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उत्तर प्रदेश सरकार ने निकायों से संचालित गोशालाओं में गायों के दूध को पंजीकृत संस्थाओं को बेचने को ही बेचने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसका पूरा हिसाब भी रखने को कहा है। दूध की बिक्री से मिलने वाले पैसे से गोशाला का संचालन करने को कहा गया है।
यह कवायद दूध की होने वाली बंदरबांट को रोकने के लिए की गई है। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
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इसमें कहा गया है कि बछड़ों व बछियों से बचने वाले दूध पंजीकृत सहकारी संस्थाओं को ही बेचा जाए। इसके अलावा बायोगैस कंपोस्ड खाद, गोमूत्र-गोबर आदि के उत्पादन व बिक्री के लिए भी जरूरी कार्रवाई की जाए।