‘दयावान’ की चर्चा फिल्म में माधुरी दीक्षित और विनोद खन्ना पर फिल्माए गए अंतरंग दृश्यों को लेकर खूब होती है। साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म "दयावान" की रिलीज को आज 33 साल पूरे हो गए हैं। यह फिल्म विनोद खन्ना के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शामिल है। ये वो वक्त था जब विनोद खन्ना अमेरिका से ओशो का आश्रम छोड़कर लौट आए थे और अच्छे रोल की तलाश में थे। फिल्म का निर्देशन फिरोज खान ने किया था। ‘दयावान’ में विनोद खन्ना और माधुरी दीक्षित दोनों के अभिनय की खूब तारीफ हुई। सिनेमैटोग्राफर कमल बोस ने भी फिल्म में कमाल का कैमरा वर्क दिखाया। बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म ने अच्छा मुनाफा कमाया लेकिन ये फिल्म फिरोज खान की बाकी फिल्मों से कमजोर रही। तो चलिए इस खास मौके पर आपको इस फिल्म के जुड़े कुछ रोचक किस्से बताते हैं।
- अमरीश पुरी ने अपने फिल्मी करियर में कभी छोटा रोल नहीं किया। लेकिन फिरोज खान की वजह से वे दयावान में छोटे सा रोल करने के लिए राजी हो गए। दयावन इकलौती ऐसी फिल्म है जिसमें अमरीश पुरी शॉर्ट रोल में थे।
- फिरोज खान ने दयावन के रीमेक अधिकार प्राप्त करने के लिए 10 लाख का भुगतान किया। यह तमिल फिल्म नायकन की हिंदी रीमेक थी। यह फिल्म 2 महीने और एक शेड्यूल में शूट कर ली गई थी। यह फिरोज खान की पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें वह सेकेंड लीड में दिखाई दिए थे।
- इस फिल्म में माधुरी दीक्षित की जगह श्रीदेवी को लिया जाना था। फिरोज खान ने उनके साथ कई मुलाकातें भी की थी लेकिन डेट्स और बोल्ड सीन्स की वजह से बात नहीं बन पाई। दयावान विनोद खन्ना और माधुरी दीक्षित के साथ फिरोज खान की आखिरी फिल्म थी।
- दयावान फिल्म का प्रीमियर काफी धूमधाम से किया गया था। आमतौर पर विनोद खन्ना के पिता उनकी फिल्में नहीं देखते थे लेकिन दयावन पहली फिल्म थी जिसके प्रीमियर में विनोद खन्ना के पिता शामिल हुए थे। फिल्म में किसिंग सीन देखकर वे हैरान रह गए थे।