पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने सुझाव दिया है कि आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 के अधीन सरकारी, निजी और न्यूज समेत सभी टेलिविजन चैनलों को निर्देश दिए जाएं कि वह शिक्षा लेक्चरों के प्रसारण के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को रोजाना दो घंटे का मुफ़्त टाइम स्लाट मुहैया करवाएं। सिंगला ने यह सुझाव बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिकस एवं सूचना प्रौद्यौगिकी और कानून एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान दिया।
सिंगला ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई के हो रहे नुकसान की भरपाई समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में डिजाजस्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 लागू होने के कारण केंद्र सरकार के पास सभी अधिकार आरक्षित हैं, इसलिए विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए सभी टीवी चैनलों को लाजिमी मुफ़्त टाइम स्लाट चलाने के लिए कहा जाए।
पंजाब को दूरदर्शन से चार चैनल मिलें
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न कक्षाओं के लेक्चर प्रसारित करने के लिए पंजाब को दूरदर्शन के कम से कम चार समर्पित चैनल मिलने चाहिए। इन चैनलों पर रोजाना के छह घंटों के समय के अलावा दोबारा प्रसारण के लिए इतना ही और समय मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि विभिन्न कक्षाओं के लेक्चर प्रसारित करने के लिए शिक्षा विभाग ने टीवी चैनल मुहैया करवाने के बारे में दूरदर्शन को लिखा था लेकिन अभी तक इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।
यह मामला एनसीईआरटी के पास भी उठाया गया और पंजाब के विद्यार्थियों के लिए सातवीं और आठवीं कक्षा के विभिन्न विषयों की प्रसारण सामग्री प्रसारित करने के लिए भेजी गई थी। एनसीईआरटी ने विश्वास दिलाया है कि वह रोजाना के दो घंटे का प्रसारण शुरू करेगी, जिसका इतने ही समय के लिए उसी दिन दोबारा प्रसारण होगा। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में विद्यार्थियों की पढ़ाई के हो रहे नुकसान को देखते हुये प्राईवेट टीवी चैनलों को भी निर्देश देने की जरूरत है कि वह लैक्चर प्रसारित करने के लिए राज्य सरकारों को मुफ़्त में समय देें।
इंटरनेट सेवा मुफ्त उपलब्ध हो
ऑनलाइन क्लासों के लिए इंटरनेट की मांग पर सिंगला ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार के अधीन आते बीएसएनएल समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए जाएं कि वह इंटरनेट सेवा मुफ़्त मुहैया करवाएं ताकि ऑनलाइन क्लासों और गरीबों तक शिक्षा की व्यापक पहुंच का लक्ष्य हासिल किया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांवों में विद्यार्थियों को मुफ़्त इंटरनेट कनैक्शन की इजाजत होनी चाहिए और कम से कम मौजूदा साल के लिए बीएसएनएल और अन्य ऑपरेटरों को जरूरी हिदायतें जारी करने की जरूरत है।
मिड-डे मील वर्करों को पूरे साल का मिले मानदेय
एक अन्य मांग रखते हुए सिंगला ने कहा कि मिड-डे-मिल वर्करों का मानदेय पूरे साल के लिए बढ़ाकर तीन हजार रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए और यह उन्हें मौजूदा 10 महीनों की जगह पूरे 12 महीने मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीबों की मुश्किलें घटाने के लिए मिड-डे मिल स्कीम के घेरे में 12वीं तक की क्लासों के विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाए। इसके अलावा इस स्कीम के अधीन प्री-प्राइमरी क्लासों के विद्यार्थियों को भी जरूर शामिल किया जाए, जिनकी संख्या मौजूदा समय 2.73 लाख बनती है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार मिड-डे मिल के लिए पहले ही अपना सालाना प्लान तैयार कर चुकी है। इस प्लान को कार्यकारी कमेटी और राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत है, जो लॉकडाउन के कारण लंबित है।
पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने सुझाव दिया है कि आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 के अधीन सरकारी, निजी और न्यूज समेत सभी टेलिविजन चैनलों को निर्देश दिए जाएं कि वह शिक्षा लेक्चरों के प्रसारण के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को रोजाना दो घंटे का मुफ़्त टाइम स्लाट मुहैया करवाएं। सिंगला ने यह सुझाव बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिकस एवं सूचना प्रौद्यौगिकी और कानून एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान दिया।
सिंगला ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई के हो रहे नुकसान की भरपाई समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में डिजाजस्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 लागू होने के कारण केंद्र सरकार के पास सभी अधिकार आरक्षित हैं, इसलिए विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए सभी टीवी चैनलों को लाजिमी मुफ़्त टाइम स्लाट चलाने के लिए कहा जाए।
पंजाब को दूरदर्शन से चार चैनल मिलें
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न कक्षाओं के लेक्चर प्रसारित करने के लिए पंजाब को दूरदर्शन के कम से कम चार समर्पित चैनल मिलने चाहिए। इन चैनलों पर रोजाना के छह घंटों के समय के अलावा दोबारा प्रसारण के लिए इतना ही और समय मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि विभिन्न कक्षाओं के लेक्चर प्रसारित करने के लिए शिक्षा विभाग ने टीवी चैनल मुहैया करवाने के बारे में दूरदर्शन को लिखा था लेकिन अभी तक इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।