विस्तार
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी)पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए सेना ने लश्कर-ए-ताइबा के पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया। एक अन्य आतंकी पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में भाग निकला। मारे गए आतंकी से एक एके 47 राइफल, एक पिस्टल, दो चीन निर्मित ग्रेनेड तथा अन्य सामग्री बरामद की गई है।
श्रीनगर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल एमरॉन मौसवी ने बताया कि पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि सुदपुरा के एलओसी से सटे फॉरवर्ड इलाके से लश्कर-ए-ताइबा के आतंकवादियों का एक समूह घुसपैठ की कोशिश कर सकता है।
इसके आधार पर सुरक्षाबलों ने 25/26 की रात इलाके में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। ऑपरेशन के दौरान इंफिल्ट्रेशन ग्रिड पर तैनात सतर्क जवानों ने एलओसी के करीब अग्रिम क्षेत्र में अपनी तरफ घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को ललकारा।
प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार/बुधवार रात लगभग एक बजे घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के साथ आमना-सामना हुआ। इस दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी में घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों में से एक को मार गिराया गया। हालांकि अंधेरे का फायदा उठाकर दूसरा आतंकवादी वापस भाग निकला।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान चलाए गए सर्च ऑपरेशन में एक एके सीरीज राइफल, दो पिस्तौल और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और युद्ध में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री बरामद की गई। प्रवक्ता ने बताया कि मारे गए आतंकवादी की पहचान 32 साल के मोहम्मद शकूर के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के सैयदपुरा का रहने वाला है।
घुसपैठ के लगातार मिल रहे थे इनपुट
प्रवक्ता ने बताया कि सुदपुरा इलाके से आतंकवादियों के एक समूह द्वारा संभावित घुसपैठ से संबंधित कई इनपुट सुरक्षाबलों को प्राप्त हो रहे थे। उपरोक्त इनपुट के आधार पर क्षेत्र को निरंतर निगरानी में रखा गया था।
सेना, पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों के बीच समय पर कार्रवाई और बेहतर समन्वय ने घुसपैठ के प्रयास और आंतरिक इलाकों में शांति के लिए पैदा होने वाले संभावित खतरे को विफल कर दिया।
नियंत्रण रेखा पर निरंतर आमना-सामना होना पाकिस्तान के कश्मीर में आतंकवाद भड़काने और युद्ध विराम समझौते का मुखौटा लगाते हुए शांति और सद्भाव को बाधित करने के लिए प्रयासों की याद दिलाता है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान की राज्य नीति द्वारा पाकिस्तान में युवाओं को लगातार अशांति फैलाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।