बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा पूरे देश में हर्ष के साथ मनाया जाता है। लेकिन इसी दिन पिछले साल कुछ ऐसा हुआ कि पूरे देश का दशहरा उत्सव मातम में बदल गया। आज भी लोग इस हादसे को यादकर कांप उठते हैं। जिसने भी वो मंजर देखा वो दहल उठा। आइए जानते हैं अमृतसर में हुए इस रेल हादसे के बारे में...

बीते वर्ष अमृतसर के जोड़ा फाटक पर दशहरा का उत्सव चल रहा था। लोग रेल ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। एक तेज रफ्तार ट्रेन अपने साथ मौत लेकर आई। ट्रेन गुजरते ही पूरे शहर में मातम पसर गया। जंगल में आग की तरह पूरे देश में खबर फैल गई कि अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हुआ है। इस हादसे ने 59 जिंदगियां उजाड़ दीं। दर्जनों लोग घायल हुए। मरने वालों में बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं शामिल थीं।

कई परिवारों पर गाज गिर गई, क्योंकि उनके अपने हमेशा के लिए जुदा हो गए। लेकिन इन परिवारों के हालात एक साल बाद नहीं सुधरे परिवारों को आर्थिक संकट का समाना करना पड़ रहा है। कई परिवारों का सामाजिक ताना-बाना ही बिगड़ गया है। इनमें से कई परिवार दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हो गए हैं। कई परिवारों के चिराग, किसी का सुहाग तो किसी का भाई इस घटना के भेंट चढ़ गया। हादसा इतना भयानक था कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी थी।

एक वर्ष बाद भी इन परिवारों में अपनों को खोने के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। जो लोग इस हादसे में मारे गए उनमें से कई घरों में पंजाब सरकार द्वारा दी गयी मुआवजे की पांच लाख की राशि ने पारिवारिक सदस्यों के बीच झगड़े पैदा कर दिए। कई पारिवारिक सदस्यों ने पांच लाख की खातिर अपनों के साथ ही धोखा किया।

सास को छोड़ मायके चली गई है बहू
रावण की भूमिका निभाने वाले दलबीर कई लोगों की जान बचाने के बाद मौत का शिकार हो गए। उनकी पत्नी नवनीत कौर उनकी मां को अकेला छोड़कर मायके चली गई है। पांच लाख की राशि में से कुछ पैसे दलबीर कौर की मां को मिले थे। नवनीत कौर शेष पैसे लेकर मायके चली गई। बॉबी पांडेय भी इस रेल हादसे का शिकार हुआ था। उसका परिवार आज तक हादसे से उभर नहीं सका है। उसके पिता बेटे को याद करते हैं तो आज भी आंसू छलक पड़ते हैं। हादसे का शिकार हुए वासु की मां बेटे की फोटो को देख कर जोर-जोर से रो पड़ती हैं।
रावण की भूमिका निभाने वाले दलबीर कई लोगों की जान बचाने के बाद मौत का शिकार हो गए। उनकी पत्नी नवनीत कौर उनकी मां को अकेला छोड़कर मायके चली गई है। पांच लाख की राशि में से कुछ पैसे दलबीर कौर की मां को मिले थे। नवनीत कौर शेष पैसे लेकर मायके चली गई। बॉबी पांडेय भी इस रेल हादसे का शिकार हुआ था। उसका परिवार आज तक हादसे से उभर नहीं सका है। उसके पिता बेटे को याद करते हैं तो आज भी आंसू छलक पड़ते हैं। हादसे का शिकार हुए वासु की मां बेटे की फोटो को देख कर जोर-जोर से रो पड़ती हैं।