छठ पूजा महोत्सव आज (मंगलवार) से शुरू हो रहा है। इस उत्सव के दौरान श्रद्धालु पूरी श्रद्धा-भक्ति से छठ मैया की पूजा करते हैं। ऐसे में इन दिनों में व्रती को इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
छठ करने वाले लगातार 36 घंटों तक उपवास रखते हैं। ये त्योहार चार चरणों में संपन्न होता है। छठ पूजा का पहला चरण होता है नहाय-खाय, जो कि आज से शुरू हो रहा है। 24 अक्तूबर से शुरू होने वाला यह व्रत 27 अक्तूबर को संपन्न होगा।
इस बार का छठ पर्व कई मायनो में खास है क्योंकि 34 साल बाद एक महासंयोग बन रहा है। दरअसल इस बार की छठ पूजा के पहले दिन सूर्य का रवियोग बना रहा है जिसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। छठ पूजा के दिन सूर्यादय सुबह 06:41 बजे और सूर्यास्त शाम 06:05 बजे होगा। इस समय ही व्रती जल चढ़ा सकता है।
कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी को नहाय-खाय होगा। इस दिन पूरे घर की साफ-सफाई कर छठ वर्ती स्नान करेंगे। व्रती नदी, तालाब, कुआं, नहर में जाकर स्नान करेंगे और साफ-सुथरे कपड़े पहनेंगे। खाने में शुद्ध अरवा चावल, चने की दाल, लौकी की सब्जी और कद्दू ग्रहण किया जाएगा।
इसी दिन व्रती बिस्तर में सोना त्याग देंगे और व्रत संपन्न होने तक बिस्तर में नहीं सोएंगे। इन चार दिनों तक नॉन वेज आदि से घर के सभी सदस्य दूर रहते हैं। 25 को खरना होगा। इस दिन गुड़ की खीर बनेगी।