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UP: निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण तय करने संबंधी अध्यादेश को योगी कैबिनेट की मंजूरी, अंतिम सूची अप्रैल में

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Thu, 30 Mar 2023 12:35 AM IST
सार

कैबिनेट बैठक मे कुल 22 प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं। रामपुर जिले स्वार सीट पर  उप चुनाव की घोषणा होने के कारण रामपुर से जुड़ा प्रस्ताव बैठक में शामिल नहीं किया गया। मोटर नियमावली 1998 के नियम 39 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब से यदि किसी दूसरे राज्य या जिले में अपना वाहन लेकर गए हैं और फिटनेस की तारीख समाप्त होने वाली है तो उसी जिले या राज्य में फिटनेस टेस्ट करा सकेंगे।

UP cabinet: 35 lakh youth will get tablets and smartphones, will be distributed for 2022-23
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। - फोटो : amar ujala

विस्तार
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नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों समेत सभी वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण तय करने के लिए सरकार अध्यादेशा लाएगी। प्रस्तावित अध्यादेश के मसौदे को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 में संशोधन करने से संबंधित अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी देते हुए उसे राज्यपाल को भेजने की सिफारिश की गई है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद आरक्षण की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी और निकाय प्रमुखों के प्रस्तावित आरक्षण जारी कर दिए जाएंगे।



यह जानकारी देते हुए नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि सरकार ने तय किया है कि निकाय चुनाव में पिछड़ा समेत सभी वर्गों को नियमानुसार आरक्षण दिया जाए। इसी कड़ी में सरकार ने पांच दिसंबर को आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन कुछ लोगों की आपत्तियों की वजह से मामला हाईकोर्ट चला गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 31 मार्च तक रिपोर्ट सौपने का निर्देश दिया था। आयोग ने इसके पहले नौ मार्च को ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को मान्य कर दिया है।


मंत्री ने बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर नगर पालिका परिषद और नगर निगम अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत थी। इसके लिए कैबिनेट से अनुमति मांगी गई थी जो मिल गई है। इसे अब राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इस संबंध में बृहस्पतिवार को जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन में अधिसूचना जारी करने से संबंधित प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसलिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नगर विकास मंत्री ने कहा है कि अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण किया जाएगा। सीटों के आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसकी अनंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से संबंधित सवाल के जवाब में नगर विकास मंत्री ने कहा कि यह काम राज्य निर्वाचन आयोग का है। सरकार के स्तर पर होने वाले काम जल्द पूरा किए जाएंगे।

राज्यपाल को भेजा गया अध्यादेश
कैबिनेट की मंजूरी के बाद अधिनियम में संशोधन संबंधी अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल की मंजूरी के लिए देर रात ही राजभवन भेज दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि चुनावी जरूरतों को देखते हुए राज्यपाल बृहस्पतिवार को इस अध्यादेश को मंजूरी दे सकती हैं। इसके बाद सरकारी प्रेस में छपने के बाद नगर पालिका परिषद और नगर निगम अधिनियम में संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके तुरंत बाद नगर निगम महापौर, पालिका परिषद अध्यक्ष और नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण की सूची जारी की जा सकती है।

ट्रिपल टेस्ट के आधार पर दिया जाएगा आरक्षण
बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण इस बार ट्रिपल टेस्ट के लिए बनी समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दिया जाना है। लिहाजा आरक्षण देने की पुरानी व्यवस्था में बदलाव होना आवश्यक था। इसलिए ही अध्यादेश लाया जा रहा है। अध्यादेश लाकर समर्पित आयोग की सिफारिशों के आधार पर निकाय प्रमुखों का आरक्षण तय किया जाएगा।
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अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक जारी होगी आरक्षण की अंतिम सूची
सूत्रों के मुताबकि बृहस्पतिवार को प्रस्तावित आरक्षण जारी हो सकता है। इसके बाद सात दिनों तक प्रस्तावित आरक्षण पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जाएगी जिसे राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा जाएगा और चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के साथ ही चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी।

गजरौला चीनी मिल की क्षमता वृद्धि, मोहिउद्दीनपर मिल में आसवनी स्थापना को हरी झंडी

मेरठ की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में आसवनी की स्थापना होगी। इसके अलावा अमरोहा की गजरौला चीनी मिल की पेराई क्षमता का विस्तार होगा। इन दोनों ही प्रस्तावों को बुधवार की कैबिनेट बैठक में हरी झंडी दे दी गई। दोनों मिलों में इन प्रस्तावों के मंजूर होने से गन्ना किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

अमरोहा की ''दि किसान सहकारी चीनी मिल्स गजरौला'' की पेराई क्षमता 2500 टीसीडी है। इसे 4900 टीसीडी करते हुए इसे सल्फरलेस रिफाइंड शुगर मिल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा सीधे गन्ने के रस से, बी हैवी, सी हैवी फीड स्टॉक पर 100 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता वाली एथनॉल उत्पादन की हाइब्रिड आसवनी पर काम होगा। प्रेसमड से सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस) उत्पादन के लिए 100 टीपीडी प्लांट की स्थापना को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। इसी तरह से उप्र राज्य चीनी निगम लि. की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में बी-हैवी शीरे पर आधारित 60 केएलपीडी क्षमता की आसवनी की स्थापना को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी।

अमरोहा की ''दि किसान सहकारी चीनी मिल्स गजरौला\ की पेराई क्षमता 2500 टीसीडी है। इसे 4900 टीसीडी करते हुए सल्फरलेस रिफाइंड शुगर मिल के रूप में विकसित की जाएगी। इसके अलावा सीधे गन्ने के रस से, बी हैवी, सी हैवी फीड स्टॉक पर 100 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता वाली एथनॉल उत्पादन की हाइब्रिड आसवनी पर काम होगा। प्रेसमड से सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस) उत्पादन के लिए 100 टीपीडी प्लांट की स्थापना को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। इसी तरह से उप्र राज्य चीनी निगम लि. की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में बी हैवी शीरे पर आधारित 60 केएलपीडी क्षमता की आसवानी की स्थापना को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी।

35 लाख युवाओं को मिलेंगे टैबलेट और स्मार्टफोन, 2022-23 के लिए होगा वितरण

विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत प्रदेश के 35 लाख युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए जाएंगे। योगी कैबिनेट की बुधवार को आयोजित बैठक में टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण के लिए अंतिम निविदा अभिलेख को मंजूरी दी गई। 

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योजना के तहत पांच वर्ष में दो करोड़ युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन देने का लक्ष्य रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 10 लाख युवाओं को टैबलेट और 25 लाख युवाओं को स्मार्टफोन वितरित किए जाएंगे। निविदा अभिलेख को मंजूरी दी गई है, जल्द निविदा कराकर पात्र युवाओं को इनका वितरण किया जाएगा।

कैबिनेट भूमि उपचार, पेडी प्रबंधन के लिए अब रसायन पर 900 रुपये का अनुदान

गन्ना किसानों को गन्ना बीज एवं भूमि उपचार, पेडी प्रबंधन पर रसायनों के लिए अब अधिकतम 900 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान मिलेगा। इसके लिए अलग अलग अनुदान की व्यवस्था का समाप्त करते हुए एक ही योजना में इसे शामिल कर दिया गया है। अब तक यह दोनों योजनाओं में ही 650 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जा रहा था। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

गन्ना विकास के लिए जिला योजना के तहत गन्ने के बीज एवं भूमि उपचार एवं पेड़ी प्रबंधन के लिए अलग अलग दो योजनाओं में अनुदान की व्यवस्था थी। यह अनुदान इसके लिए प्रयुक्त होने वाले रसायन पर दिया जाता है। पेड़ी प्रबंधन में रसायन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 150 रुपये प्रति हेक्टेयर, बीज शोधन एवं भूमि उपचार के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 500 रुपये दिया जाता था। अब दोनों ही योजनाओं को मिलाते हुए अनुदान की लागत अधिकतम 900 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दी गई है। दरअसल यह व्यवस्था वर्ष 2012 से चली आ रही थी और किसान बार बार इसमें बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे।

राहत : अब दूसरे राज्य में करा सकेंगे वाहन का फिटनेस टेस्ट

यदि किसी दूसरे राज्य या जिले में अपना वाहन लेकर गए हैं और फिटनेस की तारीख समाप्त होने वाली है तो उसी जिले या राज्य में फिटनेस टेस्ट करा सकेंगे। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मोटर नियमावली 1998 के नियम 39 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

यह व्यवस्था व्यावसायिक वाहनों के लिए की गई क्योंकि ऐसे ही वाहन दूर दूर तक जाते हैं। वाहन स्वामी अपने वाहन के पंजीकृत जिले के अलावा किसी दूसरे जिले अथवा प्रांत में भी स्वास्थ्य परीक्षण करा सकेंगे। व्यावसायिक वाहनों का तीन-तीन और दो दो साल में फिटनेस टेस्ट कराना पड़ता है। इनमें एक बार वह अपने पंजीकृत जिले में तो दूसरी बार कहीं अन्य भी फिटनेस टेस्ट करा सकेंगे। कैबिनेट की बैठक में इस बाबत प्रस्ताव रखा गया था। शर्त यह रहेगी कि एक बार यदि किसी दूसरे जिले या राज्य में फिटनेस टेस्ट कराया तो अगली बार अपने मूल पंजीकृत जिले में ही यह परीक्षण कराना होगा।

बकाया शुल्क में मिलेगी एकमुश्त छूट
अब पुराने निजी व व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप कराने पर उसके बकाया शुल्क में छूट मिलेगी। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। इस छूट का लाभ तभी मिलेगा जब छूट के बाद बची देय धनराशि को एकमुश्त जमा किया जाएगा।

ऐसे वाहनों पर लगे जुर्माने पर शत प्रतिशत छूट का प्रस्ताव पहले ही मंजूर किया जा चुका है। बुधवार को कैबिनेट में शुल्क में छूट का प्रस्ताव रखा गया। दरअसल प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण व गतिशीलता नीति 2023 पर काम कर रही है। इस नीति के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की योजना लाई गई है। यदि पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सेंटर में कोई अपने वाहन को कबाड़ कराता है तो उसने उस वाहन के बकाया शुल्क पर छूट दी जाएगी।

दो प्रतिशत एपीओ के एआरटीओ बनने का रास्ता साफ
परिवहन विभाग में तैनात दो प्रतिशत सहायक अभियोजन अधिकारी अब एआरटीओ बन सकेंगे। इस आरक्षण में बढ़ोतरी करते हुए कैबिनेट ने उप्र परिवहन सेवा नियमावली में छठवें संशोधन को मंजूरी दे दी गई।

उप्र परिवहन सेवा नियमावली में इस संशोधन का प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट की बैठक में रखा गया। नियमावली के मुताबिक परिवहन विभाग में तैनात सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) विभाग में उप संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ ) पद पर पदोन्नति पा सकते हैं। अभी तक इनके आरक्षण का कोटा केवल एक प्रतिशत ही था। अब इसे बढ़ाकर दो प्रतिशत का प्रस्ताव रखा गया था जिसे कैबिनेट ने मंजूर कर लिया।

प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को मिलेगी पांच लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा

प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को भी सरकार अब पांच लाख तक कैशलेश इलाज की सुविधा देगी। यह सुविधा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत दिया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है।

यह जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले और स्पोर्टस कॉलेजों में पंजीकृत छात्रों को लाभ मिलेगा। ऐसे खिलाड़ियों की संख्या 11 हजार है। अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने बताया कि अक्सर यह समस्या सामने आती थी कि प्रशिक्षण के दौरान बहुत से खिलाड़ी घायल हो जाते थे और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वह अपना इलाज नहीं करा पाते थे।

उन्होंने बताया कि समुचित इलाज न मिलने पाने की वजह से बहुत से गरीब खिलाड़ियों को बीच में ही प्रशिक्षण छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इसलिए सरकार ने अब प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत खिलाड़ियों को भी मुख्यमंत्री जनआरोग्य अभियान के तहत चिकित्सा बीमा का लाभ देने का फैसला किया है। पहले इन खिलाड़ियों को यह सुविधा नहीं मिलती थी। इसके लिए सरकार की ओर से बीमा कंपनी को एक करोड़ प्रिमियम का भुगतान किया जाएगा।

नाव, जाल, लाइफ जैकेट खरीदने पर मछुआरों को मिलेगी 40 प्रतिशत सब्सिडी

पिछले साल से अटकी निषादराज नाव सब्सिडी योजना को मंजूरी मिल गई। बुधवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। इस योजना में नाव तथा मत्स्य पालन से संबंधी अन्य सामान खरीदने पर मछुआरा समुदाय के लोगों को 40 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।

बजट 2022-23 में भी इस योजना के लिए 2 करोड़ रुपये के प्रावधान को मंजूरी दी गई थी। मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने बताया कि इस वर्ष इस योजना में सात करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस योजना में 15 से 18 फुट लंबी बिना इंजन वाली नाव खरीदने पर 40 प्रतिशत या अधिकतम 67 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। लाइफ जैकेट, मछली पकड़ने का जाल या अन्य इसी तरह की सामग्री पर भी लागत का 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। प्रत्येक साल तीन हजार नावों पर यह छूट देने की योजना है। अंत्योदय कार्डधारक, केवट और मल्लाह समुदाय के लोगों को प्राथमिकता पर इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

कैबिनेट 300 की बजाय अब सौ रुपये में करा सकेंगे पशु गर्भाधान

सैक्स सार्टड सीमन के जरिए कृत्रिम पशु पशु गर्भाधान कराने पर सरकार ने शुल्क कम कर दिया है। अब 300 रुपये की बजाय केवल 100 रुपये में पशुपालक अपने पशु का कृत्रिम गर्भाधान करा सकेंगे। इससे जहां पशुओं में नस्ल सुधार होगा तो वहीं पशुपालकों पर खर्च कम पड़ेगा। बुधवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

वर्ष 2019 में शुरू की गई इस योजना में गाय और भैंस दोनों को शामिल किया गया है। इसमें कृत्रिम गर्भाधान शुल्क 300 रुपये तय किया गया था पर बुंदेलखंड में छुट्टा पशु प्रथा ज्यादा थी। इसे रोकने के लिए बुंदेलखंड में इसके लिए मात्र सौ रुपये तय किए गए थे। अब पूरे प्रदेश में ही यह शुल्क 100 रुपये होगा। दरअसल इस सीमन से बछिया या पड़िया पैदा होने की संभावना 90 फीसदी हो जाती है।

आजमगढ़ में संगीत महाविद्यालय को हरी झंडी

कैबिनेट ने बुधवार को आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। लगभग 20 करोड़ की लागत से बनने वाले इस महाविद्यालय में क्लासिकल म्यूजिक, तबला, हारमोनियम, गायन आदि की पढ़ाई और प्रशिक्षण होगा। यह महाविद्यालय भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय से संबद्ध होगा। यहां से विद्यार्थियों को डिग्री दी जाएगी।

प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि हरिहरपुर अपने स्थानीय संगीत, खासकर कजरी के लिए काफी जाना जाता है। यहां हर घर में कोई न कोई तबला, गायन, वादन आदि विधा का माहिर है। इसे देखते हुए इस विधा को बढ़ाने के लिए यहां महाविद्यालय खोलने का निर्णय शासन ने लिया है। विभाग की ओर से हरिहरपुर संगीत महोत्सव भी शुरू किया जाएगा। इसे ग्रामीण पर्यटन से भी जोड़ा जाएगा।

कैबिनेट ने अवध केसरी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राना बेनी माधवबक्श सिंह की स्मृति में रायबरेली में सभागार, म्यूजियम व लाइब्रेरी के निर्माण को भी हरी झंडी दी है। इसी क्रम में वाराणसी में संत करीब संग्रहालय के निर्माण का निर्णय लिया गया है। इसमें संत कबीर के उपदेशों व उनके दर्शन से वर्तमान व भावी पीढ़ियों को परिचित कराने के लिए उपयोगी होगी। इसी क्रम में संत रविदास की स्मृति में संत रविदास संग्रहालय का निर्माण भी कराया जाएगा।

आजमगढ़ और शाहजहांपुर में बनेंगे मार्ग

आजमगढ़ में गाजीपुर-आजमगढ़ मार्ग (एसएच-67) से महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, असपालपुर तक चार लेन पहुंच मार्ग के निर्माण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसकी लंबाई 2.40 किमी और चौड़ाई 19.50 मीटर होगी। इसके निर्माण पर 30.38 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मार्ग के निर्माण से छात्रों, शिक्षकों व अन्य लोगों को काफी आसानी होगी।

शाहजहांपुर में लिपुलेक-भिंड मार्ग को चौड़ा करने को हरी झंडी
शाहजहांपुर में लिपुलेक-भिंड मार्ग (एसएच-29) के 28.30 किमी हिस्से के चौड़ीकरण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसकी लागत 294.30 करोड़ रुपये आएगी। यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग-24 के बरेली मोड़, शाहजहांपुर से जलालाबाद को जोड़ने वाला है। यह मार्ग शाहजहांपुर से फर्रूखाबाद, लखनऊ, बदायूं, मुरादाबाद और दिल्ली को आने-जाने के लिए इस्तेमाल होता है। औद्योगिक क्षेत्र और ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए इस मार्ग के निर्माण से आम लोगों को काफी सुविधा होगी।

नगर निकायों में अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगी जनता से जुड़ी सेवाएं

प्रदेश के नगर निकायों में जनता को मिलने वाली सभी सुविधाओं को ऑनलाइन मुहैया कराने के लिए सरकार ने केन्द्र की तर्ज पर प्रदेश में भी 'स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन' (एसयूडीएम-यूपी) का गठन करने का फैसला किया है। एसयूडीएम शुरू करने के लिए 'मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन' (एमओए), नियमावली बनाने और सोसायटी के गठन से संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है। इस मिशन के तहत नगर निकायों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र समेत सभी तरह की सेवाएं जहां ऑनलाइन मुहैया कराने में मदद मिलेगी, वहीं पारदर्शिता भी आएगी।

कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि प्रदेश में एसयूडीएम का क्रियान्वयन होने से नगर निकायों में नियोजन, नावाचार, प्रशिक्षण और दूसरे प्रदेशों के निकायों के साथ नावाचारों के आदान-प्रदान में भी मदद मिलेगी। साथ ही एसयूडीएम के जरिए शहरी जनता को निकायों के माध्यम से मिलने वाली सेवाओं व सुविधाओं और योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निकायों में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देकर निकायों द्वारा संचालिय योजनाओं की निगरानी भी का जा सकेगी।

शर्मा ने बताया कि एसयूडीएम शुरू करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के बीच 31 मई 2022 को ही एमओयू किया गया था। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई 'नेशनल अर्बन डिजिटल मिशन' (एनयूडीएम) को प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में एसयूडीएम को 17 नगर निगमों के अलावा जिला मुख्यालय वाले नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में लागू किया जाएगा। इसके बाद क्रमवार सभी निकायों को भी जोड़ा जाएगा।

नगर विकास मंत्री ने बताया कि एसयूडीएम के क्रियान्वयन के लिए जरूरत के मुताबिक निकायों में अवस्थापना सुविधाएं और मैनपावर की व्यवस्था करने पर राज्य सरकार पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। इसके लिए केन्द्र सरकार से मौजूदा वित्तीय वर्ष में 12.50 करोड़ और वर्ष 2023-24 में 25 करोड़ धनराशि उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया किए मिशन के क्रियान्वयन के लिए एक सोसायटी का भी गठन किया जाएगा। इसके अलावा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय राज्य स्तरीय उच्चाधिकार समिति का भी गठन किया जाएगा।

प्रदेश में हरित ऊर्जा से बिजली उत्पादन को मिलेगा बढावा

प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढावा दिया जा रहा है। इसके लिए सौर ऊर्जा पार्कों से ऊर्जा निकासी के पुख्ता इंतजाम किए जा रहेहैं। पारेषण तंत्र विकसित करने के लिए हरित ऊर्जा कारीडोर तैयार होगा। इसके लिए 20 उपकेंद्र एवं उससे जुड़ी लाइनों का निर्माण किया जाएगा। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। हरित ऊर्जा से विद्युत उत्पादन होने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। कोयले और पेट्रोलियम पर निर्भरता भी कम होगी।

हरित ऊर्जा को व्यवस्थित तरीके से वितरित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरित ऊर्जा कॉरीडोर-दो को मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार ने बजट में इसके लिए 1554 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है। बुंदेलखंड में स्थापित सौर ऊर्जा पार्क से उत्पादित होने वाली चार हजार मेगावाट सौर विद्युत ऊर्जा के पारेषण के लिए जनवरी 2022 में 5011.47 करोड़ की लागत से परियोजना स्वीकृत की गई थी। इसमें 33 फीसदी केंद्र से अनुदान और 47 फीसदी जर्मन सरकार की केएफडब्ल्यू से परिवर्तनीय ब्याज दर पर ऋण लिया गया। जबकि 20 फीसदी धनराशि अंशपूजी से किया जाना है। बाद में इस परियोजना में बदलाव किया गया। चार हजार मेगावाट के वितरित सोलर पार्क के स्थान पर 2600 मेगावाट का सोलर पार्क स्थापना एवं 14 सौ मेगावाट के वितरण सोलर पार्क बनाने की परियोजना तैयार की गई है। ऐसे में परियोजना की कुल लागत 5011.47 के स्थान पर 4786.79 करोड़ हो गई है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें यह भी तय किया गया है कि हरित ऊर्जा कारीडोर के तहत 20 उपकेंद्रों और संबंधित लाइनों का निर्माण दो चरण में कराया जाएगा। पहले चरण 2022-23 से 2024-25 तक चलेगा और दूसरे चरण का कार्य 2023-24 से 2025-26 तक चलेगा।

मुख्यालय से होगी उपकेंद्रों की निगरानी
प्रदेश के 132 केवी के उपकेद्रों में बिजली आपूर्ति की पूरी व्यवस्था की निगरानी मुख्यालयों से की जा सकेगी। इसके लिए उपकेंद्रों में रिलायबल कम्युनिकेशन एंड डाटा एक्जीवेशन सिस्टम लगाया जाएगा। इससे मुख्यालयों को यह पता चलता रहेगा कि किस उपकेंद्र में आपूर्ति कम हो रही है और कहां ज्यादा बिजली खर्च हो रही है। इस सिस्टम के लगने के बाद निगरानी व्यवस्था दुरुस्त होगी। इस प्रस्ताव को भी बुधवार को कैबिनेट में मंजूरी दी गई।

सरकारी विभाग लघु, कुटीर और हथकरघा इकाइयों से वस्त्र खरीद रखेंगे जारी

सरकारी विभागों एवं शासकीय नियंत्रण के उपक्रमों, निगमों, प्राधिकरणों, परिषदों और स्वायत्तशासी संस्थाओं को जेम पोर्टल के जरिए लघु, कुटीर और हथकरघा इकाइयों की ओर से निर्मित वस्त्रों की अनिवार्य रूप से खरीद करनी होगी। प्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को 24 वर्ष से चली आ रही इस व्यवस्था को आगामी दो वर्ष, 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकारी विभागों और उपक्रमों सहित अन्य चिह्नित संस्थाओं को राज्य हथकरघा निगम, यूपिका, खाद्यी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के जरिये गांधी आश्रम, हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के जरिये खरीद करनी होगी। इसमें सूटिंग, शर्टिंग, काटन, बेड, दरी, हक्का बैक, हनी कोम्ब, टावेल, साड़ी, धोती, बेड शीट, पिलो कवर, परदे, ऊनी कंबल, फर्शी दरी, ऊनी वर्दी का कपड़ा, गाज बैंडेज, क्लाथ, दो सूती क्लाथ प्रकार के उत्पाद खरीदे जाएंगे।

लॉ फर्म के चयन की प्रक्रिया को हरी झंडी

कैबिनेट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश इनोवेशन फंड के संचालन के लिए लॉ फर्म के चयन के लिए तैयार रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के ड्राफ्ट का अनुमोदन कर दिया। इसे मेसर्स डिलॉएड की ओर से तैयार किया गया है। प्रदेश में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कारपस फंड बनाया जा रहा है। इस फंड के संचालन आदि के लिए कंपनी का चयन किया जाएगा। इससे पहले कंपनी चयन और फंड के संचालन आदि के नियम-कानून तैयार किए जाने हैं। इसके लिए लॉ फर्म का चयन किया जाना है। जिसके ड्राफ्ट को कैबिनेट ने अनुमोदन दिया है। इसी आधार पर अब लॉ फर्म के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

ट्रेजरी से फर्जी भुगतान होने पर दोषियों की परिसंपत्तियों से होगी वसूली

ट्रेजरी से फर्जी भुगतान होने पर दोषी कर्मियों की परिसंपत्तियों से वसूली होगी। आपराधिक मामला भी दर्ज होगा। इसके लिए कोषागार नियम में संशोधन को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कोषागार नियम (उत्तर प्रदेश) के सेक्शन-9 के प्रस्तर-31 में संशोधन के लिए प्रस्ताव लाया गया था। इसके तहत फर्जी भुगतान होने पर आहरण-वितरण अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। गबन की पुष्टि होने पर संबंधित अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति से रिकवरी होगी। यह वसूली भू-राजस्व की भांति होगी। फर्जी बिल बनाने वाले और उसे पास करने वाले अधिकारी व कर्मचारी मुख्य रूप से जिम्मेदार होंगे।
 

कोषागार से फर्जी भुगतान होने पर दोषियों की परिसंपत्तियों से होगी वसूली

कोषागार से फर्जी भुगतान होने पर दोषी कर्मियों की परिसंपत्तियों से वसूली होगी। आपराधिक मामला भी दर्ज होगा। इसके लिए कोषागार नियम में संशोधन को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कोषागार नियम (उत्तर प्रदेश) के सेक्शन-9 के प्रस्तर-31 में संशोधन के लिए प्रस्ताव लाया गया था। इसके तहत फर्जी भुगतान होने पर आहरण-वितरण अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। गबन की पुष्टि होने पर संबंधित अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति से रिकवरी होगी। यह वसूली भू-राजस्व की भांति होगी। फर्जी बिल बनाने वाले और उसे पास करने वाले अधिकारी व कर्मचारी मुख्य रूप से जिम्मेदार होंगे।
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