हरियाणा के रोहतक में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान फरवरी 2016 से जुड़े केस में मंगलवार को एएसजे मनपाल रमावत की अदालत ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया। साथ में दिए गए फैसले में लिखा है कि केस की जांच में लापरवाही बरती गई। अदालत ने फैसले की कॉपी डीजीपी व एसपी रोहतक को भेजने व उस पर आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
मामले के अनुसार सिविल लाइन थाना पुलिस ने फरवरी 2016 में मेडिकल मोड़ पर काले रंग की गाड़ी को शक के आधार पर रुकवाया था। गाड़ी में सवार दो युवकों से दो पिस्तौल व तीन कारतूस बरामद दिखाए गए थे। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में आर्म्स एक्ट के तहत पेश किया। साथ ही केस में देशद्रोह की धारा 124ए भी जोड़ी गई थी।
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तभी से मामला जिला अदालत में चल रहा था। कोर्ट ने मंगलवार को मौजूद तथ्यों के आधार पर तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। साथ ही 27 पेज के फैसले व 13 लोगों की गवाही के बारे में अदालत ने विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही आरोपियों को बरी करते हुए लिखा कि इसका श्रेय जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को जाता है। जिस अधिकारी ने रिकवरी की और जिसने आगे की जांच की। फैसले की कॉपी पुलिस अधिकारियों को भेजी जाती है।
विस्तार
हरियाणा के रोहतक में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान फरवरी 2016 से जुड़े केस में मंगलवार को एएसजे मनपाल रमावत की अदालत ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया। साथ में दिए गए फैसले में लिखा है कि केस की जांच में लापरवाही बरती गई। अदालत ने फैसले की कॉपी डीजीपी व एसपी रोहतक को भेजने व उस पर आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
मामले के अनुसार सिविल लाइन थाना पुलिस ने फरवरी 2016 में मेडिकल मोड़ पर काले रंग की गाड़ी को शक के आधार पर रुकवाया था। गाड़ी में सवार दो युवकों से दो पिस्तौल व तीन कारतूस बरामद दिखाए गए थे। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में आर्म्स एक्ट के तहत पेश किया। साथ ही केस में देशद्रोह की धारा 124ए भी जोड़ी गई थी।
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तभी से मामला जिला अदालत में चल रहा था। कोर्ट ने मंगलवार को मौजूद तथ्यों के आधार पर तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। साथ ही 27 पेज के फैसले व 13 लोगों की गवाही के बारे में अदालत ने विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही आरोपियों को बरी करते हुए लिखा कि इसका श्रेय जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को जाता है। जिस अधिकारी ने रिकवरी की और जिसने आगे की जांच की। फैसले की कॉपी पुलिस अधिकारियों को भेजी जाती है।