करोना काल में आयोजित हरिद्वार महाकुंभ-2021 हमेशा याद रखा जाएगा। ज्योतिष की दृष्टि से अभी महाकुंभ समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन आधिकारिक दृष्टि से आज ये मेला लगभग समाप्त हो जाएगा।
हरिद्वार महाकुंभ 2021: चैत्र पूर्णिमा पर सभी अखाड़ों का अंतिम शाही स्नान संपन्न, पहुंचे 30 हजार श्रद्धालु
अब हरिद्वार कुंभ 2033 में आयोजित होगा। भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी के अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपूरी ने कहा कि देव गुरु बृहस्पति वर्ष 2033 में 17 और 18 मार्च की मध्य रात्रि को गुरु कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। तब से कुंभ मेले का प्रारंभ माना जाएगा।
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ज्योतिष की दृष्टि से 14 अप्रैल 2033 से 14 मई 2033 तक कुंभ रहेगा। 28 फरवरी 2033 को अखाड़े पहला शाही स्नान परंपरा के हिसाब से करेंगे। 30 मार्च 2033 को चैत्र अमावस्या का दूसरा शाही स्नान होगा। 14 अप्रैल 2033 के दिन संक्रांति और पूर्णिमा का स्नान होगा। इस दिन संन्यासी और बैरागी दोनों स्नान करेंगे। एक मई 2033 को अक्षय तृतीया का स्नान भी उत्तम होगा। महाकुंभ के आखिरी शाही स्नान पर तीर्थनगरी में कोरोना का साया देखने के मिला।
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