गोरखपुर जिला बदर माफिया सुधीर सिंह के बाद पत्नी अंजू सिंह का भी नामांकन पत्र निरस्त हो गया। इस तरह जिले के पिपरौली ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के दो वार्ड खाली रह गए हैं। वार्ड नंबर 52 से जिला बदर माफिया सुधीर सिंह एवं वार्ड नंबर 45 से उसकी पत्नी अंजू सिंह का पर्चा जांच के दौरान निरस्त होने से यह स्थिति बनी है। वहां से जो प्रत्याशी बाकी बचे थे, उन्होंने बुधवार को अपना पर्चा वापस ले लिया।
वार्ड नंबर 52 से सुधीर सिंह के अलावा पांच प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। पांचों ने पर्चा वापस ले लिया, जबकि वार्ड नंबर 45 में सुधीर की पत्नी अंजू सिंह ही अकेली प्रत्याशी थीं, उनका पर्चा निरस्त हो जाने से यह वार्ड भी रिक्त हो गया। अब दोनों ही वार्डों में पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद आयोग की तरफ से उपचुनाव पर कोई निर्णय होगा।
पिपरौली ब्लॉक में चुनाव से जुड़े कुछ अधिकारियों की ओर से पांच प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचन की सूचना दे दी गई थी। इसमें वार्ड नंबर 52 से सुधीर सिंह तो वार्ड नंबर 45 से उसकी पत्नी अंजू सिंह का नाम भी शामिल था। इसके अलावा वार्ड नंबर 38 से संजू सिंह, वार्ड नंबर 44 से दिलीप यादव एवं वार्ड नंबर 87 से उर्मिला निर्विरोध चुनी गईं थीं।
सुधीर सिंह के निर्वाचन की सूचना सामने आई तो आला अफसरों ने फिर जांच कराई। पता चला कि पर्चा पहले ही निरस्त किया जा चुका है। प्रशासन का दावा है कि माफिया सुधीर सिंह के नाम पर किसी दूसरे ने पर्चा दाखिल कर रखा था। वहीं जरूरी दस्तावेज नहीं होने के कारण उसकी पत्नी का भी पर्चा निरस्त कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को पूरे दिन यह मामला, पिपरौली ब्लॉक समेत पूरे जिले में चर्चा का विषय बना रहा।
जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि माफिया सुधीर सिंह के नाम पर किसी ने पर्चा दाखिल कर दिया था, जांच के दौरान ही उसे खारिज कर दिया गया था। जांच में ही उसकी पत्नी का भी पर्चा खारिज हो चुका था। ऐसे में पिपरौली ब्लॉक के दो वार्ड अब खाली हो गए हैं। यहां पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद उपचुनाव पर कोई निर्णय होगा।
विस्तार
गोरखपुर जिला बदर माफिया सुधीर सिंह के बाद पत्नी अंजू सिंह का भी नामांकन पत्र निरस्त हो गया। इस तरह जिले के पिपरौली ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के दो वार्ड खाली रह गए हैं। वार्ड नंबर 52 से जिला बदर माफिया सुधीर सिंह एवं वार्ड नंबर 45 से उसकी पत्नी अंजू सिंह का पर्चा जांच के दौरान निरस्त होने से यह स्थिति बनी है। वहां से जो प्रत्याशी बाकी बचे थे, उन्होंने बुधवार को अपना पर्चा वापस ले लिया।
वार्ड नंबर 52 से सुधीर सिंह के अलावा पांच प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। पांचों ने पर्चा वापस ले लिया, जबकि वार्ड नंबर 45 में सुधीर की पत्नी अंजू सिंह ही अकेली प्रत्याशी थीं, उनका पर्चा निरस्त हो जाने से यह वार्ड भी रिक्त हो गया। अब दोनों ही वार्डों में पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद आयोग की तरफ से उपचुनाव पर कोई निर्णय होगा।
पिपरौली ब्लॉक में चुनाव से जुड़े कुछ अधिकारियों की ओर से पांच प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचन की सूचना दे दी गई थी। इसमें वार्ड नंबर 52 से सुधीर सिंह तो वार्ड नंबर 45 से उसकी पत्नी अंजू सिंह का नाम भी शामिल था। इसके अलावा वार्ड नंबर 38 से संजू सिंह, वार्ड नंबर 44 से दिलीप यादव एवं वार्ड नंबर 87 से उर्मिला निर्विरोध चुनी गईं थीं।
सुधीर सिंह के निर्वाचन की सूचना सामने आई तो आला अफसरों ने फिर जांच कराई। पता चला कि पर्चा पहले ही निरस्त किया जा चुका है। प्रशासन का दावा है कि माफिया सुधीर सिंह के नाम पर किसी दूसरे ने पर्चा दाखिल कर रखा था। वहीं जरूरी दस्तावेज नहीं होने के कारण उसकी पत्नी का भी पर्चा निरस्त कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को पूरे दिन यह मामला, पिपरौली ब्लॉक समेत पूरे जिले में चर्चा का विषय बना रहा।
जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि माफिया सुधीर सिंह के नाम पर किसी ने पर्चा दाखिल कर दिया था, जांच के दौरान ही उसे खारिज कर दिया गया था। जांच में ही उसकी पत्नी का भी पर्चा खारिज हो चुका था। ऐसे में पिपरौली ब्लॉक के दो वार्ड अब खाली हो गए हैं। यहां पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद उपचुनाव पर कोई निर्णय होगा।