रायबरेली। अयोध्या रूट की डायवर्ट होकर रायबरेली से दौड़ाई जा रही आठ ट्रेनें वापस अपने रास्ते से चलने लगी हैं, फिर भी रायबरेली रूट की नियमित गाडिय़ों का संचालन पटरी पर नहीं लौट सका। सोमवार को नौचंदी, पद्मावत, काशी विश्वनाथ, पंजाब मेल और जनता मेल समेत कई गाड़ियां काफी विलंब से आईं। खासकर लखनऊ की ओर से आने वाली ज्यादातर ट्रेने लेट रहीं। परिणामस्वरूप यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
अयोध्या रूट की आठ ट्रेनों को 18 से 25 मार्च तक रायबरेली होकर दौड़ाया गया। इसकी असर यहां की नियमित ट्रेनों पर पड़ा। उम्मीद थी कि अयोध्या रूट की गाडिय़ां न आने से ट्रेनों के संचालन में सुधार आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सोमवार को सुबह दिल्ली से प्रतापगढ़ जाने वाली पद्मावत एक्सप्रेस तीन घंटे, सहारनपुर से प्रयागराज संगम जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे, देहरादून से बनारस जाने वाली जनता मेल दो घंटे विलंब से आई।
दोपहर में अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल डेढ़ घंटे, बनारस से देहरादून जाने वाली जनता मेल एक घंटे, हावड़ा से अमृतसर जाने वाली पंजाब मेल पौन घंटे विलंब से आने के कारण स्टेशन पर काफी भीड़ रही। रविवार की मध्यारत्रि नई दिल्ली से बनारस जाने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस दो घंटे से ज्यादा देर से आई। स्टेशन अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि दूसरे रूटों पर चल रहे काम की वजह से गाड़ियां पिछले स्टेशनों से ही लेट आ रही हैं।
तबादले के बाद भी नहीं जा रहे एसएस
रायबरेली। उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के सहायक मंडल मंत्री लवकुश सोनकर ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि तबादला आदेश आने के तीन दिन बाद भी स्टेशन अधीक्षक सीट छोड़कर नहीं जा रहे हैं। यूनियन ने लगातार 13 दिन तक आंदोलन किया, जिसके बाद स्थानांतरण आदेश जारी हुआ। उधर, स्टेशन अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि कोई अभी कार्यभार ग्रहण करने नहीं आया है। किसी दूसरे स्टेशन अधीक्षक के यहां आने और कार्यभार सौंपने में समय लगता है।