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ठेकेदार की दगाबाजी: मध्यप्रदेश के 11 मजदूर कर्नाटक में बंधक बनाए गए, दो जान बचाकर भागे, सुनाई दर्दनाक दास्तां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह
Published by: अरविंद कुमार
Updated Wed, 30 Nov 2022 08:40 PM IST
सार
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मध्यप्रदेश में दमोह जिले के 11 मजदूरों को कर्नाटक में बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही है। दो मजदूर किसी तरह भागकर दमोह पहुंचे, जिन्होंने यह जानकारी दी है। यानी कि कुल 13 मजदूर थे, जिन्हें बंधक बनाया गया था।
मजदूरी करवाने के नाम पर दूसरे प्रदेशों में ले जाकर मजदूरों को बंधक बनाया जा रहा है। दमोह जिले में इसी तरह का एक और मामला सामने आया है, यहां के 11 मजदूरों को कर्नाटक में बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही है, जिनमें से दो मजदूर किसी तरह भागकर दमोह पहुंचे, जिन्होंने यह जानकारी दी है।
बता दें कि खबर मिलने के बाद पार्षद विवेक सेन अपने साथियों के साथ दोनों युवकों को लेकर कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य के पास पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी दी। कर्नाटक के मिर्ची गांव से भागकर दमोह पहुंचे मजदूर सचिन चौहान ने बताया, वह जमुनिया गांव के रहने वाले हैं और दमोह का गोलू ठाकुर नाम का युवक जमुनिया हजारी गांव के करीब 15 लोगों को मजदूरी करने के लिए जबलपुर के ठेकेदार के माध्यम से गन्ना काटने के लिए नागपुर लेकर गया था। कुछ दिन वहां पर मजदूरी करवाने के बाद जबलपुर के ठेकेदार ने 13 लोगों को कर्नाटक भेज दिया, वहां कर्नाटक के मिर्ची गांव में अभी भी 11 लोगों से मजदूरी करवाई जा रही है और सभी को बंधक बना लिया गया है।
400 कहकर 100 रुपया दिया जा रहा...
दमोह से चार सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी की बात कहकर ले गए थे। अब वहां पर उन्हें 100 रुपये दिये जा रहे हैं। किसी भी मजदूर को परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। यदि कोई जाने का प्रयास करता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है। मजदूर सचिन ने बताया, वह और उसका एक साथी जगदीश रात में छुपते-छुपाते वहां से भाग निकले। करीब 50 किलोमीटर पैदल चलने के बाद अलग-अलग वाहनों में सवार होकर दमोह पहुंचे हैं। वहां पर अभी 11 मजदूर बंधक हैं, जिनके साथ मारपीट की जाती है। उन्हें कम खाना दिया जा रहा है।
पार्षद विवेक सेन ने बताया, खबर मिलने के बाद वह इन दोनों युवकों को लेकर कलेक्टर के पास लेकर आए हैं। उन्हें आवेदन दिया है कि बंधक बनाए लोगों को छुड़ाया जाए। कलेक्टर ने कहा है, मिर्ची गांव कर्नाटक के किस जिले में आता है। इसकी जानकारी लेकर उन्हें बताएं। वह वहां के कलेक्टर से बात करने के बाद उन लोगों को वहां से छुड़ाकर दमोह वापस लाएंगे। इन मजदूरों के साथ उनके परिजन भी कलेक्ट्रेट पहुंचे।
मजदूरों को बंधक बनाने का यह दूसरा मामला...
मजदूरों को दूसरे प्रदेश में बंधक बनाने का यह दूसरा मामला है। इसके पहले दमोह के 17 मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बनाकर रखा गया था। इसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल के प्रयासों से प्रशासन ने इन मजदूरों को वहां से मुक्त कराया था और दमोह बुलाकर उन्हें सकुशल उनके घर तक पहुंचाया था।
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