हरियाणा के झज्जर जिले के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता पैरोल जंपर अपराधियों को पकड़ने के लिए झज्जर पुलिस ने पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस अधीक्षक वसीम अकरम ने जिले के सभी थाना प्रबंधकों व सीआईए प्रभारियों को उन्हें पकड़ने के कड़े दिशा निर्देश दिए हैं। वहीं बादली निवासी मैनपाल पर पहले भी पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है।
संगीन किस्म की अनेक आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले जिले के 9 अति वांछित पैरोल जंपर अपराधियों को पकड़ने के लिए नकद इनाम देने की घोषणा की गई है। आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के मामलों में अदालत की ओर से दोषी ठहराने व सजा दिए जाने के पश्चात पैरोल की छुट्टी लेकर जेल से बाहर जाने और निश्चित तारीख को वापस जेल में हाजिर न होने वाले वाले अति वांछित पैरोल जंपर दोषियों को पकड़ने के लिए पांच-पांच हजार रुपए का इनाम रखा गया है।
पैरोल जंपर के संबंध में पुख्ता सूचना देने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग इनाम की राशि घोषित की गई है। इनाम घोषित होने के बाद पैरोल जंपर दोषियों की धरपकड़ के लिए योजना बनाकर गंभीरता से कार्रवाई अमल में लाई जाए।
पुलिस ने अति वांछित पैरोल जंपर आपराधियों की सूची जारी की है।
1. वर्ष 1995 में थाना सांपला में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी मीनू उर्फ मोनू पुत्र जीवन निवासी गांव रोहद जिला झज्जर, जो 07 अगस्त 2004 में पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित 9 नवंबर 2004 को वापस जेल में हाजिर नहीं हुआ। जिस के संबंध में थाना सदर बहादुरगढ़ में 14 दिसंबर 2004 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
2. वर्ष 2003 में थाना महम रोहतक में दर्ज एक आपराधिक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी अशोक पुत्र गोपीराम निवासी गांव खातीवास जिला झज्जर, जो 2 जून 2006 को पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। जिसे 30 जून 2006 को वापस जेल में हाजिर होना था, लेकिन वह अपनी निर्धारित तिथि पर जेल में हाजिर नहीं हुआ। जिस के संबंध में थाना झज्जर में 1 जुलाई 2006 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
3. वर्ष 1999 में थाना बोंद कलां जिला भिवानी में दर्ज एक आपराधिक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी पवन पुत्र खजान सिंह निवासी गांव खरहर जिला झज्जर, जो पैरोल की छुट्टी के पश्चात 5 जुलाई 2009 की निर्धारित तिथि को जेल में वापस हाजिर नहीं आया। जिस पर 3 अप्रैल 2012 को थाना सदर बहादुरगढ़ में जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
4. वर्ष 2008 में थाना झज्जर में दर्ज दहेज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी सतबीर पुत्र सुबे सिंह निवासी गांव सुरहा जिला झज्जर, जो 3 नवंबर 2014 को पैरोल की छुट्टी लेकर झज्जर जेल से बाहर आया था। जिसे 18 नवंबर 2014 को जेल में वापस हाजिर होना था, लेकिन वह जेल में हाजिर ना होकर फरार हो गया। जिस के संबंध में थाना झज्जर में 28 नवंबर 2014 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
5. वर्ष 2006 में थाना सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी विजयपाल पुत्र रूप राम निवासी गांव जाखोदा जिला झज्जर, जो 10 जून 2015 को पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 23 जुलाई 2015 को वापस जेल में हाजिर ना होकर फरार हो गया। जिसके संबंध में थाना सदर बहादुरगढ़ में 9 अगस्त 2015 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
6. वर्ष 2007 में थाना शहर व सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के अलग-अलग मामलों में उम्र कैद की सजा का दोषी मैनपाल उर्फ ढीला पुत्र भगवान सिंह निवासी बादली जिला झज्जर जो 17 जुलाई 2018 को पैरोल की छुट्टी लेकर हिसार जेल से बाहर आया था। वह अपनी निर्धारित तिथि 29 अगस्त 2018 को वापस जेल में हाजिर ना होकर फरार हो गया था। उपरोक्त दोषी के खिलाफ 10 सितंबर 2018 को थाना सदर बहादुरगढ़ में जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उपरोक्त दोषी को पकड़ने के लिए 500000 रुपये का इनाम रखा गया है।
7. वर्ष 2014 में थाना सतनाली जिला महेंद्रगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी संदीप उर्फ ढोलक पुत्र हंसराज निवासी गांव बुपनिया जिला झज्जर, जो 27 नवंबर 2019 को पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 19 दिसंबर 2019 को जेल में वापस हाजिर न होकर फरार हो गया था। जिस के संबंध में थाना बादली में जेल अधिनियम के तहत 29 दिसंबर 2019 को मामला दर्ज किया गया था।
8. वर्ष 2007 में थाना सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी नरेंद्र उर्फ झबू पुत्र बिजेंद्र सिंह निवासी बादली जो 7 जुलाई 2020 को गुरुग्राम जेल से पैरोल की छुट्टी लेकर बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 24 अप्रैल 2021 को जेल में वापिस हाजिर ना होकर फरार हो गया था। दोषी के खिलाफ 24 मई 2021 को थाना बादली में जेल अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया गया था।
9. वर्ष 2020 में थाना सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी रमेश पुत्र धर्मबीर निवासी गांव सौलधा जिला झज्जर, जो पैरोल की छुट्टी लेकर 18 मई 2021 को झज्जर जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 25 सितंबर 2021 को वापस जेल में हाजिर न होकर फरार हो गया था। दोषी के खिलाफ 7 अक्टूबर 2021 को थाना सदर बहादुरगढ़ में जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
विस्तार
हरियाणा के झज्जर जिले के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता पैरोल जंपर अपराधियों को पकड़ने के लिए झज्जर पुलिस ने पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस अधीक्षक वसीम अकरम ने जिले के सभी थाना प्रबंधकों व सीआईए प्रभारियों को उन्हें पकड़ने के कड़े दिशा निर्देश दिए हैं। वहीं बादली निवासी मैनपाल पर पहले भी पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है।
संगीन किस्म की अनेक आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले जिले के 9 अति वांछित पैरोल जंपर अपराधियों को पकड़ने के लिए नकद इनाम देने की घोषणा की गई है। आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के मामलों में अदालत की ओर से दोषी ठहराने व सजा दिए जाने के पश्चात पैरोल की छुट्टी लेकर जेल से बाहर जाने और निश्चित तारीख को वापस जेल में हाजिर न होने वाले वाले अति वांछित पैरोल जंपर दोषियों को पकड़ने के लिए पांच-पांच हजार रुपए का इनाम रखा गया है।
पैरोल जंपर के संबंध में पुख्ता सूचना देने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग इनाम की राशि घोषित की गई है। इनाम घोषित होने के बाद पैरोल जंपर दोषियों की धरपकड़ के लिए योजना बनाकर गंभीरता से कार्रवाई अमल में लाई जाए।
पुलिस ने अति वांछित पैरोल जंपर आपराधियों की सूची जारी की है।
1. वर्ष 1995 में थाना सांपला में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी मीनू उर्फ मोनू पुत्र जीवन निवासी गांव रोहद जिला झज्जर, जो 07 अगस्त 2004 में पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित 9 नवंबर 2004 को वापस जेल में हाजिर नहीं हुआ। जिस के संबंध में थाना सदर बहादुरगढ़ में 14 दिसंबर 2004 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
2. वर्ष 2003 में थाना महम रोहतक में दर्ज एक आपराधिक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी अशोक पुत्र गोपीराम निवासी गांव खातीवास जिला झज्जर, जो 2 जून 2006 को पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। जिसे 30 जून 2006 को वापस जेल में हाजिर होना था, लेकिन वह अपनी निर्धारित तिथि पर जेल में हाजिर नहीं हुआ। जिस के संबंध में थाना झज्जर में 1 जुलाई 2006 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
3. वर्ष 1999 में थाना बोंद कलां जिला भिवानी में दर्ज एक आपराधिक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी पवन पुत्र खजान सिंह निवासी गांव खरहर जिला झज्जर, जो पैरोल की छुट्टी के पश्चात 5 जुलाई 2009 की निर्धारित तिथि को जेल में वापस हाजिर नहीं आया। जिस पर 3 अप्रैल 2012 को थाना सदर बहादुरगढ़ में जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
4. वर्ष 2008 में थाना झज्जर में दर्ज दहेज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी सतबीर पुत्र सुबे सिंह निवासी गांव सुरहा जिला झज्जर, जो 3 नवंबर 2014 को पैरोल की छुट्टी लेकर झज्जर जेल से बाहर आया था। जिसे 18 नवंबर 2014 को जेल में वापस हाजिर होना था, लेकिन वह जेल में हाजिर ना होकर फरार हो गया। जिस के संबंध में थाना झज्जर में 28 नवंबर 2014 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
5. वर्ष 2006 में थाना सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी विजयपाल पुत्र रूप राम निवासी गांव जाखोदा जिला झज्जर, जो 10 जून 2015 को पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 23 जुलाई 2015 को वापस जेल में हाजिर ना होकर फरार हो गया। जिसके संबंध में थाना सदर बहादुरगढ़ में 9 अगस्त 2015 को जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
6. वर्ष 2007 में थाना शहर व सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के अलग-अलग मामलों में उम्र कैद की सजा का दोषी मैनपाल उर्फ ढीला पुत्र भगवान सिंह निवासी बादली जिला झज्जर जो 17 जुलाई 2018 को पैरोल की छुट्टी लेकर हिसार जेल से बाहर आया था। वह अपनी निर्धारित तिथि 29 अगस्त 2018 को वापस जेल में हाजिर ना होकर फरार हो गया था। उपरोक्त दोषी के खिलाफ 10 सितंबर 2018 को थाना सदर बहादुरगढ़ में जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उपरोक्त दोषी को पकड़ने के लिए 500000 रुपये का इनाम रखा गया है।
7. वर्ष 2014 में थाना सतनाली जिला महेंद्रगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी संदीप उर्फ ढोलक पुत्र हंसराज निवासी गांव बुपनिया जिला झज्जर, जो 27 नवंबर 2019 को पैरोल की छुट्टी लेकर रोहतक जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 19 दिसंबर 2019 को जेल में वापस हाजिर न होकर फरार हो गया था। जिस के संबंध में थाना बादली में जेल अधिनियम के तहत 29 दिसंबर 2019 को मामला दर्ज किया गया था।
8. वर्ष 2007 में थाना सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी नरेंद्र उर्फ झबू पुत्र बिजेंद्र सिंह निवासी बादली जो 7 जुलाई 2020 को गुरुग्राम जेल से पैरोल की छुट्टी लेकर बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 24 अप्रैल 2021 को जेल में वापिस हाजिर ना होकर फरार हो गया था। दोषी के खिलाफ 24 मई 2021 को थाना बादली में जेल अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया गया था।
9. वर्ष 2020 में थाना सदर बहादुरगढ़ में दर्ज हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा का दोषी रमेश पुत्र धर्मबीर निवासी गांव सौलधा जिला झज्जर, जो पैरोल की छुट्टी लेकर 18 मई 2021 को झज्जर जेल से बाहर आया था। वह अपनी वापसी की निर्धारित तिथि 25 सितंबर 2021 को वापस जेल में हाजिर न होकर फरार हो गया था। दोषी के खिलाफ 7 अक्टूबर 2021 को थाना सदर बहादुरगढ़ में जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।