अपने दरकते मकानों को देख अब पीड़ित परिवार आराध्य देवताओं से दुआएं कर रहे हैं। वे कहते हैं हे बदरीनाथ, हे नृसिंह देवता हमारी रक्षा करो। प्रभावितों ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि यह खूबसूरत नगर इस तरह बर्बाद हो जाएगा। अब जहां सरकार चाहेगी हम वहां बसने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वह जमीन सुरक्षित होनी चाहिए।
Joshimath: एसडीआरएफ ने खाली कराए घर, आंखों में आंसू और यादें समेटे निकल पड़े लोग, दर्द बयां करती तस्वीरें
मनोहर बाग के प्रभावित चंद्रबल्लभ पांडे कहते हैं कि सरकार जहां पर सुरक्षित स्थान है वहां हमें विस्थापित कर दे, या तो हमें पैसा दे दे तो हम खुद ही मकान बना देंगे। वे कहते हैं कि प्रशासन ने एक कमरा दे रखा है और यहां सामान भी रखा है। यहां कैसे अपने परिवार के साथ रहेंगे।
प्रभावित उत्तरा देवी का कहना है कि कभी सोचा नहीं था इतनी खूबसूरत नगरी जोशीमठ हमें धोखा दे देगी। रोहित परमार का कहना है कि पहाड़ में कहीं भी कोई स्थान अब सुरक्षित नहीं बचा। प्रत्येक साल आपदाएं आ रही हैं हमें सरकार मैदानी क्षेत्रों में शिफ्ट कर दे। प्रशासन की ओर से हमें एक कमरा मिला है यहां सामान के साथ ही रात गुज रही है।
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प्रभावित उत्तरा देवी का कहना है कि कभी सोचा नहीं था इतनी खूबसूरत नगरी जोशीमठ हमें धोखा दे देगी। रोहित परमार का कहना है कि पहाड़ में कहीं भी कोई स्थान अब सुरक्षित नहीं बचा। प्रत्येक साल आपदाएं आ रही हैं हमें सरकार मैदानी क्षेत्रों में शिफ्ट कर दे। प्रशासन की ओर से हमें एक कमरा मिला है यहां सामान के साथ ही रात गुज रही है।