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बुरे से बुरे दिनों में भी कमल खिलाने वाले पश्चिम यूपी में लगा भाजपा को सबसे बड़ा झटका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला लखनऊ
Published by:
Amulya Rastogi
Updated Sat, 25 May 2019 03:03 PM IST
भाजपा
- फोटो : amar ujala
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कहीं भी, कभी भी।
भारतीय जनता पार्टी की जीत का क्षेत्रवार विश्लेषण करें तो बुरे से बुरे दिनों में भी कमल खिलाने वाले पश्चिम में ही उसे बड़े झटके का सामना करना पड़ा है। भाजपा को प्रदेश में जिन 16 सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा है, उनमें सात सिर्फ पश्चिमी यूपी की हैं। वर्ष 2014 में इन सभी 16 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी।
कानपुर और बुंदेलखंड में सभी सीटों पर मोदी का जादू कायम रहा है जबकि अवध में भी भाजपा अव्वल रही है। अवध में भाजपा को दो सीटें गंवानी पड़ी हैं, लेकिन अमेठी की करिश्माई जीत ने एक सीट की भरपाई कर दी है। साथ ही एक अन्य सीट के नुकसान को भी महसूस नहीं होने दिया।
पश्चिम क्षेत्र की 14 सीटों में से भाजपा का स्कोर 50-50 का रहा है। सात सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी है, जबकि सात सीटें सपा-बसपा गठबंधन के खाते में गई हैं। गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, कैराना और मुजफ्फरनगर में भाजपा जीती। पर, मुरादाबाद, संभल, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, रामपुर और सहारनपुर सीटें उसे गंवानी पड़ी हैं।
बृज क्षेत्र में भाजपा को बढ़त
बृज क्षेत्र की 13 सीटों में से भाजपा ने 12 सीटें जीती हैं। यहां भाजपा को दो सीटों की बढ़त मिली है। अभी तक इस क्षेत्र की फिरोजाबाद, बदायूं और मैनपुरी सीट पर सपा के सांसद थे। इस बार सिर्फ मैनपुरी से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव जीते हैं। फिरोजाबाद और बदायूं सीटें भाजपा ने जीत ली हैं। इसके अलावा आगरा, फतेहपुर सीकरी, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा, बरेली, आंवला, शाहजहांपुर और पीलीभीत सीटों को भाजपा ने बरकरार रखा है।
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की सभी 10 सीटों पर भाजपा ने परचम फहराया है। अभी तक यहां भाजपा के पास सिर्फ नौ सीटें थीं। कन्नौज सीट पर लंबे समय से सपा का कब्जा था। वहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव इस समय सांसद थीं। पर, इस चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने उन्हें पराजित कर दिया।
इसके अलावा कानपुर, अकबरपुर, फर्रुखाबाद, इटावा, झांसी, जालौन, बांदा, हमीरपुर और फतेहपुर सीट पर भाजपा ने अपना कब्जा बनाए रखा है। खास बात यह है कि बुंदेलखंड की चार सीटों हमीरपुर, बांदा, झांसी और जालौन को भाजपा ने अपने पास बनाए रखा है।
अवध क्षेत्र की 18 में से 15 सीटों पर भाजपा अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही है। रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा बना रहा, पर अमेठी में भाजपा ने स्मृति ईरानी केजरिये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने का करिश्मा कर दिखाया।
इस क्षेत्र में भाजपा को अंबेडकरनगर और श्रावस्ती सीट गंवानी पड़ी, पर अमेठी की जीत ने इन सीटों के छिन जाने के जख्म पर मरहम का काम किया। अंबेडकरनगर और श्रावस्ती सीट गठबंधन के खाते में गई। बसपा के रितेश पांडेय अंबेडकरनगर और रामशिरोमणि श्रावस्ती से चुनाव जीते हैं।
लखनऊ से राजनाथ सिंह और बड़े अंतर के साथ जीतने में कामयाब रहे। मेनका गांधी भी सुल्तानपुर से जीत गईं। मोहनलालगंज, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, धौरहरा, खीरी, मिश्रिख, फैजाबाद, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा और कैसरगंज सीट भाजपा ने बरकरार रखी है।
काशी क्षेत्र की 12 सीटों में 10 सीटें एनडीए के खाते में गई हैं। गाजीपुर और जौनपुर में बसपा प्रत्याशी जीते हैं। रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र) से अपना दल (एस) के पकौड़ी लाल कोल और मिर्जापुर से अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल चुनाव जीती हैं। वाराणसी, चंदौली, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, फूलपुर, मछलीशहर और भदोही में कमल खिला है।
गोरखपुर में दो सीटों का घाटा
गोरखपुर क्षेत्र की 13 सीटों से भाजपा का स्कोर 10 सीटों का रहा। पिछली बार 12 सीटें भाजपा के पास थीं। इस तरह उसे दो सीटों का घाटा रहा। आजमगढ़ सीट पिछली बार भी भाजपा के पास नहीं थी। इस बार भी नहीं रही।
पर, पिछली बार जीती लालगंज और घोसी सीट भी इस बार भाजपा के हाथ से निकल गई। दोनों जगह गठबंधन जीता। गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, ़डुमरियागंज, संत कबीरनगर, बलिया और सलेमपुर में भाजपा ने जीत दर्ज की।
भारतीय जनता पार्टी की जीत का क्षेत्रवार विश्लेषण करें तो बुरे से बुरे दिनों में भी कमल खिलाने वाले पश्चिम में ही उसे बड़े झटके का सामना करना पड़ा है। भाजपा को प्रदेश में जिन 16 सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा है, उनमें सात सिर्फ पश्चिमी यूपी की हैं। वर्ष 2014 में इन सभी 16 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी।
कानपुर और बुंदेलखंड में सभी सीटों पर मोदी का जादू कायम रहा है जबकि अवध में भी भाजपा अव्वल रही है। अवध में भाजपा को दो सीटें गंवानी पड़ी हैं, लेकिन अमेठी की करिश्माई जीत ने एक सीट की भरपाई कर दी है। साथ ही एक अन्य सीट के नुकसान को भी महसूस नहीं होने दिया।
पश्चिम क्षेत्र में जीती सीटें गंवाई
पश्चिम क्षेत्र की 14 सीटों में से भाजपा का स्कोर 50-50 का रहा है। सात सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी है, जबकि सात सीटें सपा-बसपा गठबंधन के खाते में गई हैं। गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, कैराना और मुजफ्फरनगर में भाजपा जीती। पर, मुरादाबाद, संभल, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, रामपुर और सहारनपुर सीटें उसे गंवानी पड़ी हैं।
बृज क्षेत्र में भाजपा को बढ़त
बृज क्षेत्र की 13 सीटों में से भाजपा ने 12 सीटें जीती हैं। यहां भाजपा को दो सीटों की बढ़त मिली है। अभी तक इस क्षेत्र की फिरोजाबाद, बदायूं और मैनपुरी सीट पर सपा के सांसद थे। इस बार सिर्फ मैनपुरी से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव जीते हैं। फिरोजाबाद और बदायूं सीटें भाजपा ने जीत ली हैं। इसके अलावा आगरा, फतेहपुर सीकरी, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा, बरेली, आंवला, शाहजहांपुर और पीलीभीत सीटों को भाजपा ने बरकरार रखा है।
कानपुर-बुंदेलखंड में एक सीट का लाभ
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की सभी 10 सीटों पर भाजपा ने परचम फहराया है। अभी तक यहां भाजपा के पास सिर्फ नौ सीटें थीं। कन्नौज सीट पर लंबे समय से सपा का कब्जा था। वहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव इस समय सांसद थीं। पर, इस चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने उन्हें पराजित कर दिया।
इसके अलावा कानपुर, अकबरपुर, फर्रुखाबाद, इटावा, झांसी, जालौन, बांदा, हमीरपुर और फतेहपुर सीट पर भाजपा ने अपना कब्जा बनाए रखा है। खास बात यह है कि बुंदेलखंड की चार सीटों हमीरपुर, बांदा, झांसी और जालौन को भाजपा ने अपने पास बनाए रखा है।
अवध में अमेठी ने किया करिश्मा
अवध क्षेत्र की 18 में से 15 सीटों पर भाजपा अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही है। रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा बना रहा, पर अमेठी में भाजपा ने स्मृति ईरानी केजरिये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने का करिश्मा कर दिखाया।
इस क्षेत्र में भाजपा को अंबेडकरनगर और श्रावस्ती सीट गंवानी पड़ी, पर अमेठी की जीत ने इन सीटों के छिन जाने के जख्म पर मरहम का काम किया। अंबेडकरनगर और श्रावस्ती सीट गठबंधन के खाते में गई। बसपा के रितेश पांडेय अंबेडकरनगर और रामशिरोमणि श्रावस्ती से चुनाव जीते हैं।
लखनऊ से राजनाथ सिंह और बड़े अंतर के साथ जीतने में कामयाब रहे। मेनका गांधी भी सुल्तानपुर से जीत गईं। मोहनलालगंज, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, धौरहरा, खीरी, मिश्रिख, फैजाबाद, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा और कैसरगंज सीट भाजपा ने बरकरार रखी है।
काशी में दो सीटों का नुकसान
काशी क्षेत्र की 12 सीटों में 10 सीटें एनडीए के खाते में गई हैं। गाजीपुर और जौनपुर में बसपा प्रत्याशी जीते हैं। रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र) से अपना दल (एस) के पकौड़ी लाल कोल और मिर्जापुर से अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल चुनाव जीती हैं। वाराणसी, चंदौली, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, फूलपुर, मछलीशहर और भदोही में कमल खिला है।
गोरखपुर में दो सीटों का घाटा
गोरखपुर क्षेत्र की 13 सीटों से भाजपा का स्कोर 10 सीटों का रहा। पिछली बार 12 सीटें भाजपा के पास थीं। इस तरह उसे दो सीटों का घाटा रहा। आजमगढ़ सीट पिछली बार भी भाजपा के पास नहीं थी। इस बार भी नहीं रही।
पर, पिछली बार जीती लालगंज और घोसी सीट भी इस बार भाजपा के हाथ से निकल गई। दोनों जगह गठबंधन जीता। गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, ़डुमरियागंज, संत कबीरनगर, बलिया और सलेमपुर में भाजपा ने जीत दर्ज की।