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निकाय चुनाव : मेयर व अध्यक्ष की सीटों का अब नए सिरे से होगा आरक्षण, पूर्व में जारी आरक्षण को शून्य माना जाएगा

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Fri, 03 Mar 2023 12:36 AM IST
सार

आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी और इसकी जानकारी देते हुए चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के तुरंत बाद यूपी में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं सरकार की भी यही चाहती है कि अप्रैल तक निकाय चुनाव करा लिए जाएं।

Now the reservation for the seats of mayor and president will be done afresh
up nikay chup nikay chunav, यूपी निकाय चुनाव, यूपी नगर निगम चुनावunav, यूपी निकाय चुनाव - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

प्रदेश सरकार आगामी नगर निकाय चुनाव को देखते हुए नगर निगम और पालिका परिषद अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए नगर विकास विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। संशोधन में निकाय चुनाव में सीटों का आरक्षण ट्रिपल टेस्ट के आधार पर करने का प्रावधान शामिल किया जाएगा। ऐसा होने पर मेयर और अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण पूरी तरह से बदल जाएगा।



बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2010 में ट्रिपल टेस्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण की व्यवस्था दी थी। उत्तर प्रदेश में इसके बाद वर्ष 2012 और 2017 में पुरानी व्यवस्था के आधार पर ही निकाय चुनाव हुए थे। अब ट्रिपल टेस्ट की व्यवस्था को अधिनियम में शामिल करने की तैयारी चल रही है। इसके लागू होने पर इस साल चुनाव के लिए नगर विकास विभाग द्वारा जारी दोनों आरक्षण को शून्य मान लिया जाएगा। इस वर्ष होने वाले चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के आधार पर पिछड़ों के लिए हिस्सेदारी तय करते हुए सीटों का आरक्षण किया जाएगा, जिससे भविष्य में होने वाले चुनावों को इसके आधार पर ही कराया जाए।


उधर उप्र राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों का सर्वे करते हुए रिपोर्ट तैयार कर ली है। जल्द ही यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। इसके बाद इस रिपोर्ट के आधार पर पिछड़ों की हिस्सेदारी तय की जाएगी। आरक्षण करने से पहले नगर विकास विभाग आयोग की रिपोर्ट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 31 मार्च तक का समय दिया है।

सूत्रों का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी और इसकी जानकारी देते हुए चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के तुरंत बाद यूपी में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं सरकार की भी यही चाहती है कि अप्रैल तक निकाय चुनाव करा लिए जाएं।

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