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गोरखपुर महायोजना 2031: साहब! प्रारूप नहीं बदला तो दो गांवों में एक ईंट भी नहीं रख सकेंगे हम

अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Thu, 08 Dec 2022 11:05 AM IST
सार

महायोजना के प्रारूप के मुताबिक फोरलेन बाईपास के दोनों तरफ बफर जोन के तौर पर 30-30 मीटर के क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं हो सकता। साथ ही 18-18 मीटर का क्षेत्र सर्विस लेन के लिए सुरक्षित कर दिया गया है। लोगों का कहना था कि अगर जीडीए इस प्रस्ताव को लागू कर देता है तो दोनों गांव के लोगों के पास जमीन तो होगी, लेकिन वे उस पर एक भी ईंट नहीं रख पाएंगे।

गोरखपुर विकास प्राधिकरण
गोरखपुर विकास प्राधिकरण - फोटो : Social Media

विस्तार

गोरखपुर विकास प्राधिकरण की नई महायोजना के प्रारूप में कुछ क्षेत्रों की जमीन के बदले लैंड यूज को लेकर न केवल आम जनता परेशान है बल्कि प्राधिकरण के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए हैं। ऐसा ही चौंकाने वाला मामला मठिया और रमवापुर का सामने आया है।



आपत्ति दर्ज कराने के बाद बुधवार को सुनवाई में पहुंचे दोनों ही गांवों के लोगों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गांव के पूरे सिवान की सैकड़ों एकड़ जमीन को खेल मैदान घोषित कर दिया गया है। बाकी जो जमीन बची है, वह इस इलाके से निकल रहे फोरलेन बाईपास की वजह से बफर जोन और सर्विस लेन में चली जा रही है।


महायोजना के प्रारूप के मुताबिक फोरलेन बाईपास के दोनों तरफ बफर जोन के तौर पर 30-30 मीटर के क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं हो सकता। साथ ही 18-18 मीटर का क्षेत्र सर्विस लेन के लिए सुरक्षित कर दिया गया है। लोगों का कहना था कि अगर जीडीए इस प्रस्ताव को लागू कर देता है तो दोनों गांव के लोगों के पास जमीन तो होगी, लेकिन वे उस पर एक भी ईंट नहीं रख पाएंगे। लोगों की बात सुनकर खुद सुनवाई कर रहे कमेटी के अध्यक्ष यानी जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने भी आश्चर्य जताया। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि किसी का भी अहित नहीं होने दिया जाएगा।

बुधवार को महायोजना के प्रारूप पर दर्ज आपत्तियों को लेकर सुनवाई का 10वां दिन था। इस दौरान ग्राम मठिया से विवेक पांडेय, प्रभावती देवी, रामआसरे, बसंत प्रसाद, भिखारी, गुलाब सिंह, सूर्यनाथ, ऊषा देवी, सुरेंद्र सिंह, बसंत, कैलाश प्रसाद, सुभावती देवी समेत 25 से अधिक लोग पूरे गांव वालों की तरफ से पक्ष रखने पहुंचे थे।

वहीं रुद्रपुर चौरीचौरा से 50, कोनी सिरोहिया से 10, करमहा उर्फ कम्हरिया खुटहन, जंगलधूषण, खुटहन, जंगल रामगढ़ रजही, मिर्जापुर खुटहन से आए लोगों ने खुला क्षेत्र को आवासीय करने की मांग की। बशारतपुर नियामक चक से आए 50 की संख्या में लोगों ने भू-प्रयोग, आवासीय से व्यावसायिक करने की मांग रखी। इसी तरह मानीराम तप्ता मराछी से आए 200 आपत्तिकर्ताओं एवं देवरिया बाइपास से आए 25 की संख्या में आपत्तिकर्ताओं ने व्यावसायिक करने की मांग की।

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