मध्य प्रदेश के रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से भाजपा के सांसद गुमान सिंह डामोर के पास उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का कोई जवाब नहीं है। भोपाल में मंगलवार सुबह डामोर भाजपा कार्यालय आए थे। जब मीडिया ने उनसे 600 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में सवाल किए तो वे बचते-बचाते भाग निकले। इस मामले में सरकार की ओर से भी कोई स्पष्टीकरण या बयान सामने नहीं आया है।
दरअसल, अलीराजपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित जैन के निर्देश पर डामोर के साथ-साथ अलीराजपुर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्र के खिलाफ, पीएचई के कार्यपालन यंत्री डीएल सूर्यवंशी, सुधीर कुमार सक्सेना और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 197, 217, 269, 403, 406 , 409 एवं 420 के तहत एफआईआर हुई है। फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को 17 जनवरी 2022 को पेश होने के निर्देश दिए हैं।
क्या है यह घोटाला
यह कथित घोटाला उस समय का है जब डामोर राजनीति में नहीं आए थे। फ्लोरोसिस कंट्रोल प्रोजेक्ट में कार्यपालन यंत्री थे। इसी दौरान गणेश शंकर मिश्रा, सूर्यवंशी, सुधीर सक्सेना समेत अन्य भी पदस्थ थे। अलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस कंट्रोल एवं अन्य प्रोजेक्ट के लिए की गई खरीद में भ्रष्टाचार और गबन के आरोप हैं। करोड़ों रुपये के बिल बिना सप्लाई के पास हो गए। डामोर रिटायर होने के बाद भाजपा से सांसद बने। महू के पत्रकार धर्मेंद्र शुक्ला ने इस मामले में हाईकोर्ट में दस्तावेज पेश किए थे। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर अलीराजपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में मामला आया था। आरोप है कि हैंडपंप का खनन नहीं हुआ और सिर्फ कागजों में ही हैंडपंप खुदाई हो गई थी।
विस्तार
मध्य प्रदेश के रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से भाजपा के सांसद गुमान सिंह डामोर के पास उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का कोई जवाब नहीं है। भोपाल में मंगलवार सुबह डामोर भाजपा कार्यालय आए थे। जब मीडिया ने उनसे 600 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में सवाल किए तो वे बचते-बचाते भाग निकले। इस मामले में सरकार की ओर से भी कोई स्पष्टीकरण या बयान सामने नहीं आया है।
दरअसल, अलीराजपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित जैन के निर्देश पर डामोर के साथ-साथ अलीराजपुर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्र के खिलाफ, पीएचई के कार्यपालन यंत्री डीएल सूर्यवंशी, सुधीर कुमार सक्सेना और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 197, 217, 269, 403, 406 , 409 एवं 420 के तहत एफआईआर हुई है। फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को 17 जनवरी 2022 को पेश होने के निर्देश दिए हैं।
क्या है यह घोटाला
यह कथित घोटाला उस समय का है जब डामोर राजनीति में नहीं आए थे। फ्लोरोसिस कंट्रोल प्रोजेक्ट में कार्यपालन यंत्री थे। इसी दौरान गणेश शंकर मिश्रा, सूर्यवंशी, सुधीर सक्सेना समेत अन्य भी पदस्थ थे। अलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस कंट्रोल एवं अन्य प्रोजेक्ट के लिए की गई खरीद में भ्रष्टाचार और गबन के आरोप हैं। करोड़ों रुपये के बिल बिना सप्लाई के पास हो गए। डामोर रिटायर होने के बाद भाजपा से सांसद बने। महू के पत्रकार धर्मेंद्र शुक्ला ने इस मामले में हाईकोर्ट में दस्तावेज पेश किए थे। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर अलीराजपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में मामला आया था। आरोप है कि हैंडपंप का खनन नहीं हुआ और सिर्फ कागजों में ही हैंडपंप खुदाई हो गई थी।