रेल के जरिए बिहार से मानव तस्करी का धंधा इस समय जोरों पर है। इसीलिए रेलवे सुरक्षा एजेंसियां भी चौकस हो गई हैं। 8 जुलाई को कर्मभूमि ट्रेन से बरामद किए गए 18 बच्चों के बाद वीरवार को एक बार फिर ट्रेन में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। ट्रेन नंबर 02407 न्यूजलपाईगुुड़ी-अमृतसर, कर्मभूमि एक्सप्रेस के छावनी स्टेशन पहुंचते ही 7 अलग-अलग टीमों ने 22 कोच की ट्रेन को घेर लिया। जांच के दौरान लगभग 7 कोच से 50 बच्चों को संरक्षण में लिया गया। टीम की इस कार्रवाई के दौरान ट्रेन में सनसनी फैल गई और यात्री सहम गए। पूछताछ के दौरान टीम को 27 बच्चे नाबालिग मिले। इन बच्चों की काउंसलिंग कर परिजनों की जानकारी हासिल की जाएगी। वहीं मानव तस्कर गिरोह के बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
कर्मभूमि एक्सप्रेस में बिहार के अलग-अलग जिलों से लुधियाना ले जाए जा रहे बच्चों को गुप्त सूचना के आधार पर 80 कर्मचारियों की टीम ने रेस्क्यू किया। ट्रेन लगभग दोपहर 1.18 बजे प्लेटफार्म 7 पर पहुंची। ट्रेन के रुकते ही कर्मचारी तुरंत सभी डिब्बों में घुस गए और अकेले बैठे बच्चों को संरक्षण में लिया। सभी को ट्रेन से उतारकर प्लेटफार्म पर बैठाया गया। ट्रेन में तलाशी अभियान चलाने के लिए बाकायदा रेलवे की तरफ से 10 मिनट के ठहराव की अतिरिक्त इजाजत ली गई थी। कार्रवाई संपन्न होने के बाद ट्रेन को 1.23 बजे की जगह 1.33 बजे रवाना किया गया। बच्चों को पूछताछ के लिए प्लेटफार्म 1 पर बने रिटायरिंग रूम में लाया गया। सभी के घर का पता और परिजनों का मोबाइल नंबर पूछा गया। सभी बच्चे काफी डरे सहमे हुए थे। टीम में जीआरपी, आरपीएफ, रेलवे चाइल्ड टीम, जिला बाल कल्याण समिति टीम, जिला बाल सुरक्षा टीम, ओपन शेल्टर होम टीम, बचपन बचाओ अभियान टीम, एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग टीम पंचकूला व अंबाला की टीम ने पूरी योजना के तहत आपसी तालमेल से कार्य किया।
बिहार के तीन जिलों से हैं बच्चे
प्राथमिक पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वह पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार के रहने वाले हैं। वह अपने मामा, चाचा व भाई संग लुधियाना जा रहे थे।
ट्रेन से मानव तस्करी की सूचना मिली थी। कर्मभूमि एक्सप्रेस में चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 27 बच्चे नाबालिग मिले हैं। सभी की डीडीआर कटवाकर मेडिकल करवाया गया है और उन्हें अभी ओपन शेल्टर होम भेजा गया है। प्राथमिक पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वह चाचा, मामा व भाई संग लुधियाना जा रहे थे। बच्चे काफी डरे सहमे हैं। काउंसलिंग के बाद ही पूरी जानकारी मिल पाएगी।
राकेश चोपड़ा, कॉओर्डिनेटर रेलवे चाइल्ड टीम।
रेल के जरिए बिहार से मानव तस्करी का धंधा इस समय जोरों पर है। इसीलिए रेलवे सुरक्षा एजेंसियां भी चौकस हो गई हैं। 8 जुलाई को कर्मभूमि ट्रेन से बरामद किए गए 18 बच्चों के बाद वीरवार को एक बार फिर ट्रेन में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। ट्रेन नंबर 02407 न्यूजलपाईगुुड़ी-अमृतसर, कर्मभूमि एक्सप्रेस के छावनी स्टेशन पहुंचते ही 7 अलग-अलग टीमों ने 22 कोच की ट्रेन को घेर लिया। जांच के दौरान लगभग 7 कोच से 50 बच्चों को संरक्षण में लिया गया। टीम की इस कार्रवाई के दौरान ट्रेन में सनसनी फैल गई और यात्री सहम गए। पूछताछ के दौरान टीम को 27 बच्चे नाबालिग मिले। इन बच्चों की काउंसलिंग कर परिजनों की जानकारी हासिल की जाएगी। वहीं मानव तस्कर गिरोह के बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
कर्मभूमि एक्सप्रेस में बिहार के अलग-अलग जिलों से लुधियाना ले जाए जा रहे बच्चों को गुप्त सूचना के आधार पर 80 कर्मचारियों की टीम ने रेस्क्यू किया। ट्रेन लगभग दोपहर 1.18 बजे प्लेटफार्म 7 पर पहुंची। ट्रेन के रुकते ही कर्मचारी तुरंत सभी डिब्बों में घुस गए और अकेले बैठे बच्चों को संरक्षण में लिया। सभी को ट्रेन से उतारकर प्लेटफार्म पर बैठाया गया। ट्रेन में तलाशी अभियान चलाने के लिए बाकायदा रेलवे की तरफ से 10 मिनट के ठहराव की अतिरिक्त इजाजत ली गई थी। कार्रवाई संपन्न होने के बाद ट्रेन को 1.23 बजे की जगह 1.33 बजे रवाना किया गया। बच्चों को पूछताछ के लिए प्लेटफार्म 1 पर बने रिटायरिंग रूम में लाया गया। सभी के घर का पता और परिजनों का मोबाइल नंबर पूछा गया। सभी बच्चे काफी डरे सहमे हुए थे। टीम में जीआरपी, आरपीएफ, रेलवे चाइल्ड टीम, जिला बाल कल्याण समिति टीम, जिला बाल सुरक्षा टीम, ओपन शेल्टर होम टीम, बचपन बचाओ अभियान टीम, एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग टीम पंचकूला व अंबाला की टीम ने पूरी योजना के तहत आपसी तालमेल से कार्य किया।
बिहार के तीन जिलों से हैं बच्चे
प्राथमिक पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वह पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार के रहने वाले हैं। वह अपने मामा, चाचा व भाई संग लुधियाना जा रहे थे।
ट्रेन से मानव तस्करी की सूचना मिली थी। कर्मभूमि एक्सप्रेस में चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 27 बच्चे नाबालिग मिले हैं। सभी की डीडीआर कटवाकर मेडिकल करवाया गया है और उन्हें अभी ओपन शेल्टर होम भेजा गया है। प्राथमिक पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वह चाचा, मामा व भाई संग लुधियाना जा रहे थे। बच्चे काफी डरे सहमे हैं। काउंसलिंग के बाद ही पूरी जानकारी मिल पाएगी।
राकेश चोपड़ा, कॉओर्डिनेटर रेलवे चाइल्ड टीम।