मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश के 180 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करवा कर इन्हें धार्मिक पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये मंदिर हमारी आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ हमें अपना इतिहास याद दिलाने और उससे जोड़े रखने का काम भी करेंगे।
राजे पाली जिले के माण्डा गांव में सोमवार को श्री अलखजी महाराज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तथा नौ कुण्डीय यज्ञ महोत्सव में सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 415 वर्ष पुराने मंदिर का पुनर्निर्माण यहां की 36 कौमों ने मिलकर करवाया है, वह गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन सम्पदा को बचाने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राणवायु देकर हमें जिंदा रखने वाले वृक्ष हमारे लिए देवी-देवता समान हैं। मंदिरों के आस-पास, तालाब एवं सड़कों के किनारे पौधे लगाने से बड़ा कोई दूसरा पुण्य नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलखजी महाराज मंदिर का ओरण पर्यावरण शुद्धता का अनुपम उदाहरण है। यहां स्थित कुण्ड के आस-पास वन क्षेत्र के विकास का पुण्य काम कर स्थानीय लोगों ने वातावरण बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सिंचाई व्यवस्था विकसित करने के लिए पाली जिले के धारिया बांध तथा जोगड़ावास बांध के जीर्णोद्धार सहित राज्य के अन्य बांधों का जीर्णोद्धार किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मांडा गांव के भामाशाह श्री सीआर माली से जल स्वावलम्बन अभियान के लिए प्राप्त 2 लाख 50 हजार रुपए का चैक जिला कलेक्टर को सौंपा।
इससे पहले श्रीमती राजे ने अलखजी महाराज के दर्शन कर पूजा की और प्रदेश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री का मंदिर महंत श्री प्रकाशदास महाराज तथा श्री हरिराम महाराज ने शॉल ओढाकर स्वागत किया और आशीर्वाद प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना के बाद संत श्री रामप्रसादजी महाराज तथा जाड़न आश्रम के श्री महेश्वरानंदजी का भी आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश के 180 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करवा कर इन्हें धार्मिक पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये मंदिर हमारी आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ हमें अपना इतिहास याद दिलाने और उससे जोड़े रखने का काम भी करेंगे।
राजे पाली जिले के माण्डा गांव में सोमवार को श्री अलखजी महाराज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तथा नौ कुण्डीय यज्ञ महोत्सव में सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 415 वर्ष पुराने मंदिर का पुनर्निर्माण यहां की 36 कौमों ने मिलकर करवाया है, वह गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन सम्पदा को बचाने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राणवायु देकर हमें जिंदा रखने वाले वृक्ष हमारे लिए देवी-देवता समान हैं। मंदिरों के आस-पास, तालाब एवं सड़कों के किनारे पौधे लगाने से बड़ा कोई दूसरा पुण्य नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलखजी महाराज मंदिर का ओरण पर्यावरण शुद्धता का अनुपम उदाहरण है। यहां स्थित कुण्ड के आस-पास वन क्षेत्र के विकास का पुण्य काम कर स्थानीय लोगों ने वातावरण बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सिंचाई व्यवस्था विकसित करने के लिए पाली जिले के धारिया बांध तथा जोगड़ावास बांध के जीर्णोद्धार सहित राज्य के अन्य बांधों का जीर्णोद्धार किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मांडा गांव के भामाशाह श्री सीआर माली से जल स्वावलम्बन अभियान के लिए प्राप्त 2 लाख 50 हजार रुपए का चैक जिला कलेक्टर को सौंपा।
इससे पहले श्रीमती राजे ने अलखजी महाराज के दर्शन कर पूजा की और प्रदेश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री का मंदिर महंत श्री प्रकाशदास महाराज तथा श्री हरिराम महाराज ने शॉल ओढाकर स्वागत किया और आशीर्वाद प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना के बाद संत श्री रामप्रसादजी महाराज तथा जाड़न आश्रम के श्री महेश्वरानंदजी का भी आशीर्वाद लिया।