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कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन मंगलवार को 90वें दिन में प्रवेश कर गया। टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच मंगलवार को समर्थन देने के लिए सिर पर मोर पंख लगाकर छत्तीसगढ़ से भी किसान पहुंचे। इनमें न केवल पुरुष शामिल थे, बल्कि महिलाएं भी काफी संख्या में थीं। साथ ही छत्तीसगढ़ के किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की कि खेती से पहले पेट्रोल से भी बिचौलियों को हटा देना चाहिए। इससे अपने आप पेट्रोल के दाम कम हो जाएंगे।
बहादुरगढ़ में छत्तीसगढ़ के राजनांद गांव से किसान यहां पहुंचे हैं। किसानों के ग्रुप के साथ अनिल आंचल ने कहा कि इस लड़ाई में कई किसानों ने अपनी जान गंवाई है। इस शहादत को हम बेकार नहीं जाने देंगे। जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाते, तब तक किसानों की लड़ाई जारी रहेगी। टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा, पंजाब और यूपी के साथ अन्य राज्यों से किसानों के समर्थन में लोग लगातार पहुंच रहे हैं। कुछ दिन पहले किसानों की कम होती संख्या से अंदाजा लगाया जा रहा था कि आंदोलन कमजोर हो गया है, लेकिन टीकरी बॉर्डर पर लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है।
किसान धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि बिचौलियों को हटाना है जिससे किसानों को अपनी फसल का सही दाम मिल सके, जबकि दूसरी तरफ पेट्रोल के दाम 100 रुपये हो गए हैं। अगर सरकार इसमें से भी बिचौलियों को हटा दे तो शायद इतना महंगा पेट्रोल न हो। ऐसे ही सिलिंडर के मामले में भी है। निजी कंपनियों की वजह से आम लोगों को नुकसान होता है। अगर खेती में प्राइवेट कंपनी आ जाएगी तो इसी तरह सभी चीजों के दाम बढ़ते रहेंगे। कभी टैक्स के नाम पर तो कभी किसी के नाम पर महंगाई बढ़ाई जा रही है।
किसान सुखदेव ने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, मगर आज तक किसानों के हक की बात नहीं की गई है। सरकार की नीतियों से किसान कई साल से परेशान थे, मगर इस कानून ने किसानों को सड़क पर आने के लिए मजबूर कर दिया।
कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन मंगलवार को 90वें दिन में प्रवेश कर गया। टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच मंगलवार को समर्थन देने के लिए सिर पर मोर पंख लगाकर छत्तीसगढ़ से भी किसान पहुंचे। इनमें न केवल पुरुष शामिल थे, बल्कि महिलाएं भी काफी संख्या में थीं। साथ ही छत्तीसगढ़ के किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की कि खेती से पहले पेट्रोल से भी बिचौलियों को हटा देना चाहिए। इससे अपने आप पेट्रोल के दाम कम हो जाएंगे।
बहादुरगढ़ में छत्तीसगढ़ के राजनांद गांव से किसान यहां पहुंचे हैं। किसानों के ग्रुप के साथ अनिल आंचल ने कहा कि इस लड़ाई में कई किसानों ने अपनी जान गंवाई है। इस शहादत को हम बेकार नहीं जाने देंगे। जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाते, तब तक किसानों की लड़ाई जारी रहेगी। टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा, पंजाब और यूपी के साथ अन्य राज्यों से किसानों के समर्थन में लोग लगातार पहुंच रहे हैं। कुछ दिन पहले किसानों की कम होती संख्या से अंदाजा लगाया जा रहा था कि आंदोलन कमजोर हो गया है, लेकिन टीकरी बॉर्डर पर लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है।
किसान धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि बिचौलियों को हटाना है जिससे किसानों को अपनी फसल का सही दाम मिल सके, जबकि दूसरी तरफ पेट्रोल के दाम 100 रुपये हो गए हैं। अगर सरकार इसमें से भी बिचौलियों को हटा दे तो शायद इतना महंगा पेट्रोल न हो। ऐसे ही सिलिंडर के मामले में भी है। निजी कंपनियों की वजह से आम लोगों को नुकसान होता है। अगर खेती में प्राइवेट कंपनी आ जाएगी तो इसी तरह सभी चीजों के दाम बढ़ते रहेंगे। कभी टैक्स के नाम पर तो कभी किसी के नाम पर महंगाई बढ़ाई जा रही है।
किसान सुखदेव ने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, मगर आज तक किसानों के हक की बात नहीं की गई है। सरकार की नीतियों से किसान कई साल से परेशान थे, मगर इस कानून ने किसानों को सड़क पर आने के लिए मजबूर कर दिया।