लखनऊ को नए साल में 1000 नए चिकित्सक मिलेंगे। चिकित्सा संस्थानों एवं अस्पतालों में इनकी भर्ती की तैयारी शुरू कर दी गई है। चिकित्सा संस्थानों में लंबे समय से खाली चल रहे पदों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। सबसे ज्यादा करीब 450 पदों पर भर्ती केजीएमयू में होगी।
केजीएमयू में विभिन्न विभागों में संकाय सदस्यों के पद लंबे समय से खाली हैं। यहां एंडोक्राइनोलॉजी विभाग बंद हो गया है। इसी तरह नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस और न्यूरो सर्जरी सहित कई विभागों के संकाय सदस्य छोड़ कर जा चुके हैं। कुछ विभागों में सेवानिवृत्ति की वजह से पद खाली हैं। यहां कुल 450 से ज्यादा पद खाली हैं।
कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने के बाद संकाय सदस्यों के पद भरने की कवायद शुरू कर दी गई है। कुलपति ने रोस्टर व्यवस्था की समीक्षा कर नए सिरे से खाली पदों का विवरण तलब किया है। प्रयास है कि जनवरी में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यह भी माना जा रहा है कि जनवरी तक ओपीडी पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।
ऐसे में यहां रोजाना आने वाले करीब 10 हजार मरीजों को सीधा फायदा मिलेगा। केजीएमयू में 4500 बेड हैं। इसी तरह लोहिया संस्थान में खाली चल रहे 231 पदों को भरने की कवायद फिर शुरू हो गई है। इन पदों को भरने के लिए दो बार आवेदन मांगे गए, लेकिन दोनों बार किसी न किसी वजह से भर्ती नहीं हो सकी है। इस बीच कोरोना शुरू हो गया।
अब अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एके सिंह को लोहिया संस्थान का चार्ज मिल गया है। ऐसे में एक बार फिर संकाय सदस्यों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। संस्थान के सूत्रों का कहना है कि खाली पदों का नए सिरे से ब्योरा तैयार किया जा रहा है।
एसजीपीजीआई में भी विभिन्न विभागों में करीब 100 पद खाली हैं। संस्थान प्रशासन ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर बेहद गंभीर है। ऐसी स्थिति में पुरानी टीम के कुछ सदस्यों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट की जिम्मेदारी दी जा रही है। पहले से खाली चल रहे करीब 100 पदों के अलावा 25 अतिरिक्त पद भी सृजित कराने की तैयारी है। इस संबंध में विवरण तैयार करके शासन को भेजा गया है।
चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान भी शुरू हो गया है। अभी ओपीडी सेवाएं चल रही हैं। पहले चरण में 500 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है। यहां डायग्नोसिस ब्लॉक अलग से बन रहा है। सीटी स्कैन एवं टेलीथेरेपी की मशीन भी लग चुकी हैं। ली-नैक मशीन भी लगाई जा रही है।
यहां कैंसर जांच की सभी सुविधाओं के साथ रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी सहित कैंसर के इलाज की अन्य सुविधाएं शुरू होंगी। संस्थान में 59 चिकित्सा विशेषज्ञों के पद हैं। इन दिनों यहां 21 संकाय सदस्य हैं। सीनियर रेजिडेंट के 65 और जूनियर रेजिडेंट के 63 पद स्वीकृत हैं। संकाय सदस्यों के साथ ही सीनियर रेजिडेंटों के पदों को भरने की भी प्रक्रिया चल रही है। वैसे में यहां करीब 100 पदों पर भर्ती की जाएगी।
जिला स्तरीय अस्पतालों में भी करीब 100 डॉक्टरों के पद खाली चल रहे हैं। कई डॉक्टर वरिष्ठता के क्रम में प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने सभी अस्पतालों से खाली पदों का ब्यौरा मांगा है। ताकि उन्हें नए सत्र में भरा जा सके।
इन अस्पतालों में एनएचएम के जरिए ज्यादातर पद भरने की तैयारी है। इसके अलावा लोकबंधु अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाकर यहां करीब 50 नए पद सृजित किए जा रहे हैं। इसी तरह बीकेटी स्थित अस्पताल को भी उच्चीकृत करने की तैयारी है। इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
लखनऊ को नए साल में 1000 नए चिकित्सक मिलेंगे। चिकित्सा संस्थानों एवं अस्पतालों में इनकी भर्ती की तैयारी शुरू कर दी गई है। चिकित्सा संस्थानों में लंबे समय से खाली चल रहे पदों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। सबसे ज्यादा करीब 450 पदों पर भर्ती केजीएमयू में होगी।
केजीएमयू में विभिन्न विभागों में संकाय सदस्यों के पद लंबे समय से खाली हैं। यहां एंडोक्राइनोलॉजी विभाग बंद हो गया है। इसी तरह नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस और न्यूरो सर्जरी सहित कई विभागों के संकाय सदस्य छोड़ कर जा चुके हैं। कुछ विभागों में सेवानिवृत्ति की वजह से पद खाली हैं। यहां कुल 450 से ज्यादा पद खाली हैं।
कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने के बाद संकाय सदस्यों के पद भरने की कवायद शुरू कर दी गई है। कुलपति ने रोस्टर व्यवस्था की समीक्षा कर नए सिरे से खाली पदों का विवरण तलब किया है। प्रयास है कि जनवरी में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यह भी माना जा रहा है कि जनवरी तक ओपीडी पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।
ऐसे में यहां रोजाना आने वाले करीब 10 हजार मरीजों को सीधा फायदा मिलेगा। केजीएमयू में 4500 बेड हैं। इसी तरह लोहिया संस्थान में खाली चल रहे 231 पदों को भरने की कवायद फिर शुरू हो गई है। इन पदों को भरने के लिए दो बार आवेदन मांगे गए, लेकिन दोनों बार किसी न किसी वजह से भर्ती नहीं हो सकी है। इस बीच कोरोना शुरू हो गया।