भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनका असली नाम शत्रुघन यादव है। भोजपुरी सिनेमा का सुपरस्टार बनने से पहले खेसारी ने बेहद गरीबी का सामना भी किया है। उनके संघर्ष की कहानी आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक है। खेसारी ने लिट्टी-चोखा बेचने के साथ ही दूध बेचने तक का काम किया है। यहां तक की वह अपनी भैंसों का पेट भरने के लिए चोरी तक किया करते थे। अपने अभिनय के शुरुआती दौर में उन्होंने नाच गाने के साथ आर्केस्ट्रा में भी काम किया। आज उनके एक गाने पर करोड़ों के व्यूज आते हैं। उन्होंने हाल में ही खुलासा किया था कि वह सिर्फ यू्ट्यूब से ही महीने का 45 लाख रुपये कमा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं घर घर में मशहूर खेसारी लाल का नाम खेसारी कैसे पड़ा। दरअसल, ये नाम उन्हें फिल्मों में आने के बाद नहीं मिला बल्कि इस नाम के पीछे दिलचस्प कहानी है।
खेसारी होती है दाल
बिहार में खेसारी एक तरह की दाल को कहा जाता है। इस दाल को अगर ज्यादा खा लें तो पेट खराब या कहें दस्त की समस्या हो जाती है। इसलिए इस दाल को लोग कम ही खाना पसंद करते हैं।
इसलिए शत्रुघन का नाम बदला
दरअसल, शत्रुघन बचपन से ही बहुत ज्यादा बोलते थे। उनकी ज्यादा बोलने की आदत की वजह से गांववाले उनसे परेशान हो जाया करते थे। धीरे धीरे गांव के लोग उन्हें उनकी ज्यादा बोलने की आदत के कारण खेसारी बोलने लगे। जिसके बाद से ही शत्रुघन खेसारी बन गए।
मां बाप भी भूल गए नाम
खेसारी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें 'खेसारी' नाम दुनिया ने दिया है। इससे बड़ी उनके लिए कोई कमाई नहीं है। यहां तक की मेरे मां बाप ने जो नाम दिया, उसे खुद वह भूल गए होंगे।
पहली फिल्म से ही बन गए सुपरस्टार
साल 2012 में भोजपुरी फिल्म 'साजन चले ससुराल' ने खेसारी लाल को रातों रात स्टार बना दिया। इसके बाद खेसारी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वह करोड़ो की संपत्ति के मालिक हैं।