निर्भया मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भले ही साफ किया है कि ट्रायल कोर्ट निर्भया के दोषियों के नए डेथ वारंट जारी कर सकता है। लेकिन 17 फरवरी को जब पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट की याचिका पर सुनवाई होगी तो कोर्ट के सामने एक परेशानी आ सकती है जिससे डेथ वारंट जारी करने में देरी हो सकती है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने ट्रायल कोर्ट को मेरिट के आधार पर सुनवाई करने के लिए कहा है और स्पष्ट किया कि दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग वाली केंद्र व दिल्ली सरकार की लंबित याचिका ट्रायल कोर्ट के डेथ वारंट जारी करने की राह में बाधा नहीं बनेगी। पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 20 फरवरी मुकर्रर की है। अब यह जानना जरूरी होगा कि आखिर सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बाद भी क्या पेंच फंस सकता है।
ये हो सकती है परेशानी
मालूम हो कि चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन में से पवन को छोड़कर तीनों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। सिर्फ पवन ही है जिसे क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका डालनी है। हालांकि गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील एपी सिंह ने अदालत को बताया था कि वह पवन का केस छोड़ चुके हैं। इसके बाद अदालत ने पवन को नया वकील उपलब्ध कराया था। इस वकील को सोमवार तक का वक्त दिया गया है केस स्टडी के लिए। ऐसे में पवन के नए वकील रवि काजी अदालत में यह कहें कि उन्हें कुछ मोहलत चाहिए केस की स्टडी के लिए तो अदालत को वह वक्त देना पड़ सकता है। ऐसे में चारों दोषियों की फांसी कुछ और समय के लिए टल सकती है।
हालांकि कोर्ट इस मामले में जैसा कड़ा रुख अख्तियार किए हुए है उसमें इस बात की संभावन कम नजर आती है। लेकिन अदालत पहले भी कह चुकी है कि संविधान का आर्टिकल 21 दोषियों को आखिरी सांस तक बचाव करने का विकल्प देता है। ऐसे में अदालत दोषियों को हर वह मौका दे रही है जिससे वो अपना बचाव कर सकें।
बता दें कि शुक्रवार को जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने केंद्र की अर्जी पर सुनवाई 17 फरवरी तक टाल दी। पीठ ने कहा जब ट्रायल कोर्ट इस मामले पर 17 को सुनवाई करेगा, तो बेहतर होगा कि सुप्रीम कोर्ट उसके फैसले का इंतजार करे। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए 20 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है।
पीठ ने कहा, शीर्ष अदालत के समक्ष दोषियों की कोई याचिका लंबित नहीं है और तीन गुनहगारों की दया याचिका भी राष्ट्रपति की ओर से खारिज हो चुकी है। वहीं, चौथे दोषी पवन ने अभी तक कोई याचिका नहीं दी है। ऐसे में निचली अदालत फांसी की नई तारीख जारी कर सकती है।