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चंडीगढ़। टीजीटी अंग्रेजी के 1035 पदों की भर्ती रदद किए जाने पर सरकार की घेराबंदी शुरू हो गई है। सर्व कर्मचारी संघ (सकसं ) हरियाणा व कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने में जुट गए हैं। सकसं 26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर होने वाले प्रदर्शनों में जोरशोर से यह मुद्दा उठाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस निर्णय को युवाओं के साथ धोखा करार दिया है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का फरमान बेरोजगारों व नव चयनित अभ्यर्थियों के साथ भद्दा मजाक है। इससे पहले भी सरकार के निर्देश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग 28 जून 2015 को विज्ञापित 626 पीजीटी संस्कृत के पदों की भर्ती को 10 फरवरी को रद्द कर चुका है। इसके लिए सरकार कांग्रेस को भी जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया शुरू और रद्द करने का काम भाजपा सरकार में ही हुआ है। लांबा ने बताया कि 26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर होने वाले धरने-प्रदर्शन में बकाया वेतन व कर्मचारियों की छंटनी के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। हरियाणा टूरिज्म के कर्मचारियों को 4 से 6 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। आईसीडीएस सुपरवाइजर, अन्य कर्मचारियों, वाटर पंप आपरेटर का 4 से 7 महीने का वेतन बकाया है।
छह साल तक बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़: रणदीप सुरजेवाला ने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि टीजीटी अंग्रेजी की भर्ती में पास अभ्यर्थियों के भविष्य को पूरी तरह से अंधकारमय कर दिया गया है। छह साल पहले भाजपा सरकार ने लाखों अभ्यर्थियों से फार्म के नाम पर पैसे वसूले, फिर प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य से 6 साल तक खिलवाड़ किया और अब भर्ती ही रद्द कर दी। यह सरकार की विफलता का सीधा उदाहरण है। गलत नीतियों के कारण हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पहले ही पूरे देश में सबसे अधिक है। सरकार का यह युवा और छात्र विरोधी फरमान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
चंडीगढ़। टीजीटी अंग्रेजी के 1035 पदों की भर्ती रदद किए जाने पर सरकार की घेराबंदी शुरू हो गई है। सर्व कर्मचारी संघ (सकसं ) हरियाणा व कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने में जुट गए हैं। सकसं 26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर होने वाले प्रदर्शनों में जोरशोर से यह मुद्दा उठाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस निर्णय को युवाओं के साथ धोखा करार दिया है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का फरमान बेरोजगारों व नव चयनित अभ्यर्थियों के साथ भद्दा मजाक है। इससे पहले भी सरकार के निर्देश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग 28 जून 2015 को विज्ञापित 626 पीजीटी संस्कृत के पदों की भर्ती को 10 फरवरी को रद्द कर चुका है। इसके लिए सरकार कांग्रेस को भी जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया शुरू और रद्द करने का काम भाजपा सरकार में ही हुआ है। लांबा ने बताया कि 26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर होने वाले धरने-प्रदर्शन में बकाया वेतन व कर्मचारियों की छंटनी के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। हरियाणा टूरिज्म के कर्मचारियों को 4 से 6 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। आईसीडीएस सुपरवाइजर, अन्य कर्मचारियों, वाटर पंप आपरेटर का 4 से 7 महीने का वेतन बकाया है।
छह साल तक बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़: रणदीप सुरजेवाला ने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि टीजीटी अंग्रेजी की भर्ती में पास अभ्यर्थियों के भविष्य को पूरी तरह से अंधकारमय कर दिया गया है। छह साल पहले भाजपा सरकार ने लाखों अभ्यर्थियों से फार्म के नाम पर पैसे वसूले, फिर प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य से 6 साल तक खिलवाड़ किया और अब भर्ती ही रद्द कर दी। यह सरकार की विफलता का सीधा उदाहरण है। गलत नीतियों के कारण हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पहले ही पूरे देश में सबसे अधिक है। सरकार का यह युवा और छात्र विरोधी फरमान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।