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Lucknow : निवेशकों की नजर उद्योगों के नए ‘उत्तराधिकारी’ पर, इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं अफसरशाह अरविंद
महेंद्र तिवारी, लखनऊ
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 16 Feb 2023 06:02 AM IST
सार
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उनके पास निवेश लाने से लेकर प्रस्तावों को जमीन पर उतारने तक की ऐसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें कभी कई अफसर अलग-अलग निभाते रहे हैं। ऐसे में निवेशकों की नजर सबसे पहले उनकी मदद में तत्पर रहने वाली नई टीम पर है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) अरविंद कुमार इसी महीने रिटायर हो रहे हैं। उनके पास निवेश लाने से लेकर प्रस्तावों को जमीन पर उतारने तक की ऐसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें कभी कई अफसर अलग-अलग निभाते रहे हैं। ऐसे में निवेशकों की नजर सबसे पहले उनकी मदद में तत्पर रहने वाली नई टीम पर है।
राज्य सरकार ने जीआईएस में 33.50 लाख करोड़ के निवेश हासिल किया है। इसमें अरविंद की अहम भूमिका रही। उनके पास अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स तथा एनआरआई जैसे विभागों के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) के साथ ही पिकप के चेयरमैन और यूपीडा व उपशा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की भी जिम्मेदारी है। अमूमन यह जिम्मेदारियां अलग-अलग लोगों के पास रहती हैं। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी अरविंद के इस महीने रिटायर होने के बाद ये सभी पद खाली हो जाएंगे। समिट में कई निवेशक सवाल करते नजर आए कि अगला आईआईडीसी कौन होगा? क्या आईआईडीसी सहित सभी जिम्मेदारियां फिर किसी एक ही अफसर को दी जाएगी या अलग-अलग लोगों को काम सौंपे जाएंगे?
दरअसल, पिछले वर्षों में ऑनलाइन निवेश मित्र पोर्टल से निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन के दावों के बावजूद कई निवेशक अपने प्रस्तावों पर अमल को लेकर अलग-अलग तरह की मुश्किलें साझा करते आए हैं। मगर, सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में अरविंद ने फ ीडबैक के आधार पर नीतियों में सुधार, ऑनलाइन निवेश मित्र पोर्टल के अपग्रेडेशन, निवेश सारथी की नई पहल और ऑनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट सिस्टम से निवेशकों का हौसला बढ़ाया। पर, अब जब एमओयू के बाद निवेशकों की अगली प्राथमिकता अपने प्रस्तावों के क्रियान्वयन की है, उनका नौकरशाही से पाला पड़ना तय है। ऐसे में सिस्टम में सुधारों की राह पर बढ़े अरविंद की सेवानिवृत्ति के बाद उनकी जिम्मेदारी वाले कामों का बंटवारा सरकार किस तरह करती है, निवेशकों के साथ सभी की निगाहें लगी हैं।
किस पद की क्या जिम्मेदारी
आईआईडीसी : औद्योगिक विकास व निवेश से जुड़े करीब एक दर्जन विभागों से समन्वय का काम।
अपर मुख्य सचिव : प्रशासनिक विभाग में प्रस्ताव तैयार कराने से लेकर उसके क्रियान्वयन का पूरा काम।
सीईओ यूपीडा : एक्सप्रेसवे निर्माण की कार्ययोजना बनाना व सरकार की अनुमति के बाद निर्माण सुनिश्चित कराना।
सीईओ उपशा : राज्य के राजमार्गों के विकास में मुख्य भूमिका।
चेयरमैन पिकप: इकाई स्थापना के बाद निवेशकों को सरकार की नीतियों के अनुसार वित्तीय व अन्य लाभ समय से दिलाने की जिम्मेदारी।
कई अफ सरों के नाम चर्चा में
28 फरवरी को अरविंद की सेवानिवृत्ति के बाद आईआईडीसी व अन्य विभागों व संस्थाओं की जिम्मेदारी के लिए 1987 से 1989 बैच तक के आईएएस अफसरों के नामों की चर्चा है। लेकिन इनमें वरिष्ठ संजीव मित्तल, नवनीत सहगल, आराधना शुक्ला और डॉ प्रशांत त्रिवेदी भी फरवरी से अगस्त के बीच रिटायर हो रहे हैं। एसपी गोयल मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव होने से इस दौड़ में नहीं माने जा रहे। अन्य दावेदारों में किसी की आम छवि फाइलों को लटकाने वाले तो किसी की एनजीओ-आउटसोर्स व्यवस्था को आगे बढ़ाने वाले की बनी है। किसी की पहचान बार-बार निवेशकों को बुलाने वाले अफसर के रूप में रही है। कुछ अफसर महत्वपूर्ण पदों पर मौका मिलने के बावजूद पर्दे के पीछे के अपने कार्य व्यवहार से सरकार की पसंद से बाहर हैं। ऐसे में इन महत्वपूर्ण पदों के लिए वरिष्ठ अफसरों में बहुत सीमित विकल्प नजर आ रहे हैं।
इन अफसरों में विकल्प बनने की उम्मीद
1987 बैच : महेश कुमार गुप्ता एसीएस ऊर्जा (सेवानिवृत्ति मई 2024), संजीव मित्तल चेयरमैन राजस्व परिषद (सेवानिवृत्ति अगस्त 2023) और हेमंत राव एसीएस सचिवालय प्रशासन (सेवानिवृत्ति फरवरी 2024)।
1988 बैच : डॉ रजनीश दुबे एसीएस दुग्ध विकास एवं पशुपालन (सेवानिवृत्ति अगस्त 2024), नवनीत सहगल एसीएस खेल एवं युवा कल्याण (सेवानिवृत्ति जुलाई 2023) और मनोज कुमार सिंह कृषि उत्पादन आयुक्त व एसीएस पंचायतीराज (सेवानिवृत्ति जुलाई 2025)।
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1989 बैच : एसपी गोयल एसीएस मुख्यमंत्री (सेवानिवृत्ति जनवरी 2027), डॉ देवेश चतुर्वेदी एसीएस नियुक्ति एवं कार्मिक व कृषि (सेवानिवृत्ति, फरवरी 2026), मोनिका सहगल गर्ग. एसीएस अल्पसंख्यक कल्याण (सेवानिवृत्ति अप्रैल 2025), आराधना शुक्ला एसीएस आयुष (सेवानिवृत्ति फ रवरी 2023), डॉ. प्रशांत त्रिवेदी एसीएस वित्त एवं वित्त आयुक्त (सेवानिवृत्ति जून 2023), मनोज सिंह एसीएस वन एवं पर्यावरण (सेवानिवृत्ति दिसंबर 2024), अमित मोहन प्रसाद एसीएस सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (सेवानिवृत्ति मार्च 2024), संजय आर भूसरेड्डी एसीएस गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग (सेवानिवृत्ति जून 2023), अनिल कुमार एसीएस होमगार्ड (सेवानिवृत्ति, मई 2026)।
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