आरके पुरम में एक वकील ने घर में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों का कहना है कि कोरोना काल के बाद वह प्रैक्टिस नहीं कर पाया इस कारण डिप्रेशन में रहता था। इसी के चलते उसने फंदा लगाकर आत्महत्या की है। आरके पुरम निवासी मृतक वकील के पिता वकील महेश चंद्र ने बताया कि उसका 33 वर्षीय इकलौता बेटा विकास भी उसके साथ जिला कोर्ट करनाल में प्रैक्टिस करता था। कोरोना के कारण वह प्रैक्टिस नहीं कर पाया। इस कारण वह डिप्रेशन में रहने लगा। सोमवार सुबह वह कोर्ट में नहीं गया। बोला कि तबीयत खराब है। जब उसकी मां उसे खाना देने दोपहर करीब 2.30 बजे गई तो विकास ने फंदा लगाया था। आसपास के लोगों को बुलाकर कमरे का दरवाजा तोड़ा और विकास का शव फंदे से उतारकर अस्पताल ले आए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पिता बोले, कई बार उसे समझाया
मृतक के पिता महेश ने बताया कि उसका बेटा शादीशुदा था। करीब ढाई साल पहले उसकी शादी हुई थी। उसकी एक बेटी भी है। वह कम बोलता था। इसलिए अक्सर वह बेटे को समझाता था कि जिंदगी है तो सब कुछ है। लेकिन उसे नहीं पता था कि उसका बेटा यह कदम उठा देगा।
आरके पुरम में एक वकील ने घर में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों का कहना है कि कोरोना काल के बाद वह प्रैक्टिस नहीं कर पाया इस कारण डिप्रेशन में रहता था। इसी के चलते उसने फंदा लगाकर आत्महत्या की है। आरके पुरम निवासी मृतक वकील के पिता वकील महेश चंद्र ने बताया कि उसका 33 वर्षीय इकलौता बेटा विकास भी उसके साथ जिला कोर्ट करनाल में प्रैक्टिस करता था। कोरोना के कारण वह प्रैक्टिस नहीं कर पाया। इस कारण वह डिप्रेशन में रहने लगा। सोमवार सुबह वह कोर्ट में नहीं गया। बोला कि तबीयत खराब है। जब उसकी मां उसे खाना देने दोपहर करीब 2.30 बजे गई तो विकास ने फंदा लगाया था। आसपास के लोगों को बुलाकर कमरे का दरवाजा तोड़ा और विकास का शव फंदे से उतारकर अस्पताल ले आए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पिता बोले, कई बार उसे समझाया
मृतक के पिता महेश ने बताया कि उसका बेटा शादीशुदा था। करीब ढाई साल पहले उसकी शादी हुई थी। उसकी एक बेटी भी है। वह कम बोलता था। इसलिए अक्सर वह बेटे को समझाता था कि जिंदगी है तो सब कुछ है। लेकिन उसे नहीं पता था कि उसका बेटा यह कदम उठा देगा।