चुराह (चंबा)। चांजू-बघेई मार्ग पर शुक्रवार देर शाम हुए सड़क दुर्घटना में काशी राम के परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया। दर्दनाक हादसे में प्रवीण पुत्र काशी राम निवासी गांव जखला की मौत हो गई। पिता काशी राम मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रहा था। वर्ष 2018 में प्रवीण ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चांजू से दसवीं कक्षा पास की। लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वे ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश नहीं ले पाया।
पंकू अपने पिता का काम में भी हाथ बटाता था। परिवार का इकलौता बेटा होने से जहां माता-पिता का लाडला था तो वहीं बहनों का भी प्यार था। लेकिन, भगवान को कुछ और ही मंजूर था। दर्दनाक हादसे ने माता-पिता ने लाडला खोया तो वहीं दूसरी तरफ दो बहनों ने अपना भाई भी सदा के लिए खो दिया। गौरतलब है कि चांजू-बघेई मार्ग पर चुरसेऊ के समीप कमांडर दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत हो गई। इस गाड़ी में प्रवीण भी सवार था।
हादसे की सूचना जैसे ही परिजनों को लगी तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल तीसा पहुंचाया। परिजन अब उस घड़ी को कोस रहे है, जब उन्होंने प्रवीण को परियोजना साइट के लिए भेजा था। इकलौते चिराग की मौत से जहां परिजनों को कभी न भरने वाला जख्म मिला है तो वहीं गांव में भी मातम छाया है।
चुराह (चंबा)। चांजू-बघेई मार्ग पर शुक्रवार देर शाम हुए सड़क दुर्घटना में काशी राम के परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया। दर्दनाक हादसे में प्रवीण पुत्र काशी राम निवासी गांव जखला की मौत हो गई। पिता काशी राम मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रहा था। वर्ष 2018 में प्रवीण ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चांजू से दसवीं कक्षा पास की। लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वे ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश नहीं ले पाया।
पंकू अपने पिता का काम में भी हाथ बटाता था। परिवार का इकलौता बेटा होने से जहां माता-पिता का लाडला था तो वहीं बहनों का भी प्यार था। लेकिन, भगवान को कुछ और ही मंजूर था। दर्दनाक हादसे ने माता-पिता ने लाडला खोया तो वहीं दूसरी तरफ दो बहनों ने अपना भाई भी सदा के लिए खो दिया। गौरतलब है कि चांजू-बघेई मार्ग पर चुरसेऊ के समीप कमांडर दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत हो गई। इस गाड़ी में प्रवीण भी सवार था।
हादसे की सूचना जैसे ही परिजनों को लगी तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल तीसा पहुंचाया। परिजन अब उस घड़ी को कोस रहे है, जब उन्होंने प्रवीण को परियोजना साइट के लिए भेजा था। इकलौते चिराग की मौत से जहां परिजनों को कभी न भरने वाला जख्म मिला है तो वहीं गांव में भी मातम छाया है।