गोरखपुर जिला महिला अस्पताल की संविदा कर्मी शहाना निशा उर्फ सुहानी की मौत के मामले में गिरफ्तार व जेल भेजा गया दरोगा राजेंद्र सिंह को एलआईयू की विशेष शाखा से निलंबित कर दिया गया है। दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के तथ्यों के अनुसार बर्खास्तगी भी की जा सकती है।
जानकारी के अनुसार, बेलीपार के भीटी गांव की शहाना निशा की कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर में 15 अक्तूबर को किराए के मकान में फंदे से लटकती लाश मिली थी। गले में फंदा था और घुटने जमीन पर टिके हुए थे। शव के पास ही शहाना का करीब एक वर्ष का बेटा बिलख रहा था। इस मामले में एलआईयू की विशेष शाखा में तैनात दरोगा राजेंद्र सिंह को आरोपित बनाया गया है। दरोगा पर शहाना को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज है। इसकी रिपोर्ट एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने एलआईयू विशेष शाखा के एसपी को भेज दी थी। इसका संज्ञान लेकर ही लखनऊ मुख्यालय से राजेंद्र सिंह के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है। इसकी पुष्टि भी विभागीय अधिकारियों ने कर दी है।
गोरखपुर आया आरोपी का बेटा, अच्छे अधिवक्ता की तलाश
जेल भेजे गए दरोगा राजेंद्र सिंह का बेटा मंगलवार को गोरखपुर आया। एलआईयू की विशेष शाखा में जाकर घटना की जानकारी ली। साथ ही अच्छे अधिवक्ता की तलाश में लगा रहा। एलआईयू की विशेष शाखा पहुंचे बेटे ने कहा कि बुधवार को राजेंद्र सिंह से जेल में मिलने का प्रयास करेगा। पूरी जानकारी के बाद जमानत के लिए अर्जी डालेगा।
फोरेंसिक जांच के लिए भेजा मोबाइल
कोतवाली पुलिस के मुताबिक शहाना का मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जल्द ही रिपोर्ट आएगी, फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शहाना की मौत की विवेचना एसआई रतन कुमार पांडेय को दी गई है।
निलंबित दरोगा को मंडलीय कारागार के मिलेनियम बैरक में रखा गया है। जेल सूत्रों के मुताबिक दरोगा राजेंद्र सिंह मंगलवार की पूरी रात बेचैन दिखा। खाना भी ठीक से नहीं खाया। 84 बंदियों के बीच रात गुजारी। दरोगा के पास कपड़े भी नहीं थे। जो कपड़े पहनकर जेल गया था, वही पहनकर रहना पड़ा। राजेंद्र मंगलवार को दिनभर बेटे के आने की राह देखता रहा, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। सार्वजनिक अवकाश की वजह से बेटे से मुलाकात भी नहीं हुई।
मासूम के पालन-पोषण का खर्च मांगा
शहाना का मासूम बेटा बेलीपार के भीटी गांव में अपनी नानी के पास है। नाना इनायतुल्ला का कहना है कि मासूम के पालन-पोषण व पढ़ाई का खर्च मिलना चाहिए। यह खर्च दरोगा से दिलवाया जाए। उनका आरोप है कि बच्चा दरोगा का ही है। शहाना जिंदा होती तो सच सामने आ जाता, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। शहाना की मौत हो चुकी है।
उपलब्ध कराया जाए शहाना का मोबाइल
फंदे से लटकी मिली शहाना का मोबाइल फोन परिजनों को नहीं मिल सका है। मृतका के भाई कैफ का कहना है कि मोबाइल फोन उन्हें उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसमें दरोगा की करतूत जरूर कैद होगी। शहाना गत गुरुवार को भीटी गांव आई थी। गोरखपुर गई तो मोबाइल फोन साथ था। देर रात मोबाइल फोन पर बात भी हुई थी। शुक्रवार की सुबह छह बजे शहाना के मौत की खबर आ गई, लेकिन मोबाइल फोन नहीं दिया गया। यह भी जानकारी मिली है कि मोबाइल फोन को तोड़ दिया गया था, ताकि किसी तरह का सुराग न मिल सके।
बहन के कमरे तक नहीं जाने दिया
जिस कमरे में शहाना की मौत हुई थी, उसे भी पुलिस ने सील कर दिया है। मृतका के भाई कैफ का कहना है कि कमरे को खोलकर छानबीन कराई जाए। आरोप लगाया कि शहाना के परिजनों को कमरे में घुसने तक नहीं दिया गया है। मां, बहनोई व मामा बक्शीपुर स्थित मकान तक गए तो कोतवाली पुलिस ने सख्त हिदायत दी। थाने ले जाकर जेल भेजने तक की धमकी दी गई। अगर कमरे की गहनता से छानबीन हो तो दरोगा व शहाना के बीच संबंधों की कड़ी तलाशने में मदद मिल सकती है। पता चल सकता है कि दरोगा का स्वभाव कैसा था? जिस तारीख को घटना घटी, उस दिन क्या हुआ था, यह भी पता हो सकता है। कमरे से शहाना का सामान भी नहीं मिला है।
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गोरखपुर जिला महिला अस्पताल की संविदा कर्मी शहाना निशा उर्फ सुहानी की मौत के मामले में गिरफ्तार व जेल भेजा गया दरोगा राजेंद्र सिंह को एलआईयू की विशेष शाखा से निलंबित कर दिया गया है। दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के तथ्यों के अनुसार बर्खास्तगी भी की जा सकती है।
जानकारी के अनुसार, बेलीपार के भीटी गांव की शहाना निशा की कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर में 15 अक्तूबर को किराए के मकान में फंदे से लटकती लाश मिली थी। गले में फंदा था और घुटने जमीन पर टिके हुए थे। शव के पास ही शहाना का करीब एक वर्ष का बेटा बिलख रहा था। इस मामले में एलआईयू की विशेष शाखा में तैनात दरोगा राजेंद्र सिंह को आरोपित बनाया गया है। दरोगा पर शहाना को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज है। इसकी रिपोर्ट एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने एलआईयू विशेष शाखा के एसपी को भेज दी थी। इसका संज्ञान लेकर ही लखनऊ मुख्यालय से राजेंद्र सिंह के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है। इसकी पुष्टि भी विभागीय अधिकारियों ने कर दी है।
गोरखपुर आया आरोपी का बेटा, अच्छे अधिवक्ता की तलाश
जेल भेजे गए दरोगा राजेंद्र सिंह का बेटा मंगलवार को गोरखपुर आया। एलआईयू की विशेष शाखा में जाकर घटना की जानकारी ली। साथ ही अच्छे अधिवक्ता की तलाश में लगा रहा। एलआईयू की विशेष शाखा पहुंचे बेटे ने कहा कि बुधवार को राजेंद्र सिंह से जेल में मिलने का प्रयास करेगा। पूरी जानकारी के बाद जमानत के लिए अर्जी डालेगा।
फोरेंसिक जांच के लिए भेजा मोबाइल
कोतवाली पुलिस के मुताबिक शहाना का मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जल्द ही रिपोर्ट आएगी, फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शहाना की मौत की विवेचना एसआई रतन कुमार पांडेय को दी गई है।