लखनऊ। राजधानी में उदीयमान कलाकारों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए संस्कृति विभाग राष्ट्रीय कथक संस्थान को और विकसित व समृद्ध करेगा। इसके लिए गोमती नगर विस्तार में कथक संस्थान की नई बिल्डिंग बनेगी और यहां से यूजी-पीजी की पढ़ाई व शोध भी शुरू किया जाएगा।
वर्तमान में कैसरबाग में राष्ट्रीय कथक संस्थान चल रहा है। यहां पर कथक का प्रशिक्षण देने के साथ ही हॉबी कोर्स, प्रथमा, मध्यमा व विशारद में कथक प्रशिक्षण दिया जाता है। वहीं एसएनए स्थित कथक केंद्र में भी कथक का प्रशिक्षण दिया जाता है। संस्कृति विभाग इनको एक जगह पर आधुनिक सुविधाओं व नए कोर्स के साथ स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
संस्कृति विभाग ने पद्म विभूषण बिरजू महाराज के नाम से स्थापित कथक संस्थान के लिए गोमती नगर विस्तार में जमीन चिह्नित कर ली है। यहां पर संस्थान की नई बिल्डिंग, ऑडिटोरियम आदि के साथ तैयार होगी। यहां पर कथक से जुड़े डिग्री कोर्स चलाए जाएंगे और शोध भी शुरू किया जाएगा। कथक से जुड़ी देश भर की विभूतियों व विशेषज्ञों की कार्यशालाएं समय-समय पर आयोजित की जाएंगी।
प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि राजधानी में कथक का राष्ट्रीय स्तर का केंद्र स्थापित करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। नई बिल्डिंग के लिए जमीन चिह्नित कर अन्य औपचारिकता पूरी की जा रही है। यहां पर कथक के पहले से चल रहे दोनों संस्थानों को शिफ्ट करेंगे और बेहतर सुविधाएं देंगे। यहां यूजी-पीजी व शोध की पढ़ाई भी शुरू कराएंगे। इनको भातखंडे विश्वविद्यालय से इनको डिग्री देंगे। संस्थान का अपना मोनोग्राम भी होगा।