अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। संघ का विचार है कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म का हो वह हिंदू है और उनका डीएनए भी एक ही है। ताजमहल और लाल किला नहीं बल्कि श्रीराम मंदिर, महाकाल और विश्वनाथ मंदिर भारत की सांस्कृतिक धरोहरें हैं। केंद्र सरकार राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण व उन्हें सही पहचान देने की दिशा में काम कर रही है। यह बातें संघ मुख्यालय केशव भवन जम्मू में आयोजित प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत संघ चालक डाॅ. गौतम मेंगी ने कहीं।
उन्होंने बताया कि संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक 12 से 14 मार्च तक हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा में हुई थी, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधियों ने मंथन किया था। इसमें बताया गया कि देश में संघ की शाखाओं की संख्या 62 हजार से बढ़कर 68 हजार तक पहुंच गई है। संघ की शाखाओं में तीन महीने में एक परिवार मिलन कार्यक्रम रखने का निर्णय भी लिया गया है। इस बैठक में महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें भारत के अमृतकाल और संघ के सौंवे वर्ष की ओर बढ़ती यात्रा के समय में समाज को दिशा देने का कार्य करेगा। प्रस्ताव के अनुसार संघ और समस्त समाज राष्ट्र के नवोत्थान की राहत में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए कार्य करते रहेंगे।
बैठक में प्रसताव के अतिरिक्त महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्यारोहण के 350वें वर्ष और भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण के 2550वें वर्ष पूर्ण होने पर तीन वक्तव्य भी जारी किए गए।
कश्मीर में संघ ने परोक्ष रूप से बढ़ाई गतिविधियां
प्रांत संघ चालक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संघ का कार्य तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2022 में जम्मू कश्मीर में टोली युक्त शाखाओं की संख्या 241 थी। वहीं अब बढ़कर 329 पर पहुंच गई है। साप्ताहिक मिलन की संख्या 220 हो गई है। चालीस से अधिक आयु सीमा वर्ग के सवयं सेवकों की संख्या 102, संघ मंडली स्थान 230 हो गए है। जम्मू प्रांत के अलावा कश्मीर में भी संघ कार्य बढ़ा है। कश्मीर में संघ की दैनिक शाखा लगाने की तो कोई योजना नहीं है। लेकिन संस्कार भारती के 500 सकूल और भारतीय मजदूर कांफ्रेंस और भाजपा के माध्यम से संघ कार्य चल रहा है।
आतंकवाद के लिए हो रही सख्ती सही
डाॅ. मेंगी ने कहा जम्मू-कश्मीर में सात दशक तक आतंकवाद पर नरम रुख रहा है, जिससे हालात बिगड़े हैं। लेकिन मौजूदा केंद्र व प्रदेश सरकार आतंकवाद के खिलाफ सख्ती बरत रही है। प्रदेश में आतंकवादियों के मददगारों को खत्म किया जा रहा है।