिनेमा में पूरी तरह से पहचान मिली, वह थी गौतम मेनन के निर्देशन में बनी फिल्म 'रहना है तेरे दिल में'। यह एक लव ट्रायंगल फिल्म थी जिसमें मैडी रीना से प्यार करता है जबकि सैम रीना से शादी करने वाला है। वहीं, रीना भी मैडी से ही प्यार करती है। यह रोमांटिक ड्रामा फिल्म अपने रिलीज के वक्त सफल नहीं हो पाई थी लेकिन बाद में युवाओं के बीच यह फिल्म खूब लोकप्रिय हुई। इस फिल्म को आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन रोमांटिक फिल्मों में से एक माना जाता है। और, इस फिल्म में बनी आर माधवन और दीया मिर्जा की जोड़ी को भी खूब पसंद किया गया था। यह फिल्म आर माधवन की उसी साल आई तमिल फिल्म 'मिनाले' का रीमेक रही जिसे गौतम मेनन ने ही निर्देशित किया है।
किरदार : राम जी
फिल्म : रामजी लंदनवाले (2005)
हिंदी सिनेमा में पहली रोमांटिक फिल्म सफल होने के बाद आर माधवन की छवि भी हिंदी फिल्मों में एक रोमांटिक हीरो के रूप में बन चुकी थी। माधवन की यह फिल्म भी वर्ष 2003 में आई उन्हीं की तमिल फिल्म 'नाला दमयंती' का रीमेक रही। इस कॉमेडी ड्रामा फिल्म को संजय दायमा ने निर्देशित किया और माधवन की जोड़ी बनी समिता बंगार्गी के साथ। फिल्म में माधवन ने संवाद लिखने का भी काम किया। फिल्म में माधवन एक बावर्ची के किरदार में नजर आए जो अपने मालिक की मौत का पता लगाने के लिए लंदन पहुंच जाता है। इमीग्रेशन की समस्या के चलते उसे लंदन में रहकर समीरा से शादी करनी पड़ जाती है। फिल्म का शुरुआत में नाम भी 'बावर्ची' ही रखा गया था लेकिन नाम पर कॉपीराइट का मुद्दा उठने की वजह से फिल्म का नाम 'रामजी लंदनवाले' हो गया।
किरदार : अजय राठौड़
फिल्म : रंग दे बसंती (2006)
अगले ही साल आर माधवन को राकेश ओमप्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में काम मिला। वह फिल्म में आमिर खान, सिद्धार्थ नारायण, अतुल कुलकर्णी, कुणाल कपूर, शरमन जोशी, सोहा अली खान और वहीदा रहमान के साथ नजर आए। फिल्म में माधवन का किरदार भारतीय वायु सेना में एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट अजय सिंह राठौड़ का है जो एक जहाज दुर्घटना में मारा जाता है। सरकार इस घटना को पायलट की गलती से हुई दुर्घटना बताकर केस बंद कर देती है। जबकि सभी जानते थे कि अजय सिंह बहुत ही काबिल पायलट था। आगे की कहानी इसी केस की उधेड़बुन में निकलती है।
किरदार : श्याम सक्सेना
फिल्म : गुरु (2007)
इसके बाद आर माधवन मणि रत्नम की इस शानदार फिल्म में श्याम सक्सेना के किरदार में नजर आए। यह फिल्म काफी हद तक भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक धीरूभाई अंबानी के जीवन पर आधारित है। इसमें माधवन एक अखबार के रिपोर्टर श्याम सक्सेना के रूप में नजर आए जो गुरु के उल्टे सीधे ढंग से कमाए पैसे का पर्दाफाश करने की ठान लेता है। इस किरदार के लिए मणि रत्नम ने पहले सैफ अली खान, उसके बाद जॉन अब्राहम और फिर विवेक ओबेरॉय को फिल्म में लेने की ठानी थी। लेकिन अंत में यह किरदार आर माधवन ने किया। एक बड़ी फिल्म में मिले इस बड़े मौके को माधवन ने भी खूब भुनाया।