कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। आरोप है कि प्रोडक्शन कंपनी ने मुंबई मजदूर, टेक्नीशियन और एक्यूपमेंट का पैसा नहीं दिया है। जिसके बाद फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज और मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने फिल्मसिटी में चल रही शूटिंग रोक दिया है।
बताते हैं कि मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी की शूटिंग गोरेगांव पूर्व के फिल्मसिटी स्टुडियो में मंदिर के पास चल रही थी, जहां फेडरेशन के चेयरमैन बीएन तिवारी और मजदूर यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गंगेश्वर श्रीवास्तव के निर्देश पर मजदूरों और टेक्नीशियन ने निर्माता कमल जैन से अपने बकाये पैसे की मांग की।
मगर बात नहीं बनी तो फेडरेशन और मजदूर यूनियन के सदस्यों ने इस फिल्म की शूटिंग को बंद करा दिया। फेडरेशन के चेयरमैन बीएन तिवारी और जनरल सेक्रेटरी अशोक दूबे और मजदूर यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गंगेश्वर श्रीवास्तव के मुताबिक कंगना रनौत की हिन्दी फिल्म मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी के लिये मजदूरों और टेक्निशियन और एक्यूपमेंट का डेढ़ से दो करोड़ रुपये बकाया है।
इस बारे में कई बार निर्माता कमल जैन से बात किया गया मगर बात नहीं बनीं। इस फिल्म के लिये जूनियर आर्टिस्टों का भी पैसा बाकी है। हमने इस बारे में कंगना रनौत से भी बातचीत की कोशिश की मगर जब बात नहीं बनीं तो हमारे सदस्यों ने बुधवार को फिल्मसिटी में चल रही इस फिल्म की शूटिंग से अपनी दूरी बना ली। बीएन तिवारी के मुताबिक, जब तक बकाया पैसा नहीं दिया जाएगा तब तक कामगार इस फिल्म से अपनी दूरी बनाकर रखेंगे। और इस बारे में सेंसर बोर्ड और लैब को भी फेडरेशन की ओर से पत्र लिखा जा रहा है।
बॉक्स ऑफिस पर अगले साल 25 जनवरी को कंगना रनौत की मणिकर्णिका रिलीज होगी। खबरों के मुताबिक, कंगना फिल्म के लिए 14 करोड़ की फीस ले रही हैं जबकि इसका बजट करीब 125 करोड़ है। फिल्म में वो रानी लक्ष्मी बाई का किरदार निभा रही हैं। इससे पहले डायरेक्टर कृष ने फिल्म से किनारा कर लिया। वहीं सोनू सूद समेेत कई एक्टर्स ने फिल्म बीच में ही छोड़ दी।