न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Wed, 22 Apr 2020 06:44 PM IST
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। अब गर्भवती महिलाओं और होने वाले नवजात को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है। कश्मीर के हॉटस्पॉट यानी रेड जोन घोषित हो चुके क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) बनाई गई है। इसके तहत गर्भवती महिला का संभावित प्रसव से एक सप्ताह पहले कोरोना परीक्षण किया जाएगा।
कश्मीर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए बुधवार को भी पाबंदियां जारी रहने के बीच रेड जोन इलाकों में गर्भवती महिलाओं के लिए अधिकारियों ने मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) बनाई है। अधिकारियों ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार कोरोना वायरस से अत्याधिक प्रभावित रेड जोन इलाकों में गर्भवती महिलाओं की सूची बनाई जाएगी और रेड व बफर जोन इलाकों में हाल ही में बनाए गए स्वास्थ्य केंद्रों में उनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार संबंधित मंडल चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में एएनएम और आशा कर्मी उचित जन्म योजना लागू करेंगे। रेड व बफर जोन इलाकों में गर्भवती महिलाओं को आशा कर्मियों और उनके कैडर द्वारा हाल ही में स्थापित स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व जांच में शामिल होने की सलाह दी जा रही है।
रिपोर्ट के आधार पर प्रसव के लिए तय होगा अस्पताल
एसओपी के अनुसार जिन गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं, उनके प्रसव की अनुमानित तारीख से एक हफ्ते पहले रैपिड एंटीबॉडी जांच का इस्तेमाल कर जांच की जाएगी। उनकी जांच के नतीजों के आधार पर उन्हें कोविड-19 के लिए निर्धारित अस्पताल या दूसरे अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां उनका प्रसव कराया जाएगा।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। अब गर्भवती महिलाओं और होने वाले नवजात को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है। कश्मीर के हॉटस्पॉट यानी रेड जोन घोषित हो चुके क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) बनाई गई है। इसके तहत गर्भवती महिला का संभावित प्रसव से एक सप्ताह पहले कोरोना परीक्षण किया जाएगा।
कश्मीर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए बुधवार को भी पाबंदियां जारी रहने के बीच रेड जोन इलाकों में गर्भवती महिलाओं के लिए अधिकारियों ने मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) बनाई है। अधिकारियों ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार कोरोना वायरस से अत्याधिक प्रभावित रेड जोन इलाकों में गर्भवती महिलाओं की सूची बनाई जाएगी और रेड व बफर जोन इलाकों में हाल ही में बनाए गए स्वास्थ्य केंद्रों में उनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार संबंधित मंडल चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में एएनएम और आशा कर्मी उचित जन्म योजना लागू करेंगे। रेड व बफर जोन इलाकों में गर्भवती महिलाओं को आशा कर्मियों और उनके कैडर द्वारा हाल ही में स्थापित स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व जांच में शामिल होने की सलाह दी जा रही है।
रिपोर्ट के आधार पर प्रसव के लिए तय होगा अस्पताल
एसओपी के अनुसार जिन गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं, उनके प्रसव की अनुमानित तारीख से एक हफ्ते पहले रैपिड एंटीबॉडी जांच का इस्तेमाल कर जांच की जाएगी। उनकी जांच के नतीजों के आधार पर उन्हें कोविड-19 के लिए निर्धारित अस्पताल या दूसरे अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां उनका प्रसव कराया जाएगा।