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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5: यूपी को बड़ी उपलब्धि, अब प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या ज्यादा
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Thu, 25 Nov 2021 11:23 AM IST
यूपी में महिला सशक्तिकरण को लेकर किए जा रहे कार्यों के परिणाम दिखने लगे हैं। प्रदेश में अब एक हजार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : पेक्सेल्स
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उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण अभियान के परिणाम दिखने लगे हैं। बढ़ी जागरूकता के कारण लिंगानुपात में सुधार हुआ है। वर्ष 2015-16 में जहां लिंगानुपात 995 था, वहीं 2020-21 में बढ़कर 1017 हो गया है। बढ़ी जागरूकता का असर प्रजनन दर पर भी पड़ा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रजनन दर गिरकर 2.7 के मुकाबले 2.4 पर आ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए प्रदेशवासियों को बधाई दी है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विगत साढ़े चार वर्ष से अधिक की अवधि में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन तथा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रयास सफल हुए हैं। 2015-16 में लिंगानुपात (प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या) 995 से बढ़कर 2020-21 में 1017 हो गई है।
प्रदेश में खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करने वाले परिवारों तथा बेहतर स्वच्छता सुविधाओं का उपयोग करने वाले परिवारों में भी बढ़ोतरी हुई है। 2015-16 में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करने वाले परिवार का प्रतिशत 32.7 था, जो अब 49.5 हो गया है। इसी तरह स्वच्छता सुविधाओं में यह प्रतिशत 36.4 से बढ़कर 68.8 हो गया है। यह उज्ज्वला योजना व स्वच्छ भारत मिशन पर प्रभावी तरीके से अमल करने के कारण संभव हो सका है।
राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा प्रदेश में सुधार
एनीमिया प्रभावित महिलाओं की संख्या में 5.1 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह कमी 1.8 प्रतिशत है। प्रदेश में बच्चों के वृद्धि अवरोध के मामलों में 6.6 प्रतिशत की कमी हुई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 2.9 प्रतिशत। राज्य में सामान्य से कम वजन के बच्चों के मामलों में 7.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 3.7 प्रतिशत।
कुछ इस तरह आया सुधार
काम -- पहले -- अब
संस्थागत प्रसव -- 67.8 प्रतिशत -- 83.4 प्रतिशत
परिवार नियोजन के उपाय -- 45.5 प्रतिशत -- 62.4 प्रतिशत
प्रसव पूर्व जांच -- 26.4 प्रतिशत -- 42.4 प्रतिशत
बच्चों में संक्रमण दर -- 15 प्रतिशत -- 5.6 प्रतिशत
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