कठुआ। देशभर के कई राज्यों में चल रही आक्सीजन को लेकर किल्लत के बीच जिले में भी हालात खराब होते नजर आ रहे हैं। सांसों के संकट के बीच जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान को कोविड अस्पताल को आक्सीजन सप्लाई करने वाला एकमात्र निजी आक्सीजन उत्पादन प्लांट रविवार को खराब हो गया है। सुबह निजी प्लांट की ओर से जीएमसी को 45 आक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई कर दी गई है जबकि 50 के लगभग सिलेंडर अस्पताल प्रबंधन के पास उपलब्ध हैं। जीएमसी में वर्तमान में 50 कोरोना संक्रमित ऐसे मरीज भर्ती हैं जिन्हें आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। अस्पताल को रोजाना 200 के लगभग आक्सीजन सिलेंडरों की रिफिलिंग की जरूरत पड़ रही है लेकिन उपलब्ध कोटा एक दिन भी आक्सीजन सिलेंडरों के सहारे मरीजों को रखने लायक नहीं है। स्थिति को देखते हुए जीएमसी प्रधानाचार्य ने मामला जिला उपायुक्त के संज्ञान में लाया है जिसके बाद उद्योग एवं वाणिज्य निदेशक के सहयोग से सांबा से 50 सिलेंडर उपलब्ध हो पाए हैं लेकिन जीएमसी में भर्ती मरीजों की तादाद को देखते हुए यह व्यवस्था फिलहाल नाकाफी साबित हो रही है। जीएमसी प्रधानाचार्य डॉ अंजलि नादिर भट्ट ने बताया कि पिछले पंद्रह दिन से जीएमसी में भर्ती हो रहे कोरोना संक्रमितों को आक्सीजन सपोर्ट की अधिक जरूरत पड़ रही है। ऐसे में रोजाना इसे लेकर काम करना प्राथमिकता बन गया है। बताया कि रविवार को निजी आक्सीजन प्लांट से आने वाली सिलेंडरों की रिफिलिंग मात्र 45 ही उपलब्ध हो पाई है।बताया गया है कि निजी आक्सीजन उत्पादन प्लांट खराब हो गया है। ऐसे में 200 सिलेंडरों की जरूरत के विपरीत मात्र सौ के लगभग सिलेंडर ही रविवार को उपलब्ध हैं। उद्योग निदेशक से मदद लेकर सांबा जिले से 50 आक्सीजन सिलेंडर मंगवाए गए हैं लेकिन यह नाकाफी हैं। फिलहाल जीएमसी में उपलब्ध कंसेंट्रेटर सक्रिय कर दिए गए हैं और इनसे आक्सीजन की कमी को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। उधर, ए के गुप्ता अस्पताल कठुआ में भी लगभग 57 कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चल रहा है। रोजाना इस अस्पताल में भी 150 आक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत पड़ रही है। आक्सीजन प्लांट खराब होने से अस्पताल प्रबंधन ने भी जिला प्रशासन से मदद मांगी है।
पीएमओ मंत्री ने किया हस्तक्षेप, स्थिति पर रखी जा रही नजर
कठुआ जिले में आक्सीजन को लेकर संकट खड़ा होने का मामला संज्ञान में आते ही पीएमओ मंत्री ने फौरन संज्ञान लिया है। उन्होंने मामले में जिला उपायुक्त राहुल यादव से बात की है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि नियमित रूप से स्थिति की उन्हें जानकारी दी जाए।डॉ सिंह ने बताया कि कठुआ में जीएमसी के आक्सीजन उत्पादन प्लांट का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दे दिए गए हैं। तब तक संभाग के अन्य जिलों से आक्सीजन की रिफिलिंग सुनिश्चित करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों में कोरोना संक्रमितों के बढ़ने से स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ा है लेकिन प्रदेश के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। जिले में किसी भी तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी नहीं आने दी जाएगी।
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आक्सीजन उत्पादन प्लांट का काम पूरा होने में अभी दो से तीन दिन का लगेगा समय
750 एलपीएम क्षमता के तीन यूनिट का आक्सीजन उत्पादन प्लांट कठुआ में स्थापित करने का काम तेज गति से जारी है। फिलहाल प्लांट के कुछ उपकरण मंगवाए गए हैं। इंजीनियरों की टीम वर्तमान में इस प्लांट की अन्य मशीनरी की बारीकियों पर काम कर रही है। फिलहाल आक्सीजन उत्पादन प्लांट को सक्रिय होने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। दरअसल, जीएमसी कठुआ के एसोसिएटेड अस्पताल की इमारत के नजदीक 7 करोड़ 90 लाख की लागत से 750 एलपीएम क्षमता के तीन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक 750 एलपीएम क्षमता के एक प्लांट से ही तीन सौ बेड को ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकेगी। इससे रोजाना जीएमसी में ऑक्सीजन की औद्योगिक सप्लाई को बदला जा सकेगा और मैनिफोल्ड सिस्टम में इस्तेमाल हो रहे सिलिंडरों को भरवाने की जरूरत भी नहीं रहेगी। बीते साल शुरू हुई इस परियोजना को यदि समय से पूरा किया जाता तो यह प्लांट अब तक सक्रिय हो गया होता लेकिन टेंडरिंग प्रक्रिया में देरी के चलते यह परियोजना अपनी मार्च की तय समय सीमा से दो महीने पिछड़ चुकी है। और अब इसे अगले दो से तीन दिन में पूरा करने के दावे किए जा रहे हैं।
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कठुआ जिले के लिए उपलब्ध निजी आक्सीजन उत्पादन प्लांट रविवार को ब्रेकडाउन में चला गया है। जिसके चलते स्थिति यह है कि जरूरत के अनुसार ही रिफिलिंग हासिल हो पा रही है। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए सांबा से 50 आक्सीजन सिलेंडर हासिल किए गए हैं। 50 और जल्द रिफिल करवाए जाएंगे। आक्सीजन उत्पादन प्लांट का काम युद्धस्तर पर जारी है और इसे भी जल्द से जल्द सक्रिय करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
राहुल यादव, डीसी कठुआ