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लोकतंत्र के जश्न में युवाओं की भी जमकर भागीदारी रही। गवर्नमेंट स्कूल लंबेड़ी में अर्जुन शर्मा पहली बार वोट डालने पहुंचे थे। पूछने पर बताया कि वह चेन्नई में बीआईटी से बीटेक कर रहे हैं। मतदान की तिथि सुनकर वह चेन्नई से यहां चले आए। आखिर पहली बार वोट डालने का उत्साह तो रहेगा ही।
इसी बूथ पर काजल शर्मा भी पहली बार वोट डालने पहुंची थीं। कहा कि हर वक्त यही पढ़ा है कि मताधिकार का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। बिना किसी प्रलोभन के योग्य उम्मीदवार को चुनने का अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। बस इसी उत्साह से बूथ तक चली आईं।
जम्मू संभाग की 20 सीटों पर कड़ाके की ठंड के बावजूद सुबह से ही बूथों पर ठिठुरते मतदाताओं की लाइन लगी हुई थी। रंग-बिरंगी झालरों से सजे मॉडल बूथों पर गर्मागर्म चाय के साथ मतदाता अपनी बारी का इंतजार करते रहे। आश्चर्य तो यह कि घर का काम धाम छोड़ महिलाएं यानी आधी आबादी भी सरकार बनाने के लिए बूथों तक पहुंची थीं।
कई बूथों पर तो इनकी लाइन पुरुषों से ज्यादा लंबी रही। कई महिलाएं गोद में छोटे बच्चे लिए हुए थीं तो कुछ छोटे बच्चों के साथ। सबने वोट डालने के लिए पूरी तन्मयता के साथ अपनी बारी की प्रतीक्षा की। रायपुर दोमाना, नौशेरा, अखनूर की दर्जनभर बूथों पर महिलाएं पुरुष मतदाताओं को टक्कर देती नजर आईं। महिलाओं के जोश को देखकर राजनीतिक पंडितों के होश उड़ गए हैं। उनका मानना है कि यह नया समीकरण कोई गुल खिला सकता है।
कोहरे के बीच लोग कांप रहे थे, लेकिन उनका उत्साह कम नहीं था। मॉडल बूथ दोमाना हायर सेकेंडरी स्कूल में चार बूथ बनाए गए थे। सब पर पुरुषों के साथ ही महिलाओं की भी लंबी लाइन लगी हुई थी। लाइन में खड़े मतदाताओं को चाय परोस कर ठंड के अहसास को कम करने की कोशिश की गई। यहां के दो बूथों पर आधी आबादी की लाइन पुरुषों की तुलना में लंबी थी।
यहां राधा देवी ने बताया कि घर का कामधाम तो रोजाना का है। पहले वोट डाल लिया जाए, उसके बाद काम भी हो जाएगा। एक दिन की ही तो बात है। अखनूर के गवर्नमेंट हाई स्कूल कोटली ठंडा में सुबह दस बजे तक लगभग 20 फीसदी मतदान हो चुका था। यहां भी महिलाओं की खासी भागीदारी रही।
अखनूर के ही गवर्नमेंट हाई स्कूल राह साल्योट में दोपहर 12 बजे तक लगभग 30 फीसदी वोट पड़ चुके थे। एक बूथ पर 138 पुरुषों की तुलना में 144 महिलाएं मतदान कर चुकी थीं। यहां परिवार वालों का सहारा लेकर पहुंची 92 वर्षीय कौशल्या देवी का कहना था कि पर्व तो मनाना जरूरी है। इस वजह से वे वोट डालने आई हैं। गवर्नमेंट हाई स्कूल सुंदरबनी में महिलाओं की लाइन लगभग पुरुषों के बराबर ही थी।
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठंडा पानी में दोपहर लगभग एक बजे तक 195 पुरुषों ने वोट डाले तो 178 महिलाएं मत डाल चुकी थीं। गवर्नमेंट गर्ल्स मिडिल स्कूल बाखर में महिलाओं की कतार पुरुषों से लंबी थी। यहां दोपहर सवा एक बजे तक 191 पुरुषों की तुलना में 180 महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। गवर्नमेंट हाई स्कूल सियोट में भी यही स्थिति थी।
लोकतंत्र के जश्न में युवाओं की भी जमकर भागीदारी रही। गवर्नमेंट स्कूल लंबेड़ी में अर्जुन शर्मा पहली बार वोट डालने पहुंचे थे। पूछने पर बताया कि वह चेन्नई में बीआईटी से बीटेक कर रहे हैं। मतदान की तिथि सुनकर वह चेन्नई से यहां चले आए। आखिर पहली बार वोट डालने का उत्साह तो रहेगा ही।
इसी बूथ पर काजल शर्मा भी पहली बार वोट डालने पहुंची थीं। कहा कि हर वक्त यही पढ़ा है कि मताधिकार का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। बिना किसी प्रलोभन के योग्य उम्मीदवार को चुनने का अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। बस इसी उत्साह से बूथ तक चली आईं।
जम्मू संभाग की 20 सीटों पर कड़ाके की ठंड के बावजूद सुबह से ही बूथों पर ठिठुरते मतदाताओं की लाइन लगी हुई थी। रंग-बिरंगी झालरों से सजे मॉडल बूथों पर गर्मागर्म चाय के साथ मतदाता अपनी बारी का इंतजार करते रहे। आश्चर्य तो यह कि घर का काम धाम छोड़ महिलाएं यानी आधी आबादी भी सरकार बनाने के लिए बूथों तक पहुंची थीं।
कई बूथों पर तो इनकी लाइन पुरुषों से ज्यादा लंबी रही। कई महिलाएं गोद में छोटे बच्चे लिए हुए थीं तो कुछ छोटे बच्चों के साथ। सबने वोट डालने के लिए पूरी तन्मयता के साथ अपनी बारी की प्रतीक्षा की। रायपुर दोमाना, नौशेरा, अखनूर की दर्जनभर बूथों पर महिलाएं पुरुष मतदाताओं को टक्कर देती नजर आईं। महिलाओं के जोश को देखकर राजनीतिक पंडितों के होश उड़ गए हैं। उनका मानना है कि यह नया समीकरण कोई गुल खिला सकता है।
भयंकर ठंड़ में भी कम ना हुआ उत्साह
कोहरे के बीच लोग कांप रहे थे, लेकिन उनका उत्साह कम नहीं था। मॉडल बूथ दोमाना हायर सेकेंडरी स्कूल में चार बूथ बनाए गए थे। सब पर पुरुषों के साथ ही महिलाओं की भी लंबी लाइन लगी हुई थी। लाइन में खड़े मतदाताओं को चाय परोस कर ठंड के अहसास को कम करने की कोशिश की गई। यहां के दो बूथों पर आधी आबादी की लाइन पुरुषों की तुलना में लंबी थी।
यहां राधा देवी ने बताया कि घर का कामधाम तो रोजाना का है। पहले वोट डाल लिया जाए, उसके बाद काम भी हो जाएगा। एक दिन की ही तो बात है। अखनूर के गवर्नमेंट हाई स्कूल कोटली ठंडा में सुबह दस बजे तक लगभग 20 फीसदी मतदान हो चुका था। यहां भी महिलाओं की खासी भागीदारी रही।
अखनूर के ही गवर्नमेंट हाई स्कूल राह साल्योट में दोपहर 12 बजे तक लगभग 30 फीसदी वोट पड़ चुके थे। एक बूथ पर 138 पुरुषों की तुलना में 144 महिलाएं मतदान कर चुकी थीं। यहां परिवार वालों का सहारा लेकर पहुंची 92 वर्षीय कौशल्या देवी का कहना था कि पर्व तो मनाना जरूरी है। इस वजह से वे वोट डालने आई हैं। गवर्नमेंट हाई स्कूल सुंदरबनी में महिलाओं की लाइन लगभग पुरुषों के बराबर ही थी।
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठंडा पानी में दोपहर लगभग एक बजे तक 195 पुरुषों ने वोट डाले तो 178 महिलाएं मत डाल चुकी थीं। गवर्नमेंट गर्ल्स मिडिल स्कूल बाखर में महिलाओं की कतार पुरुषों से लंबी थी। यहां दोपहर सवा एक बजे तक 191 पुरुषों की तुलना में 180 महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। गवर्नमेंट हाई स्कूल सियोट में भी यही स्थिति थी।