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पनिहारी गांव के लाल डोरे में आने वाले भूमि की रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी के मामले में वीरवार को बीडीपीओ व तहसील कार्यालय की टीम ने गांव में लोगों की आपत्तियां व दावे सुने। टीम के कार्य से संतुष्ट होकर करीब 12 लोगों ने लिखित में संतुष्टि भी दी। वहीं विभाग ने उपायुक्त को पूरे मामले की जानकारी दी।
वीरवार को पंचायत विभाग व तहसील कार्यालय के कर्मचारियों ने गांव में ग्राम सभा का आयोजन करवाया। कमेटी ने शिकायतों के आधार पर सर्वे किया। मौके पर शिकायतकर्ताओं को बुलाकर जगह की तस्दीक करवाई। इस दौरान जो शिकायतकर्ता ग्राम सभा में उपस्थित थे, उन्होंने विभागीय टीम की कार्रवाई से संतुष्टि जाहिर करते हुए उन्हें लिखित में दिया। करीब 12 लोगों ने लिखा कि वे विभाग की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। अब शुक्रवार को तहसील व पंचायत विभाग की एक टीम चंडीगढ़ सर्वे ऑफ इंडिया के कार्यालय में जाएगी और जो डाटा गलत फीड किया गया है, उसे दुरुस्त करवाएंगी। इसके बाद उस डाटा के आधार पर लाल डोरे में आने वाली भूमि की कब्जाधारकों को रजिस्ट्री करवाई जाएगी। साथ ही जो पहले रजिस्ट्री हुई है, उसे ततीमा डीड किया जाएगा। यानि की दुरुस्त किया जाएगा।
ये था मामला
जिले के 11 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने सर्वे किया था। पनिहारी गांव में करीब 325 प्लाट लाल डोरे में आए थे और इनकी रजिस्ट्री कब्जाधारक के नाम पर की जानी थी। सर्वे ऑफ इंडिया की टीम द्वारा डाटा फीड करने के बाद जब तहसील कार्यालय ने इनकी रजिस्ट्री की तो गांव के 35 लोगों ने गलत रजिस्ट्री की शिकायत उपायुक्त को दी। उपायुक्त ने मामले की जांच के आदेश तहसीलदार को दिए। तहसीलदार श्रीनिवास ने पटवारी, कानूनगो और सचिव को साथ लेकर सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा भेजी गई सूची और स्थानीय सर्वे की सूची का मिलान किया। दोनों सूचियों में कोई अंतर नहीं मिला। टीम ने जांच में पाया गया कि सर्वे ऑफ इंडिया की टीम को जब डाटा फीड करने के लिए भेजा गया तो कंप्यूटर ऑपरेटर ने एक्सल शीट में डाटा फिल्टर करते हुए नंबरिंग उलट पलट कर दी, जिस कारण एक व्यक्ति के कब्जे वाली भूमि की रजिस्ट्री दूसरे व्यक्ति के नाम पर हो गई। साथ ही सर्वे के दौरान कुछ एरिया भी शेष रह गया।
कोट
टीम को दोबारा से ग्राम सभा का आयोजन करके खामियों को दुरुस्त करने के आदेश जारी किए गए है। कुछ मामले मुश्तरका खाते के हैं। सभी का निपटारा करवा दिया जाएगा।
रमेश चंद्र बिढ़ाण, उपायुक्त सिरसा।
पनिहारी गांव के लाल डोरे में आने वाले भूमि की रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी के मामले में वीरवार को बीडीपीओ व तहसील कार्यालय की टीम ने गांव में लोगों की आपत्तियां व दावे सुने। टीम के कार्य से संतुष्ट होकर करीब 12 लोगों ने लिखित में संतुष्टि भी दी। वहीं विभाग ने उपायुक्त को पूरे मामले की जानकारी दी।
वीरवार को पंचायत विभाग व तहसील कार्यालय के कर्मचारियों ने गांव में ग्राम सभा का आयोजन करवाया। कमेटी ने शिकायतों के आधार पर सर्वे किया। मौके पर शिकायतकर्ताओं को बुलाकर जगह की तस्दीक करवाई। इस दौरान जो शिकायतकर्ता ग्राम सभा में उपस्थित थे, उन्होंने विभागीय टीम की कार्रवाई से संतुष्टि जाहिर करते हुए उन्हें लिखित में दिया। करीब 12 लोगों ने लिखा कि वे विभाग की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। अब शुक्रवार को तहसील व पंचायत विभाग की एक टीम चंडीगढ़ सर्वे ऑफ इंडिया के कार्यालय में जाएगी और जो डाटा गलत फीड किया गया है, उसे दुरुस्त करवाएंगी। इसके बाद उस डाटा के आधार पर लाल डोरे में आने वाली भूमि की कब्जाधारकों को रजिस्ट्री करवाई जाएगी। साथ ही जो पहले रजिस्ट्री हुई है, उसे ततीमा डीड किया जाएगा। यानि की दुरुस्त किया जाएगा।
ये था मामला
जिले के 11 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने सर्वे किया था। पनिहारी गांव में करीब 325 प्लाट लाल डोरे में आए थे और इनकी रजिस्ट्री कब्जाधारक के नाम पर की जानी थी। सर्वे ऑफ इंडिया की टीम द्वारा डाटा फीड करने के बाद जब तहसील कार्यालय ने इनकी रजिस्ट्री की तो गांव के 35 लोगों ने गलत रजिस्ट्री की शिकायत उपायुक्त को दी। उपायुक्त ने मामले की जांच के आदेश तहसीलदार को दिए। तहसीलदार श्रीनिवास ने पटवारी, कानूनगो और सचिव को साथ लेकर सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा भेजी गई सूची और स्थानीय सर्वे की सूची का मिलान किया। दोनों सूचियों में कोई अंतर नहीं मिला। टीम ने जांच में पाया गया कि सर्वे ऑफ इंडिया की टीम को जब डाटा फीड करने के लिए भेजा गया तो कंप्यूटर ऑपरेटर ने एक्सल शीट में डाटा फिल्टर करते हुए नंबरिंग उलट पलट कर दी, जिस कारण एक व्यक्ति के कब्जे वाली भूमि की रजिस्ट्री दूसरे व्यक्ति के नाम पर हो गई। साथ ही सर्वे के दौरान कुछ एरिया भी शेष रह गया।
कोट
टीम को दोबारा से ग्राम सभा का आयोजन करके खामियों को दुरुस्त करने के आदेश जारी किए गए है। कुछ मामले मुश्तरका खाते के हैं। सभी का निपटारा करवा दिया जाएगा।
रमेश चंद्र बिढ़ाण, उपायुक्त सिरसा।