ब्यूरो, अमर उजाला, श्रीनगर
Updated Sat, 08 Sep 2018 08:14 PM IST
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर ऐसे ही रहा तो वह लोक सभा और विधान सभा के चुनावों में भी भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि पहले 35ए का फैसला हो तभी हम आगे बढ़ेंगे।
श्रीनगर में अपने पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की बरसी पर पत्रकारों से बात करते हुए डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले जो मैंने फैसला लिया था उसको लेकर मेरे पार्टी कैडर ने चाहे वो जम्मू से था, कश्मीर से या फिर लद्दाख से, एक ही आवाज़ में कहा कि जब तक इसका (35ए) का फैसला नहीं होगा तब तक हम चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे।
उन्होने कहा कि मैं आज भी यह कहता हूं कि हम चुनावों से भागेंगे नहीं लेकिन पहले हमारे साथ इंसाफ हो। जब आप लोग हमारे साथ इंसाफ करेंगे तभी हम आगे बढ़ेगे। चाहे वो टॅक्सी वाला है, शिकारे वाला, हाउसबोट वाला, या फिर कोई और सभी का काम ठप है, लोगों में डर है कि यहां चुनाव होंगे जिसके दौरान के यहां हालात बिगड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि यह बात इनको (सरकार) भी सोचनी चाहिए कि पहले सभी पार्टियों के नेताओं को एक साथ बुलाकर उनकी राय पूछें लेकिन ऐसा नहीं किया उन्होंने। प्रधानमंत्री ने लाल किले से ऐसे ऐलान कर दिया कि चुनाव करवाएंगे जैसे कोई हिटलर करता है।
एक तरफ तो चुनाव की बात करते हैं लेकिन दूसरी ओर 35ए के साथ छेड़छाड़ कर संविधान पर हमला कर रहे हो, ऐसे में हम कैसे लोगों के पास वोट मांगने जाएंगे। पहले हमारे साथ इंसाफ हो तभी कुछ हो पाएगा। अगर आपका रास्ता यही है तो फिर हमारा रास्ता अलग है।
डॉ फारूक ने कहा कि ऐसे में हम आपके साथ चुनाव में भाग नहीं ले सकते। न सिर्फ यह चुनाव बल्कि लोक सभा और विधान सभा के चुनावों में भी हम भाग नहीं लेंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में कुछ दिन पूर्व डॉ फारूक अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में लोगों से कहा था कि डॉ सरकार ने पंचायती चुनावों की घोषणा की है, यह कोई हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का फैसला नहीं है बल्कि यह आपकी अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने का फैसला है।
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर ऐसे ही रहा तो वह लोक सभा और विधान सभा के चुनावों में भी भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि पहले 35ए का फैसला हो तभी हम आगे बढ़ेंगे।
श्रीनगर में अपने पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की बरसी पर पत्रकारों से बात करते हुए डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले जो मैंने फैसला लिया था उसको लेकर मेरे पार्टी कैडर ने चाहे वो जम्मू से था, कश्मीर से या फिर लद्दाख से, एक ही आवाज़ में कहा कि जब तक इसका (35ए) का फैसला नहीं होगा तब तक हम चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे।
उन्होने कहा कि मैं आज भी यह कहता हूं कि हम चुनावों से भागेंगे नहीं लेकिन पहले हमारे साथ इंसाफ हो। जब आप लोग हमारे साथ इंसाफ करेंगे तभी हम आगे बढ़ेगे। चाहे वो टॅक्सी वाला है, शिकारे वाला, हाउसबोट वाला, या फिर कोई और सभी का काम ठप है, लोगों में डर है कि यहां चुनाव होंगे जिसके दौरान के यहां हालात बिगड़ेंगे।
हम कैसे लोगों के पास वोट मांगने जाएंगे
उन्होंने कहा कि यह बात इनको (सरकार) भी सोचनी चाहिए कि पहले सभी पार्टियों के नेताओं को एक साथ बुलाकर उनकी राय पूछें लेकिन ऐसा नहीं किया उन्होंने। प्रधानमंत्री ने लाल किले से ऐसे ऐलान कर दिया कि चुनाव करवाएंगे जैसे कोई हिटलर करता है।
एक तरफ तो चुनाव की बात करते हैं लेकिन दूसरी ओर 35ए के साथ छेड़छाड़ कर संविधान पर हमला कर रहे हो, ऐसे में हम कैसे लोगों के पास वोट मांगने जाएंगे। पहले हमारे साथ इंसाफ हो तभी कुछ हो पाएगा। अगर आपका रास्ता यही है तो फिर हमारा रास्ता अलग है।
डॉ फारूक ने कहा कि ऐसे में हम आपके साथ चुनाव में भाग नहीं ले सकते। न सिर्फ यह चुनाव बल्कि लोक सभा और विधान सभा के चुनावों में भी हम भाग नहीं लेंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में कुछ दिन पूर्व डॉ फारूक अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में लोगों से कहा था कि डॉ सरकार ने पंचायती चुनावों की घोषणा की है, यह कोई हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का फैसला नहीं है बल्कि यह आपकी अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने का फैसला है।