होडल। क्षेत्र में किसान अब फिर खाद की समस्या से जूझ रहे हैं। मंगलवार को पुराने जीटी रोड स्थित कृभको खाद केंद्र पर खाद के लिए दूसरे दिन भी किसान लाइन में लगे रहे। इस बार पहले की तरह महिलाओं की संख्या भी अधिक रही। खाद खत्म होते ही लाइन में लगे आधे से अधिक किसान बिना खाद के घर लौट गए। यह स्थिति अभी यूरिया के लिए हो रही है। डीएपी खाद गेहूं की बुआई के समय में ही गायब है। खाद की किल्लत के चलते ज्यादा संख्या में पहुंच रहे किसानों को खाद पुलिस की निगरानी में दी जा रही है। मंगलवार को भी किसानों को खाद पुलिस की निगरानी में दी गई।
खाद नहीं मिलने से किसान परेशान
डीएपी खाद नहीं मिलने के साथ यूरिया की जरूरत होने को लेकर दो दिनों तक किसानों में मारामारी की नौबत आ गई। सरकारी दर पर खाद पाने के लिए कृभको केंद्र पर महिलाएं भी लाइन में सुबह में ही लग गई। केंद्र पर एक आधार कार्ड पर छह बोरी तो बाजार में एक आधार कार्ड पर पांच बोरी अधिकतम यूरिया खाद दी जा रही थी। किसानों का कहना है कि रेट में अंतर होने से हमलोग खाद लेने के लिए पहुंचे हैं, फिर भी किसानों को मनमाफिक यूरिया और डीएपी खाद नहीं मिलने से शासन प्रशासन के प्रति निराशा का भाव देखा गया। हालांकि खाद विक्रेता यूरिया की कमी नहीं होने का दावा कर रहे हैं।
लाइन में लग रही हैं महिलाएं
बाजार में डीएपी के साथ यूरिया खाद भी गायब हो गई है। होडल क्षेत्र में पूरी तरह से खाली हो गया है। कुछ किसानों ने बताया कि बाजार में कुछ जगहों पर खाद यूरिया लोग दे रहे हैं। लेकिन जितना यूरिया खाद चाहिए उतनी नहीं मिल रही थी। एक वर्ष से खरीफ व रबी फसल के समय ऐसी स्थिति किसानों के साथ हो रही है। व्यापारियों के लिए क्यों नहीं। व्यापारी माल दबाकर नहीं रखते तो खाद के लिए किसानों के साथ महिलाओं को क्यों लाइन में लगना पड़ता यह सोचने का विषय है।
किसानों को सता रही चिंता
किसान महेंद्र का कहना है कि रबी फसल की बोआई के लिए डीएपी व यूरिया खाद नहीं मिलने की चिंता सता रही है। डीएपी खाद के लिए कई दिन से बाजार आ रहे हैं, लेकिन खाद नहीं मिली। वहीं अजय सिंह का कहना है कि बड़ी मशक्कत के बाद डीएपी व यूरिया खाद मिल रही है। इसके लिए केंद्र पर सुबह ही लाइन में लग गए थे। खाद की जरूरत दस बोरी यूरिया की है। खाद मिल रही है पांच बोरी। वह भी डीएपी की बजाए यूरिया खाद केंद्र पर मिली। किसान डब्बू का कहना है कि यूरिया खाद पाने के लिए दो तीन घंटा लाइन में लगना पड़ रहा है। जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। सरकार को चाहिए समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें। ताकि किसान गोदाम पर खाद के लिए पहुंचे तो उसे आसानी से खाद मिल जाए।
होडल। क्षेत्र में किसान अब फिर खाद की समस्या से जूझ रहे हैं। मंगलवार को पुराने जीटी रोड स्थित कृभको खाद केंद्र पर खाद के लिए दूसरे दिन भी किसान लाइन में लगे रहे। इस बार पहले की तरह महिलाओं की संख्या भी अधिक रही। खाद खत्म होते ही लाइन में लगे आधे से अधिक किसान बिना खाद के घर लौट गए। यह स्थिति अभी यूरिया के लिए हो रही है। डीएपी खाद गेहूं की बुआई के समय में ही गायब है। खाद की किल्लत के चलते ज्यादा संख्या में पहुंच रहे किसानों को खाद पुलिस की निगरानी में दी जा रही है। मंगलवार को भी किसानों को खाद पुलिस की निगरानी में दी गई।
खाद नहीं मिलने से किसान परेशान
डीएपी खाद नहीं मिलने के साथ यूरिया की जरूरत होने को लेकर दो दिनों तक किसानों में मारामारी की नौबत आ गई। सरकारी दर पर खाद पाने के लिए कृभको केंद्र पर महिलाएं भी लाइन में सुबह में ही लग गई। केंद्र पर एक आधार कार्ड पर छह बोरी तो बाजार में एक आधार कार्ड पर पांच बोरी अधिकतम यूरिया खाद दी जा रही थी। किसानों का कहना है कि रेट में अंतर होने से हमलोग खाद लेने के लिए पहुंचे हैं, फिर भी किसानों को मनमाफिक यूरिया और डीएपी खाद नहीं मिलने से शासन प्रशासन के प्रति निराशा का भाव देखा गया। हालांकि खाद विक्रेता यूरिया की कमी नहीं होने का दावा कर रहे हैं।
लाइन में लग रही हैं महिलाएं
बाजार में डीएपी के साथ यूरिया खाद भी गायब हो गई है। होडल क्षेत्र में पूरी तरह से खाली हो गया है। कुछ किसानों ने बताया कि बाजार में कुछ जगहों पर खाद यूरिया लोग दे रहे हैं। लेकिन जितना यूरिया खाद चाहिए उतनी नहीं मिल रही थी। एक वर्ष से खरीफ व रबी फसल के समय ऐसी स्थिति किसानों के साथ हो रही है। व्यापारियों के लिए क्यों नहीं। व्यापारी माल दबाकर नहीं रखते तो खाद के लिए किसानों के साथ महिलाओं को क्यों लाइन में लगना पड़ता यह सोचने का विषय है।
किसानों को सता रही चिंता
किसान महेंद्र का कहना है कि रबी फसल की बोआई के लिए डीएपी व यूरिया खाद नहीं मिलने की चिंता सता रही है। डीएपी खाद के लिए कई दिन से बाजार आ रहे हैं, लेकिन खाद नहीं मिली। वहीं अजय सिंह का कहना है कि बड़ी मशक्कत के बाद डीएपी व यूरिया खाद मिल रही है। इसके लिए केंद्र पर सुबह ही लाइन में लग गए थे। खाद की जरूरत दस बोरी यूरिया की है। खाद मिल रही है पांच बोरी। वह भी डीएपी की बजाए यूरिया खाद केंद्र पर मिली। किसान डब्बू का कहना है कि यूरिया खाद पाने के लिए दो तीन घंटा लाइन में लगना पड़ रहा है। जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। सरकार को चाहिए समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें। ताकि किसान गोदाम पर खाद के लिए पहुंचे तो उसे आसानी से खाद मिल जाए।