भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जाता है क्योंकि इसे करने पर शरीर की आकृति फन उठाए सांप के समान दिखाई देती है। भुजंगासन शरीर के लिए बेहद लाभकारी है। यह शरीर को लचीला तो बनाता ही है, साथ ही पीठ, गर्दन एवं रीढ़ की हड्डी को मजबूत भी बनाता है। इसका अभ्यास करते वक्ते धीरे- धीरे सांस लेने और छोड़ने का अभ्यास करें। आइए जानते हैं भुजंगासन को करने का सही तरीका और इससे होने वाले फायदे।
भुजंगासन करने का तरीका-
सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएँ। पैर एकदम सीधे रखें, पाँव और एड़ियों को भी एकसाथ रखें। दोनों हाथ, दोनों कंधो के बराबर नीचे रखें तथा दोनों कोहनियों को शरीर के पास रखें। लंबी गहरी श्वास लेते हुए धीरे से मस्तक, फिर छाती और बाद में पेट को उठाएँ। अब शरीर को ऊपर उठाते हुए, दोनों हाथों का सहारा लेकर, कमर को पीछे की ओर खीचें। दोनों बाजुओं पर भार देते हुए संतुलन बनाएं। धीरे- धीरे श्वास लेते हुए, रीड़ के जोड़ को धीरे धीरे और भी अधिक मोड़ते हुए दोनों हाथों को सीधा करें। ऊपर की ओर देखें।
भुजंगासन करने के लाभ-
-श्वास संबंधी रोगों में इस आसन का अभ्यास करना बहुत फायदेमंद है।
- थकान और तनाव से मुक्ति मिलती है।
-पीठ, गर्दन और कंधे के दर्द से छुटकारा।
- कमर वाले हिस्से को लचीला बनाना।
- पेट का मोटापा कम करना।
ये लोग न करें भुजंगासन-
गर्भवती महिलाएं एवं वे लोग जिनकी पसली में कोई समस्या हो या पेट का कोई ऑपरेशन हुआ हो, वे लोग इस आसन का अभ्यास न करें। लंबे समय से यदि शरीर में कोई दर्द है तो प्रशिक्षक के मार्गदर्शन के बिना अभ्यास न करें।