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Joshimath: दरकते घराें को देख बोले पीड़ित-आंखों के सामने सब बर्बाद हो रहा...देवताओं से लगा रहे रक्षा की गुहार

संवाद न्यूज एजेंसी, जोशीमठ(चमोली) Published by: अलका त्यागी Updated Mon, 09 Jan 2023 06:50 PM IST
Joshimath Landslide: People pray to badrinath and narsingh God to save them from crumbling houses
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अपने दरकते मकानों को देख अब पीड़ित परिवार आराध्य देवताओं से दुआएं कर रहे हैं। वे कहते हैं हे बदरीनाथ, हे नृसिंह देवता हमारी रक्षा करो। प्रभावितों ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि यह खूबसूरत नगर इस तरह बर्बाद हो जाएगा। अब जहां सरकार चाहेगी हम वहां बसने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वह जमीन सुरक्षित होनी चाहिए। 

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मनोहर बाग के प्रभावित चंद्रबल्लभ पांडे कहते हैं कि सरकार जहां पर सुरक्षित स्थान है वहां हमें विस्थापित कर दे, या तो हमें पैसा दे दे तो हम खुद ही मकान बना देंगे। वे कहते हैं कि प्रशासन ने एक कमरा दे रखा है और यहां सामान भी रखा है। यहां कैसे अपने परिवार के साथ रहेंगे।

प्रभावित उत्तरा देवी का कहना है कि कभी सोचा नहीं था इतनी खूबसूरत नगरी जोशीमठ हमें धोखा दे देगी। रोहित परमार का कहना है कि पहाड़ में कहीं भी कोई स्थान अब सुरक्षित नहीं बचा। प्रत्येक साल आपदाएं आ रही हैं हमें सरकार मैदानी क्षेत्रों में शिफ्ट कर दे। प्रशासन की ओर से हमें एक कमरा मिला है यहां सामान के साथ ही रात गुज रही है।
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समझ में नहीं आ रहा है कि अब आगे की जिंदगी कैसे गुजरेगी और बच्चों का भविष्य क्या होगा। संतोष बिष्ट का कहना है कि वे नगर पालिका के राहत शिविर में पत्नी और बच्चों के साथ रह रहे हैं। दिनभर अपने क्षतिग्रस्त मकान से सामान बाहर निकालकर उसे सुरक्षित स्थानों पर भेज रहे हैं और रात होते ही राहत शिविरों में पहुंच रहे हैं।
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मनोहर बाग के मदन कपरुवाण का कहना है कि हमें अब जोशीमठ में नहीं रहना है। प्रशासन हमें जोशीमठ से बाहर सुरक्षित स्थान दे दे। हमने अपने घरों का सामान मकान के बाहर खुले में रखा है और गोशाला वहीं बंधी हैं।
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वहीं, नगर क्षेत्र के कई परिवार ऐसे हैं जिनकी आजीविका पशुपालन से ही चलती है। लेकिन मकनों में दरारें आने से उनको प्रशासन ने राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया है। ऐसे प्रभावित परिवारों ने मवेशियों के लिए भी सुरक्षित स्थान तलाशने की मांग की है। स्वी गांव की जया देवी का कहना है कि उनके मकान में दरार आने से वह रहने लायक नहीं रहा।
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प्रशासन ने उन्हें तो शिफ्ट कर दिया, लेकिन उनके मवेशियों को कहां शिफ्ट किया जाए यह उनके लिए चिंता का विषय बना हुआ है। मवेशियों को जर्जर घरों में ऐसे ही नहीं छोड़ सकते हैं। वहीं जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने पशुपालन विभाग को मवेशियों के लिए सुरक्षित स्थान तलाशने और उन्हें वहां रखने के निर्देश दिए हैं।
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