हरिद्वार में एक महीने तक चले कुंभ मेले का अनौपचारिक समापन हो गया है। अब कुंभ में स्नान करने आए संत और नागा बाबा भी अपने गंत्व्यों को जा चुके हैं। लेकिन हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे अजब-गजब संतों और बाबाओं के बारे में जिनकी चर्चा कुंभ में खूब रही। कुंभ में आए कुछ नागा साधुओं ने अपने अजब-गजब श्रृंगार और पहनावे के चलते लोगों का ध्यान अपनी ओर खूब आकर्षित किया। शोभायात्रा हो, पेशवाई हो या शाही स्नान, जब-जब ये बाबा सड़कों पर उतरे तो देखने वाले हैरान रह गए।
महाकुंभ 2021: एक महीने में साढ़े 91 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, तस्वीरों में देखें झलकियां...
बता दें कि अधिकारिक रूप से तो महाकुंभ 30 अप्रैल शुक्रवार को संपन्न होगा, लेकिन अखाड़ों के महाकुंभ का समापन अंतिम शाही स्नान के साथ हो चुका है। हरिद्वार में मकर संक्रांति स्नान पर्व से लेकर महाकुंभ मेले के अंतिम शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा तक साढ़े 91 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर अपने तन को निर्मल किया।
हरिद्वार महाकुंभ 2021 : इतिहास में दर्ज हुआ कोरोना काल का महाकुंभ, हमेशा रखा जाएगा याद
सभी संन्यासी और बैरागी अखाड़ों के संतों ने कोविड नियमों का पालन किया। पूजा-अर्चना और शाही स्नान के दौरान भी शारीरिक दूरी का पालन किया गया। संतों ने स्नान में अधिक समय भी नहीं लगाया। इससे अखाड़ों के स्नान की व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चलती रही। वहीं, शाही स्नान संपन्न होते ही जिला प्रशासन ने हरिद्वार में तीन मई तक के लिए कोविड कर्फ्यू लागू कर दिया है।
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बता दें कि अधिकारिक रूप से तो महाकुंभ 30 अप्रैल शुक्रवार को संपन्न होगा, लेकिन अखाड़ों के महाकुंभ का समापन अंतिम शाही स्नान के साथ हो चुका है। हरिद्वार में मकर संक्रांति स्नान पर्व से लेकर महाकुंभ मेले के अंतिम शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा तक साढ़े 91 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर अपने तन को निर्मल किया।
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सभी संन्यासी और बैरागी अखाड़ों के संतों ने कोविड नियमों का पालन किया। पूजा-अर्चना और शाही स्नान के दौरान भी शारीरिक दूरी का पालन किया गया। संतों ने स्नान में अधिक समय भी नहीं लगाया। इससे अखाड़ों के स्नान की व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चलती रही। वहीं, शाही स्नान संपन्न होते ही जिला प्रशासन ने हरिद्वार में तीन मई तक के लिए कोविड कर्फ्यू लागू कर दिया है।