भू-धंसाव से एशिया के सबसे बड़े जोशीमठ-औली रोपवे भी खतरे की जद में है। स्थिति यह है कि रोपवे का एक टावर प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किए क्षेत्र में है जिसके चलते रोपवे को लेकर भी आशंकाएं तेज हो गई हैं।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से जोशीमठ-औली रोपवे भी प्रभावित हो गया है। प्रशासन ने जहां चार वार्डो को असुरक्षित घोषित किया है उसमें मनोहर बाग वार्ड भी है और रोपवे का एक नंबर टावर यहीं लगा है। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि रोपवे के टावर की हर दिन नियमित निगरानी की जा रही है। फिलहाल टावर जिस खेत में स्थित है वहां दरार नहीं आई है।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से जोशीमठ-औली रोपवे भी प्रभावित हो गया है। प्रशासन ने जहां चार वार्डो को असुरक्षित घोषित किया है उसमें मनोहर बाग वार्ड भी है और रोपवे का एक नंबर टावर यहीं लगा है। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि रोपवे के टावर की हर दिन नियमित निगरानी की जा रही है। फिलहाल टावर जिस खेत में स्थित है वहां दरार नहीं आई है।
दरार वाला खेत कुछ दूर है। सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने रोपवे का संचालन बंद किया हुआ है। बता दें कि जोशीमठ से औली तक इस रोपवे की दूरी करीब चार किमी है जिसमें 10 टावर लगे हैं। रोपवे से जोशीमठ से औली पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है। औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है।
जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को 75 भवन और चिह्नित किए गए। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों की टीम ने इन भवनों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया है।
जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को 75 भवन और चिह्नित किए गए। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों की टीम ने इन भवनों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया है।